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    यमुना की बदहाली पर दिल्ली सरकार सख्त, टेरी रिपोर्ट के बाद ताबड़तोड़ एक्शन के आदेश

    यमुना की बदहाली पर दिल्ली सरकार सख्त, टेरी रिपोर्ट के बाद ताबड़तोड़ एक्शन के आदेश


    We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रियंका जायसवाल

    नई दिल्ली। यमुना नदी में झाग की मोटी परत, ज़हरीले माइक्रोप्लास्टिक और बढ़ते केमिकल प्रदूषण को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई। मीटिंग में, पर्यावरण मंत्रालय और जल बोर्ड के बड़े अधिकारियों को द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट (TERI) की हाल की एक स्टडी दिखाई गई, जिसमें नदी के पानी में खतरनाक लेवल पर माइक्रोप्लास्टिक और केमिकल होने का पता चला।


    सूत्रों के मुताबिक, पर्यावरण मंत्री ने मीटिंग में साफ कहा कि "यमुना को बचाना अब सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं है; यह दिल्ली की सेहत और आने वाली पीढ़ियों का मामला है।" उन्होंने सभी संबंधित डिपार्टमेंट को तुरंत एक एक्शन प्लान बनाने का आदेश दिया। खास तौर पर, ये निर्देश दिए गए:



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    सीवेज के पानी को ट्रीट करने से पहले माइक्रोप्लास्टिक और केमिकल को फिल्टर करने के लिए नई टेक्नोलॉजी लगाई जानी चाहिए।


    इंडस्ट्रियल एरिया से आने वाले ज़हरीले गंदे पानी पर कड़ी निगरानी और जुर्माना लगाया जाना चाहिए।


    यमुना के पानी की माइक्रोप्लास्टिक टेस्टिंग हर तीन महीने में होनी चाहिए, और रिपोर्ट पब्लिक की जानी चाहिए।




    झाग बनाने वाले फॉस्फेट वाले डिटर्जेंट पर पूरी तरह से बैन लगाने के लिए तेजी से कदम उठाए जाने चाहिए। नाम न बताने की शर्त पर एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "पहले हम सिर्फ़ अमोनिया और BOD/COD पर बात करते थे। अब माइक्रोप्लास्टिक का मुद्दा भी उतना ही गंभीर है। यह प्लास्टिक इंसान के खून तक पहुँच रहा है। सरकार अब और टालमटोल नहीं करेगी।" TERI की रिपोर्ट में वज़ीराबाद, ITO और ओखला बैराज के बीच यमुना के पानी में माइक्रोप्लास्टिक 2,000 पार्टिकल प्रति लीटर तक पाया गया, जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन के सुरक्षित स्टैंडर्ड से कई गुना ज़्यादा है।



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     इसके अलावा, डिटर्जेंट और इंडस्ट्रियल केमिकल से बने सर्फेक्टेंट हर साल बारिश के बाद दिखने वाले झागदार नज़ारे में योगदान देते हैं। सरकार ने अगले 15 दिनों के अंदर सभी डिपार्टमेंट से एक डिटेल्ड एक्शन प्लान माँगा है। साथ ही कहा है कि जो अधिकारी अपने काम में लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के लोग पिछले कई सालों से यमुना की सफाई के वादे सुन रहे हैं। अब देखना यह है कि इस बार कागज़ों से निकलकर ज़मीन पर कितना एक्शन दिखता है। 

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