जापान में क्यों नहीं मिलाते हाथ ? बस झुक कर बोलते हैं हैलो ! जाने ओजीगी की पूरी कहानी
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रिपोर्ट: दीपक कुमर ,वी न्यूज 24
नई दिल्ली 8 दिसंबर 2025 :- जब हम पहली बार जापान गए तो एकदम कन्फ्यूज हो गये! हम तो मिलते ही हाथ बढ़ाते हैं ना... “हैलो भाई, नमस्ते जी!” पर वहाँ कोई हाथ नहीं मिलाता। सीधा सिर झुकाया, मुस्कुराए और बोल दिया – “ओहायो गोज़ाइमासु!” पहले लगा शायद शर्मा रहे हैं, पर बाद में पता चला – ये तो इनकी सैकड़ों साल पुरानी आदत है। नाम है इसका ओजीगी यानी झुककर सलाम करना।
अरे झुकना तो हम भी करते हैं... फिर क्या खास है?
हम मंदिर में माथा टेकते हैं, बड़े-बुजुर्गों को प्रणाम करते हैं।
पर जापान में ये रोज की जिंदगी में है भाई!
दुकान पर गए – काउंटर वाली लड़की 30 डिग्री झुकी।
ऑफिस में बॉस से मिले – 45 डिग्री तक झुके।
ट्रेन में किसी को जगह दी – दोनों तरफ से हल्का सा सिर झुकाकर थैंक्स बोला।
मतलब दिन में 50-100 बार झुक रहे होते हैं लोग!
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कितना झुकें, ये भी रूल है!
दोस्त से मिले – बस 15 डिग्री, हल्का सा सिर नीचा।
बॉस या टीचर – 30-45 डिग्री, कमर से थोड़ा आगे।
बहुत बड़े आदमी या माफी मांगनी हो – 70 डिग्री तक, पूरा झुक गए!
हमारी रितिका ने ट्राई किया तो जापानी दोस्त हँस पड़े – “अरे तुम तो इंडियन स्टाइल में पूरा प्रणाम कर रही हो!”
ये परंपरा कहाँ से आई भाई?
अब असली कहानी सुनो...
5वीं-8वीं सदी में बौद्ध धर्म चीन से जापान पहुँचा।
बौद्ध भिक्षु बुद्ध की मूर्ति के आगे झुकते थे। धीरे-धीरे ये गुरु-शिष्य में, फिर आम लोगों में फैल गया।
बाद में समुराई लोग आए। उन्होंने तो पूरा डिसिप्लिन बना दिया – नाम दिया रेइहो।
तलवार लटकती थी कमर पर, हाथ मिलाते तो कट जाती जान! इसलिए झुकना ही सेफ था।
फिर आया एदो काल (1603-1868)... शहर बढ़े, व्यापार बढ़ा।
दुकानदार ग्राहक को झुककर सलाम करता, ग्राहक भी झुककर जवाब देता।
बस यहीं से ये रोज की आदत बन गई। आज भी वही चल रहा है!
आज भी जिंदा है ये बात
कोरोना में तो झुकना और हिट हो गया – हाथ मिलाने से वायरस, झुकने से नहीं!
अब तो जापान के बच्चे स्कूल में पहला पाठ यही पढ़ते हैं – सही तरीके से ओजीगी कैसे करें।
हमरे सम्पादक ने एक जापानी दादी से पूछा –
“दादी, हाथ मिलाने में क्या प्रॉब्लम है?”
दादी हँसीं और बोलीं – “बेटी, हाथ मिलाने से इगो टच होता है... झुकने से दिल टच होता है!”
तो अगली बार जापान जाओ तो हाथ जेब में रखो, बस स्माइल करो और झुक जाओ।
वहाँ के लोग तुरंत अपना समझ लेंगे!
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