एनआईटी पटना में खिलाड़ियों को डोपिंग के खिलाफ किया गया जागरूक, विशेषज्ञों ने बताए साफ खेल के गुर
We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️ रिपोर्ट: कलीम | वी न्यूज 24 | पटना,बिहटा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) पटना में शनिवार को खिलाड़ियों के लिए एक बेहद अहम खेल डोपिंग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 13 दिसंबर को मेघनाथ साहा सेमिनार हॉल में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला, जिसमें खिलाड़ियों, कोचों और छात्रों की अच्छी-खासी मौजूदगी रही।
कार्यक्रम का आयोजन भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) – एसटीसी पटना की ओर से किया गया, जिसमें बिहार ओलंपिक संघ और स्पोर्ट्स आउटडोर क्लब, एनआईटी पटना ने भी सहयोग दिया। पूरे आयोजन का मकसद खिलाड़ियों को यह समझाना था कि डोपिंग से सिर्फ करियर ही नहीं, सेहत भी बर्बाद हो सकती है।
कार्यक्रम की शुरुआत SAI STC पटना के केंद्र प्रभारी श्री सोमेश्वर राव चव्हाण के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज के दौर में जीत से ज्यादा जरूरी है खेल की ईमानदारी। उनका कहना था कि “भाई, अगर खेल ही साफ नहीं रहेगा तो जीत का कोई मतलब नहीं रह जाता।”
डोपिंग पर सख्त संदेश, खिलाड़ियों को किया गया सतर्क
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद एनआईटी पटना के अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) प्रो. प्रभात कुमार ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को शुरुआत से ही डोपिंग के खतरों के बारे में पता होना चाहिए। वहीं बिहार ओलंपिक संघ के अध्यक्ष श्री अजय कुमार ने कहा कि राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में डोपिंग से दूरी रखना और भी जरूरी हो जाता है।
कार्यक्रम का तकनीकी सत्र एनएडीए (NADA) के प्रतिनिधि और एंटी-डोपिंग विशेषज्ञ श्री बिजन कुमार दास ने लिया। उन्होंने सरल भाषा में बताया कि कौन-सी दवाएं प्रतिबंधित हैं, जांच की प्रक्रिया क्या होती है और एक छोटी सी गलती कैसे पूरे करियर पर भारी पड़ सकती है।
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खेलों में चोट से बचाव और सही तकनीक पर जोर
चाय अवकाश के बाद ऑर्थोपेडिक एवं खेल चोट विशेषज्ञ डॉ. रवि कुमार ने खिलाड़ियों को खेलों के दौरान होने वाली आम चोटों और उनसे बचाव के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि सही वार्म-अप, स्ट्रेचिंग और समय पर इलाज से खिलाड़ी लंबे समय तक फिट रह सकता है।
इसके बाद एनआईटी पटना के खेल अधिकारी डॉ. अरिजीत पुटटुंडा ने स्पोर्ट्स बायोमैकेनिक्स पर व्याख्यान दिया और समझाया कि सही तकनीक से न सिर्फ प्रदर्शन बेहतर होता है बल्कि चोट का खतरा भी कम होता है।
सवाल-जवाब में खुलकर बोले खिलाड़ी
कार्यक्रम के अंत में इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जहां खिलाड़ियों और छात्रों ने बिना झिझक अपने सवाल रखे। विशेषज्ञों ने भी हर सवाल का आसान और व्यावहारिक जवाब दिया।
एक छात्र खिलाड़ी ने कहा, “भाई, आज पहली बार समझ आया कि अनजाने में ली गई दवा भी कितनी बड़ी मुसीबत बन सकती है।”
कार्यक्रम में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों को नियमित रूप से कराने की मांग की। कुल मिलाकर यह आयोजन स्वच्छ खेल, स्वस्थ खिलाड़ी और ईमानदार प्रतिस्पर्धा का मजबूत संदेश देकर खत्म हुआ।
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