कलवार समाज के दीपावली मंगल मिलन समारोह में उमड़ा उत्साह, देशभर के समाजसेवियों ने की एकजुटता की अपील
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लेखक:- वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार
प्रकाशित: 13 अक्टूबर 2025
नई दिल्ली, कलवार समाज की गौरवपूर्ण परंपरा और क्षत्रिय वीरता की अमिट छाप को समाहित करने वाला दीपावली मंगल मिलन समारोह दिल्ली में भव्य रूप से संपन्न हुआ। जायसवाल सर्वर्गीय महासभा दिल्ली एनसीआर के अध्यक्ष एडवोकेट शैलेंद्र जायसवाल के संयोजन में आयोजित इस समारोह में देशभर से प्रमुख समाजसेवी, राजनीतिक हस्तियां और स्वजातीय पत्रकार एक मंच पर आए। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल की उपस्थिति ने कार्यक्रम को नई ऊंचाई प्रदान की। समारोह का फोकस राजनीतिक भागीदारी पर रहा, जिसमें बिहार चुनाव में समाज को एकजुट होकर स्वजातीय उम्मीदवारों को जिताने की भावुक अपील की गई।
कलवार समाज: क्षत्रिय वीरता और सांस्कृतिक गाथा का प्रतीक
कलवार समाज, जिसे कलाल या कलार के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस समाज का उद्भव प्राचीन हैहय वंशी क्षत्रिय वंश से जुड़ा माना जाता है, जो चंद्रवंशी यदुवंश की संतान है। वेदों और हरिवंश पुराण में इसका प्रमाण मिलता है कि कलवार वंश महान क्षत्रिय कुल से उत्पन्न हुआ, जिसमें कार्तवीर्य अर्जुन और सहस्रबाहु जैसे वीर योद्धा हुए। एक कथा के अनुसार, सहस्रबाहु से ही यदुवंश की शुरुआत हुई, जिससे भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई भगवान बलराम (बलभद्र) का जन्म हुआ। कलवार समाज का बड़ा वर्ग बलराम को अपना इष्टदेव मानता है, जो शौर्य, बल और तेजस्विता का प्रतीक हैं।
पारंपरिक रूप से शराब के आसवन और विक्रय से जुड़े इस समाज ने 20वीं शताब्दी के आरंभ में अपने व्यवसाय को त्यागकर संस्कृतिकरण का संकल्प लिया। 'कलवार' शब्द संस्कृत के 'कल्यापाल' से निकला है, जिसका अर्थ 'शराब आसवक' है, लेकिन यह क्षत्रिय कुल की गौरव गाथा को धुंधला नहीं कर सका। आज कलवार समाज उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य भारत में फैला हुआ है। सरनेम जैसे जायसवाल, अहलूवालिया, शिवहरे, गुप्ता आदि इसकी पहचान हैं। सामाजिक जागरण के परिणामस्वरूप, समाज के सदस्य संसद, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों में मजबूत प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। संगठन के तीन प्रमुख हिस्से—खत्री-अरोरे कलवार, मारवाड़ी कलवार और देशवाली कलवार—एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं। यह समाज न केवल आर्थिक रूप से सशक्त है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी अपनी छाप छोड़ रहा है।
भव्य समारोह का उद्घाटन: आस्था और एकता का संगम
12 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक के आवास पर आयोजित इस समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि रविंद्र जायसवाल ने राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन भगवान का पूजन कर दीप प्रज्वलन से किया। देशभर से पधारे अतिथियों ने दीपावली के प्रत्येक दीप को जलाकर पुष्पांजलि अर्पित की, जो समाज की एकता और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने का प्रतीक बना। संचालक शैलेंद्र जायसवाल और अन्य आयोजकों ने मुख्य अतिथि को शाल, पगड़ी, विशाल माला और शौर्य के प्रतीक तलवार भेंट कर सम्मानित किया। मंचासीन सभी अतिथियों का अंगवस्त्र और पगड़ी से स्वागत किया गया।
स्वजातीय पत्रकारों का सम्मान
विशेष रूप से, स्वजातीय पत्रकारों का सम्मान एक आकर्षक क्षण रहा। वी न्यूज 24 के संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार (कलवार) को मंत्री रविंद्र जायसवाल ने अंगवस्त्र और स्मारक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया, जो समाज के निस्वार्थ योगदान को प्रोत्साहित करने वाला कदम था।
उद्बोधनों में गूंजी एकजुटता की पुकार
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि रविंद्र जायसवाल ने भावुक अपील की, "समाज को एकजुट होकर देश की तरक्की में सहभागिता निभानी होगी। निचले पायदान पर खड़े समाज बंधुओं के उत्थान के लिए प्रत्येक प्रमुख व्यक्ति को योगदान देना चाहिए।" उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर महासभाओं को मिलाकर एक सशक्त संगठन बनाने पर बल दिया—"एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।" दिल्ली में धर्मशाला निर्माण के लिए तुरंत समिति गठित करने की अपील पर सभी ने तालियों से समर्थन किया। उद्बोधन के अंत में उन्होंने सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सुख-समृद्धि की कामना की।
समारोह की अध्यक्षता करने वाले राष्ट्रीय संरक्षक अशोक जायसवाल ने संगठन की शक्ति पर जोर दिया, जबकि तमिलनाडु से अटल कुमार गुप्ता ने बिहार चुनाव के संदर्भ में समाज को जागरूक होकर स्वजातीय प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान किया। संयोजक एडवोकेट शैलेंद्र जायसवाल ने राजनीतिक दलों से अधिक टिकट देने की मांग की और समाज की जवाबदेही पर बल दिया—"एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।" बांसवाड़ा (राजस्थान) से पधारे हरीश चंद कलाल ने सभी का पगड़ी बांधकर स्वागत किया, जबकि स्वागताध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल (दिल्ली) ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख समाजसेवियों की सहभागिता: राष्ट्र निर्माण का संकल्प
समारोह में देश के विभिन्न कोनों से पधारे समाजसेवियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को यादगार बनाया। इनमें मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक हरिशंकर जायसवाल, पुणे के राजेंद्र मेवाड़ा, भोपाल के राजाराम शिवहरे, पूर्व मंत्री राम कुमार वालिया, पूर्व कुलपति गुलाबचंद जायसवाल (वाराणसी), हैदराबाद के वी कुमार गौड़, मुंबई के फूलचंद जायसवाल, गोरखपुर के राजकुमार जायसवाल, राष्ट्रीय युवा महासचिव नितेश जायसवाल, सुदीप जायसवाल, आलोक जायसवाल, लखनऊ की अनीता जायसवाल, मनोज जायसवाल, अनुश्री जायसवाल, पवन जायसवाल, विष्णु शिवहरे, गिरजा शंकर जायसवाल, मीनाक्षी जायसवाल, बृजेश जायसवाल, रवि जायसवाल, लोटन जायसवाल, मुकेश जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, वर्षा जायसवाल, राकेश रंजन जायसवाल, जयप्रकाश जायसवाल, कुणाल भगत और अमित भगत शामिल थे। दिल्ली सहित सैकड़ों स्वजातीय भाइयों-बहनों की सहभागिता ने समारोह को शानदार और सफल बनाया।
यह समारोह न केवल दीपावली की खुशियों का उत्सव था, बल्कि कलवार समाज की एकजुटता और राजनीतिक सशक्तिकरण का संकल्प भी था। समाज के गौरवपूर्ण इतिहास को जीवंत करते हुए, यह आयोजन भविष्य के लिए नई प्रेरणा प्रदान करता है।
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