केरल HC का ऐतिहासिक फैसला: शबरिमला हवाई अड्डे की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द, सरकार को झटका
We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️रिपोर्ट: सुरेश मेनन
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने प्रस्तावित शबरिमला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के अहम चरणों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना के लिए वास्तव में कितनी ज़मीन की ज़रूरत है, इसका 'सही आकलन' करने में विफल रही है। यह फैसला हवाई अड्डे का विरोध कर रहे सैकड़ों किसानों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
क्या था मामला?
बता दें कि राज्य सरकार ने 30 दिसंबर 2022 को एक आदेश जारी कर 2,570 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। इसमें चेरुवल्ली एस्टेट और उसके बाहर के 307 एकड़ अतिरिक्त कृषि भूमि भी शामिल थी। इसके बाद से ही स्थानीय किसानों और पर्यावरणविदों ने इसका जमकर विरोध किया था। उनका आरोप था कि सरकार 'विकास' के नाम पर उनकी उपजाऊ ज़मीन और शबरिमला के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाना चाहती है।
ये भी पढ़े-"पहाड़ नहीं छीनने देंगे!": अरावली की नई परिभाषा के खिलाफ गुरुग्राम-उदयपुर में ज़बरदस्त प्रदर्शन
"जमीन का हिसाब गड़बड़ है" - कोर्ट
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि परियोजना के लिए जितनी ज़मीन चिह्नित की गई है, उसकी ज़रूरत के बारे में कोई ठोस और वैज्ञानिक आधार सरकार नहीं दे पाई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर 2,570 एकड़ जमीन की जरूरत क्यों पड़ी, जबकि विशेषज्ञों ने इससे काफी कम भूमि में भी हवाई अड्डा बनाने की संभावना जताई थी। माना जा रहा है कि यह फैसला भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 3-ए के तहत जारी अधिसूचना और धारा 6 के तहत जारी घोषणा को रद्द करता है।
किसानों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने जताई खुशी
इस फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। 'शबरिमला हवाई अड्डा विरोधी एक्शन काउंसिल' के नेता सुरेश कुमार ने वी न्यूज 24 से बात करते हुए कहा, "यह हमारे संघर्ष की बड़ी जीत है। हमने हमेशा कहा कि यह परियोजना गलत है। सरकार हमारी उपजाऊ ज़मीन और जंगल बर्बाद करके एक ऐसा हवाई अड्डा बनाना चाहती थी, जिसकी ज़रूरत ही संदिग्ध थी। आज न्यायालय ने हमारा साथ दिया है।"
ये भी पढ़े-बुलंदशहर: मेरठ का कुख्यात इनामी बदमाश मुठभेड़ में ढेर, एक पुलिसकर्मी घायल
सरकार के लिए बड़ा झटका
यह फैसला केरल सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जो इस हवाई अड्डे को राज्य के विकास की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में पेश कर रही थी। अब सरकार के पास या तो सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का विकल्प है, या फिर नए सिरे से कम ज़मीन का आकलन करके प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी। पर्यावरणविद डॉ. विक्रम सिंह ने चेतावनी दी, "शबरिमला का इलाका पारिस्थितिक रूप से बेहद संवेदनशील है। यहां बड़ा निर्माण पूरे पश्चिमी घाट के पारिस्थितिकी तंत्र और जल स्रोतों को प्रभावित करेगा। कोर्ट ने सही फैसला लिया है।"
अब देखना यह है कि सरकार इस फैसले के बाद आगे क्या कदम उठाती है।
वी न्यूज 24 पर बने रहिए, केरल और पर्यावरण से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए।
धन्यवाद! हमें खुशी है कि आपने वी न्यूज 24 की खबरें पढ़ीं।
आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं! अगर आपको हमारी रिपोर्टिंग पसंद आई, या कोई सुझाव हो, तो नीचे कमेंट जरूर करें — आपकी राय हमें और बेहतर बनाने में मदद करेगी।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद