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    2024-25: वो दो साल जब AI ने हमारी जिंदगी को उलट-पुलट कर दिया – अब आगे क्या?

    2024-25: वो दो साल जब AI ने हमारी जिंदगी को उलट-पुलट कर दिया – अब आगे क्या?


    We News 24 : डिजिटल डेस्क » सम्पादकीय

    लेखक: दीपक कुमार प्रधान संपादक, वी न्यूज 24 

    नई दिल्ली  8 दिसंबर 2025 :- भाई, दो साल पहले अगर कोई बोलता कि “अरे यार, रिपोर्ट खुद लिख जाएगी, कोड खुद बन जाएगा, गाना खुद कंपोज़ हो जाएगा” तो हम हँसते थे ना? आज वही हो रहा है। 2024-25 तो ऐसा साल रहा जब जनरेटिव AI ने नौकरी, पढ़ाई, फिल्म, गेमिंग, डॉक्टरी – हर चीज को पलट कर रख दिया। ये कोई साइंस फिक्शन नहीं, हमारे ऑफिस का रोज़ का सच बन गया है।



    ऑफिस में अब बॉस भी AI है

    पहले मीटिंग में घंटों नोट्स बनते थे, अब Copilot, Gemini, Claude बैठे हैं लैपटॉप में। ईमेल ड्राफ्ट, प्रेजेंटेशन, एक्सेल का पूरा खेल – 10 मिनट का काम। लखनऊ की एक छोटी सी मार्केटिंग कंपनी का मालिक बता रहा था – “भाई पहले 5 लोग रखता था, अब 2 लड़के + AI से सारा काम हो जाता है। बचा हुआ पैसा सैलरी बढ़ाने में लगा रहा हूँ।” यही कहानी नोएडा, बेंगलुरु, पुणे – हर जगह की है। जो लोग AI सीख गए, उनकी सैलरी डबल-ट्रिपल हो गई। जो नहीं सीखे, वो रिज्यूमे अपडेट कर रहे हैं।



    ये भी पढ़े-बिग बॉस 19 का धमाकेदार फिनाले: गौरव खन्ना ने उछाली ट्रोफी, फरहाना भट्ट रनर-अप! फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं


    फिल्म-गाना-गेम सब AI वाले हो गए

    बॉलीवुड में अब डायरेक्टर बोलते हैं – “भाई ये सीन का VFX 2 घंटे में चाहिए” और AI दे देता है। भोजपुरी गाना चाहिए? 30 सेकंड में तैयार। यूट्यूब पर जो लड़के-लड़कियाँ 10-10 वीडियो रोज़ डाल रहे हैं, वो AI से थंबनेल, वॉयसओवर, एडिटिंग सब करवा रहे हैं। गेमिंग में तो कमाल हो गया – GTA जैसे गेम में अब NPC खुद से बात करते हैं, गाली भी देते हैं अगर गाड़ी ठोक दो तो! बच्चे बोलते हैं – “अंकल, अब गेम में दोस्त बन गए हैं!”




    डॉक्टर साहब भी AI से पूछ रहे हैं

    गाँव के डॉक्टर से लेकर अपोलो-अकबर अली तक, हर जगह AI इमेज देखकर बोल रहा है – “ये ट्यूमर बेनाइन है या मेलिग्नेंट?” मेडिकल रिपोर्ट जो पहले 15 दिन में आती थी, अब 15 मिनट में। बच्चों की पढ़ाई भी बदल गई – अब हर बच्चे का अपना AI टीचर है, जो उसकी स्पीड से पढ़ाता है। जो बच्चा कमजोर है मैथ्स में, उसे आसान से आसान तरीके से समझाता है।


    ये भी पढ़े-योगी जी ने यूपी वालों को चिट्ठी लिखी – “भैया, नौकर-मजदूर रखने से पहले आधार-पहचान चेक कर लो, घुसपैठिया पकड़ा तो सीधे डिटेंशन!”


    लेकिन खतरा भी तो साथ-साथ आया ना...

    डीपफेक ने तो गदर मचा रखा है। अभी पिछले हफ्ते ही एक नेता का फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कुछ और ही बोल रहे थे। साइबर ठग अब आपकी आवाज़ चुराकर आपके भाई-बहन से पैसे मांग रहे हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि सिक्योरिटी वाले भी AI ही इस्तेमाल कर रहे हैं – अब हैकिंग होने से पहले ही अलर्ट आ जाता है।


    अब सवाल ये है – आगे क्या?

    2026 में तो AI और खतरनाक (मतलब ताकतवर) होने वाला है। जो लोग अभी भी बोल रहे हैं “अरे हम तो पुराने तरीके से ही चलाएँगे” – उनके लिए मुश्किल आने वाली है। जो नई जनरेशन है, वो तो पहले से ही AI के साथ बड़ा हो रहा है। हमारे ज़माने में कैलकुलेटर आने पर टीचर डांटते थे, आज AI ना हो तो बच्चे बोलते हैं – “सर, ये तो अनफेयर है!”

    मेरा मानना है – डरने की नहीं, सीखने की जरूरत है। AI हमारा गुलाम नहीं, हमारा साथी है। जो इसे साथी बनाएगा, वो आगे निकलेगा। जो इससे डरेगा, वो पीछे रह जाएगा।

    बस इतना याद रखो – AI कितना भी तेज़ हो जाए, इंसान की सोच, उसका दिल और उसकी मेहनत को अभी कोई नहीं हरा सकता। बाकी तो वक्त बताएगा।



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