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    दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान तालाब में पलटी ट्रैक्टर-ट्रॉली, 11 लोगों की डूबकर मौत

    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » 

    वी न्यूज 24, भोपाल

    प्रकाशित: मनोजचन्द्रवंशी | अपडेट: शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025, 08:30 AM IST

    सार

    मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना क्षेत्र के अर्धला-जमली गांव में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान गुरुवार शाम एक ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलट गई। इस हादसे में 11 लोगों की डूबकर मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर किशोरियां और बच्चे शामिल हैं। तीन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है, जबकि प्रधानमंत्री ने 2 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया। ग्रामीणों और प्रशासन की तत्परता से कई लोगों को बचाया गया, लेकिन चेतावनी के बावजूद गहरे पानी में उतरने से यह दर्दनाक हादसा हुआ।


    दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान तालाब में पलटी ट्रैक्टर-ट्रॉली, 11 लोगों की डूबकर मौत



    विस्तार

    दुर्गा पूजा के अंतिम दिन विजयादशमी पर भक्तों का उत्साह हादसे में बदल गया। खंडवा जिले के पंधाना तहसील के अर्धला और जमली गांवों के करीब 20-25 भक्त दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर अभना नदी के किनारे बने तालाब की ओर जा रहे थे। गुरुवार शाम करीब 5 बजे के आसपास यह वाहन गहरे पानी में उतर गया और पलट गया। स्थानीय कोतवार की चेतावनी के बावजूद चालक ने ट्रॉली को उल्टा करते हुए पत्थर से टकरा दिया, जिससे संतुलन बिगड़ गया और सभी सवार पानी में समा गए।



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    पीड़ितों की जानकारी: ज्यादातर किशोरियां और बच्चे

    मरने वालों में सात महिलाएं (ज्यादातर 15-16 वर्ष की किशोरियां) और आठ नाबालिग शामिल हैं। इनमें आठ वर्षीय एक बच्ची भी थी, जिसका शव अंतिम रूप से रात करीब 8:45 बजे बरामद हुआ। राजगढ़ पंचायत के युवा भक्त मूर्ति विसर्जन में हिस्सा ले रहे थे। तीन घायलों को खंडवा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत स्थिर है, लेकिन एक गंभीर रूप से जख्मी है। कुल 25 लोग ट्रॉली पर सवार थे, जिनमें से कई तैरकर किनारे पर पहुंच गए।



    बचाव कार्य: ग्रामीणों और प्रशासन की बहादुरी

    हादसे की सूचना मिलते ही जमली गांव के ग्रामीणों ने तुरंत पानी में कूदकर कई लोगों को बचाया। पुलिस, प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और होम गार्ड की टीमें मौके पर पहुंचीं। जेसीबी मशीन की मदद से ट्रॉली को बाहर निकाला गया। शाम 6 बजे तक 10 शव बरामद हो चुके थे, जबकि अंतिम शव की तलाश में तीन घंटे का अभियान चलाया गया। स्थानीय विधायक ने भी बचाव कार्य का नेतृत्व किया। सभी शवों का पंचायतनामा ककनमथ और पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।



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    कारण: चेतावनी की अनदेखी और लापरवाही

    जिला कलेक्टर के अनुसार, कोतवार ने गहरे पानी की चेतावनी दी थी, लेकिन भक्तों का आत्मविश्वास भरा रवैया हादसे का कारण बना। ट्रैक्टर-ट्रॉली को पानी में उतारना खतरनाक था, क्योंकि तालाब का जलस्तर अचानक बढ़ गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के दौरान वाहनों से विसर्जन करना जोखिम भरा होता है, और प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए।


    सरकारी सहायता और संवेदना

    मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह दुखद घटना है। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और घायलों का नजदीकी अस्पताल में मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।" प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की। यादव ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और परिजनों को धैर्य की कामना की। खंडवा कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।


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    एक अन्य हादसा: उज्जैन में भी दो की मौत

    इसी बीच, उज्जैन जिले के इंगोरिया थाना क्षेत्र में चंबल नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दो लोगों की मौत हो गई और चार घायल हुए। लेकिन खंडवा हादसा सबसे बड़ा है, जिसमें 11 जिंदगियां खो गईं।


     

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