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    ट्रंप ने सोमालियाई आप्रवासियों को 'कचरा' बोल दिया, मिनेसोटा वाले भड़क गए – 'ये तो साफ नस्लवाद है भाई!'

    ट्रंप ने सोमालियाई आप्रवासियों को 'कचरा' बोल दिया, मिनेसोटा वाले भड़क गए – 'ये तो साफ नस्लवाद है भाई!'


    We News 24 : डिजिटल डेस्क »वी न्यूज 24 | न्यूयॉर्क | 5 दिसंबर 2025 :-


    न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान सोमालियाई आप्रवासियों पर ऐसा बम फोड़ा कि पूरा मिनेसोटा राज्य हिल गया। बोले, "ये लोग कचरा हैं, इन्हें हमारे देश में नहीं चाहिए। वापस जाओ और अपने मुल्क को संभालो!" ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया कि सोमालिया "बदबूदार देश" है और इनकी वजह से मिनेसोटा "नर्क" बन गया है। लेकिन ये सब सुनकर लोकल लीडर्स फट पड़े – कहा, "ये तो खुल्लमखुल्ला नस्लवाद है, अमेरिका की साख पर सवाल उठा रहे हो सर!"


    मिनेसोटा के डेमोक्रेटिक गवर्नर टिम वाल्ज ने ट्रंप के इस बयान को "भद्दा और शर्मनाक" ठहराते हुए कहा, "ट्रंप ने पूरे राज्य के लोगों को बदनाम कर दिया। यहां सबसे ज्यादा सोमालियाई रहते हैं, और ये लोग हमारे समाज का हिस्सा हैं। फ्रॉड के केस हैं तो जांच करो, लेकिन सबको एक ही ब्रश से रंगना बंद करो।" वाल्ज ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया, "क्राइम रोकना ठीक है, लेकिन आप्रवासियों को निशाना बनाना? ये तो बस PR स्टंट लगता है।"



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    ट्रंप का ये राग अलावी तो है ही, खासकर तब जब ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) मिनेसोटा में सोमालियाई कम्युनिटी पर रेड बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से ज्यादा एजेंट्स को बुलाकर "स्ट्राइक टीम्स" बनाई जा रही हैं, जो अवैध आप्रवासियों को टारगेट करेंगी। ट्रंप ने साथ ही कांग्रेसी इल्हान ओमर – जो खुद सोमालिया से रिफ्यूजी बनकर आई हैं – को भी "कचरा" और "घृणित" कहा। ओमर ने जवाब दिया, "ट्रंप का मेरे प्रति जुनून डरावना है। उन्हें मदद की जरूरत है!"


    मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम अपनी सोमालियाई कम्युनिटी पर गर्व करते हैं। ट्रंप अगर प्राउड नहीं हैं तो उनकी मर्जी, लेकिन हम तो स्टैंड लेते हैं।" राज्य की सीनेटर जैनब मोहम्मद ने भी चेतावनी दी, "ICE जब सोमालियाई लोगों से बात करेगा, तो पाएगा कि ज्यादातर अमेरिकी नागरिक ही हैं।"


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    ट्रंप का कहना है कि सोमालियाई लोगों ने कोविड रिलीफ और दूसरे प्रोग्राम्स से 10 अरब डॉलर का फ्रॉड किया, जिसकी वजह से ये कार्रवाई हो रही है। लेकिन क्रिटिक्स बोल रहे हैं कि ये सब उनके पुराने नेटिविज्म का हिस्सा है – अफ्रीकी देशों वालों को नीचा दिखाना। मिनेसोटा में करीब 80,000 सोमालियाई रहते हैं, जो 90s से रिफ्यूजी बनकर आए हैं।

    ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने भी कहा कि वो जांच कर रहे हैं कि क्या टैक्स मनी अल-शबाब जैसे ग्रुप्स को गई। लेकिन कम्युनिटी लीडर्स डर रहे हैं – कई दुकानें बंद हो रही हैं, लोग घबरा रहे हैं। सोमालिया के PM ने तो ट्रंप के बयान को "इग्नोर करने लायक" बताया।

    अब देखना ये है कि ये विवाद कितना भड़कता है। ट्रंप की ऐसी बातें तो पुरानी हैं, लेकिन इस बार लोकल लीडर्स ने साफ कह दिया – बस बहुत हो गया!

    रिपोर्ट: अंजलि मेहता, वरिष्ठ संवाददाता, वी न्यूज 24, न्यूयॉर्क 

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