पुतिन ने पीएम मोदी को बताया 'बुद्धिमान' और 'संतुलित नेता', बोले- भारत अपना अपमान नहीं होने देगा
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प्रकाशित: विवेक श्रीवास्तव | अपडेट: शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025, 07:34 AM IST
सार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना की। पुतिन ने पीएम मोदी को 'संतुलित, बुद्धिमान' और 'राष्ट्र हितैषी' नेता बताया और कहा कि भारत और रूस के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा। उन्होंने भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने पर जोर दिया और दिसंबर में अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्सुकता जताई। पुतिन ने यह भी कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा।
विस्तार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही। गुरुवार को दक्षिण रूस के सोची में काला सागर रिसॉर्ट में आयोजित वल्दाई चर्चा मंच में 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए पुतिन ने भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कभी कोई अंतर-राज्यीय तनाव या समस्या नहीं रही और दोनों ने हमेशा एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है।
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भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक मजबूती
पुतिन ने कहा कि सोवियत संघ के समय से ही, जब भारत अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था, रूस और भारत के बीच संबंध मजबूत रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत के लोग इसे याद करते हैं, इसे महत्व देते हैं, और हम इसकी सराहना करते हैं कि भारत ने इसे नहीं भूला।" पुतिन ने पीएम मोदी को अपना मित्र बताते हुए कहा कि वह उनके साथ सहज महसूस करते हैं। उन्होंने भारत की राष्ट्रवादी सरकार और पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उन्हें 'संतुलित, बुद्धिमान' और 'राष्ट्र हितैषी' नेता बताया।
व्यापार असंतुलन को कम करने पर जोर
पुतिन ने अपनी सरकार को भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने का निर्देश दिया है। भारत रूस से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल आयात करता है, जिसके कारण व्यापार में असंतुलन पैदा हुआ है। अमेरिका द्वारा भारत पर रूस से तेल आयात कम करने के दबाव के बीच, पुतिन ने कहा कि व्यापार असंतुलन को कम करने से भारत पर अमेरिकी दबाव का असर कम होगा। उन्होंने भारत से कृषि उत्पादों और दवाइयों के आयात को बढ़ाने की संभावना जताई ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत किया जा सके।
'भारत कभी अपमान नहीं सहेगा'
पुतिन ने कहा कि भारत अपने ऊर्जा संसाधनों को छोड़ने का जोखिम नहीं उठाएगा, क्योंकि इससे 9-10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, "अमेरिका के प्रतिबंधों से भारत को होने वाला नुकसान रूस से तेल आयात के लाभ से पूरा हो जाएगा। भारत और भारतीय लोग कभी भी अपमान सहन नहीं करेंगे। मैं पीएम मोदी को जानता हूं, वे ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे।" पुतिन ने भारत को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित करने वाला देश बताया।
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आर्थिक सहयोग और तकनीकी विकास की संभावनाएं
पुतिन ने भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाओं का जिक्र किया, लेकिन वित्तपोषण, रसद और भुगतान संबंधी बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नई दिल्ली स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) के महानिदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा प्रस्तावित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों के लिए संयुक्त कोष के विचार का स्वागत किया। पुतिन ने दिसंबर में अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्साह जताया और कहा कि वह इसे लेकर उत्सुक हैं।
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