सीतामढ़ी में वायरल हुआ सुनील कुमार ‘पिंटू’ का कथित अश्लील वीडियो — फेक या सच्चाई? 2023 से अब तक क्या है असली कहानी
सीतामढ़ी, बिहार | रिपोर्ट: दीपक कुमार, We News 24 | अपडेटेड: 5 नवंबर 2025, दोपहर 2:15 बजे (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सीतामढ़ी में सियासी भूचाल आ गया है। भाजपा प्रत्याशी और पूर्व जेडीयू सांसद सुनील कुमार उर्फ 'पिंटू' का एक कथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति पिंटू से हूबहू मिलता-जुलता है, जो वीडियो कॉल या छिपे कैमरे से रिकॉर्ड प्रतीत होता है। पिंटू ने इसे 'फेक' और 'AI-मॉर्फ्ड' बताते हुए साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन जनता के बीच सवाल उठ रहे हैं: क्या यह असली है, या चुनावी साजिश? खासकर 2023 के इसी तरह के वीडियो पर फॉरेंसिक रिपोर्ट के अभाव ने विवाद को हवा दे दी है। सोशल मीडिया पर चल रहे पोस्टों के अनुसार, कथित तौर पर दो क्लिप वायरल हो रहे हैं। एक में किसी व्यक्ति को महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाने का दावा किया गया है, जबकि दूसरे में वीडियो कॉल के दौरान एक पुरुष को अश्लील हरकत करते हुए बताया जा रहा है।
सीतामढ़ी—एक स्विंग सीट जहां 2020 में BJP ने 11,475 वोटों से जीत हासिल की थी—अब इस कांड से गरमाई हुई है। RJD प्रत्याशी सुनील कुमार और जन सुराज के जिया उद्दीन खान के बीच मुकाबला पहले से कड़ा था, अब यह वीडियो BJP के लिए मुसीबत बन गया। एक स्थानीय निवासी, रामविलास पासवान, कहते हैं, "पिंटू जी कहते हैं फेक है, लेकिन चेहरा तो उनका ही लगता है। 2023 का वीडियो भी वही था—रिपोर्ट क्यों नहीं आई? जनता अब चरित्र देखती है।"
वीडियो वायरल: क्या है मामला?
4 नवंबर को वायरल हुए इस वीडियो में पिंटू कथित रूप से अश्लील संवाद करते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर #PintuVideo ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स असली-फेक बहस कर रहे। पिंटू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह पुराना वीडियो है, जो 2023 में वायरल हुआ था। विरोधी मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे। साइबर सेल जांच करेगी।" उन्होंने RJD और जन सुराज पर निशाना साधा, "चुनावी हार का डर दिखा रहे।"
2023 का पुराना कांड: FIR तो हुई, रिपोर्ट गायब क्यों?
2023 में भी इसी तरह का वीडियो वायरल होने पर पिंटू ने पटना के शास्त्री नगर थाने में FIR नंबर 518/23 (28 मई 2023) दर्ज कराई थी। पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि मामला "संवेदनशील" होने से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कानूनी विशेषज्ञ राजेश कुमार कहते हैं, "FIR के बाद रिपोर्ट छिपाना पारदर्शिता का उल्लंघन है। अगर फेक था, तो क्यों दबाया? जनता का भरोसा टूटता है।"
नई FIR: साइबर सेल में केस दर्ज
5 नवंबर को पिंटू ने सीतामढ़ी साइबर सेल को आवेदन दिया। केस नंबर 58/25 में BNS की धाराएं 61(2), 175, 294, 353(1), 356(3) और IT एक्ट की 66, 67, 67A, 67B लगी हैं—अश्लील सामग्री प्रसारण, मानहानि और डिजिटल अपराध के तहत। पुलिस ने वीडियो को फॉरेंसिक लैब भेज दिया। जांच में मेटाडाटा, पिक्सल एडिटिंग, ऑडियो सिग्नेचर और DFT टूल्स से AI/डीपफेक की पुष्टि होगी।
अगर वीडियो असली निकला तो? कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक तूफान
फॉरेंसिक रिपोर्ट अगर असली साबित करती है, तो परिणाम गंभीर होंगे।
1. कानूनी परिणाम
BNS धारा 294: अश्लील कृत्य—3 महीने जेल या जुर्माना।
BNS 354A/354D: यौन उत्पीड़न—3-7 साल सजा।
IT एक्ट 67/67A: अश्लील सामग्री प्रसारण—3-5 साल जेल + ₹5-10 लाख जुर्माना।
चुनाव आयोग: आचार संहिता उल्लंघन पर टिकट रद्द।
2. राजनीतिक परिणाम
BJP को प्रत्याशी बदलना पड़ सकता है। पूर्व JD(U) से BJP में लौटे पिंटू (2019 में सांसद) का टिकट खतरे में।
विपक्ष (RJD) भुनाएगा: "चरित्रहनन का प्रमाण।"
3. सामाजिक और नैतिक असर
जनता में साख डूबेगी। परिवार और समर्थकों को अपमान।
अगर महिला शामिल: निजता हनन का केस, महिला आयोग जांच।
न्यायिक: चार्जशीट पर गिरफ्तारी, RPA 1951 के तहत अयोग्यता।
| परिणाम प्रकार | संभावित प्रभाव | कानूनी आधार |
|---|---|---|
| कानूनी | 3-7 साल जेल, जुर्माना | BNS 294, IT 67; EC उल्लंघन |
| राजनीतिक | टिकट रद्द, पार्टी निलंबन | आचार संहिता, BJP नैतिकता |
| सामाजिक | साख नष्ट, ट्रोलिंग | जनता का भरोसा, परिवार प्रभाव |
AI का खेल: फेक या ढाल?
आज AI से वीडियो बनाना आसान है, लेकिन फॉरेंसिक से पकड़ा जाता। विशेषज्ञ कहते हैं, "फ्रेम-टू-फ्रेम एनालिसिस से पता चल जाता। लेकिन कई नेता असली को भी फेक कहकर बचते हैं।" जनता का कहना: "चाहे असली हो या नकली, नेता का चरित्र सवालों के घेरे में है।"
निष्कर्ष: पारदर्शिता ही रास्ता
यह कांड बिहार चुनाव को गंदा कर रहा। फॉरेंसिक रिपोर्ट ही सच्चाई बताएगी। पिंटू कहते हैं, "साजिश रुकेगी।" लेकिन जनता का सवाल बरकरार: "असली हो तो जवाब दो, फेक हो तो सबूत दो।" BJP ने चुप्पी साधी, जबकि RJD ने कहा, "जांच हो, सजा मिले।"
डिस्क्लेमर
We News 24 इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता। यह रिपोर्ट सुनील कुमार पिंटू की आधिकारिक शिकायत और पुलिस स्रोतों के दस्तावेज़ों पर आधारित है। फॉरेन्सिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वीडियो की वास्तविकता पर अंतिम निष्कर्ष निकलेगा।
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