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    निचिरेन शोशु संप्रदाय की अवैध गतिविधियां,भाग -3,अर्जेंटीना में तीन निचिरेन शोशु पुजारियों को गिरफ्तार किया गया।


    निचिरेन शोशु संप्रदाय की अवैध गतिविधियां,भाग -3,अर्जेंटीना में तीन निचिरेन शोशु पुजारियों को गिरफ्तार किया गया।








    We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / रिसर्च निचिरेन शोशु इश्यूज



    निचिरेन शोशू संप्रदाय, जो जापानी बौद्ध धर्म का एक प्रमुख पंथ है, हाल के वर्षों में अपने पुजारियों से जुड़े कई विवादों और आपराधिक गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहा है। इन विवादों ने न केवल इस धार्मिक संगठन की साख को प्रभावित किया है, बल्कि इसके अनुयायियों और समाज में धर्म की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।


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    अर्जेंटीना में निचिरेन शोशू पुजारियों की गिरफ्तारी

    हाल ही में अर्जेंटीना में तीन निचिरेन शोशू पुजारियों को स्थानीय अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। उन पर कई तरह की अवैध गतिविधियों और वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप लगाए गए। यह घटना निचिरेन शोशू संप्रदाय के भीतर व्याप्त गहरे संकट और इसके कुछ सदस्यों के नैतिक पतन को दर्शाती है।


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    आरोप और गतिविधियां:

    1. अवैध गतिविधियां:

      • इन पुजारियों पर समाज में धार्मिकता की आड़ में अनैतिक और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप है।
      • स्थानीय प्रशासन को संप्रदाय के इन सदस्यों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले, जिसके बाद कार्रवाई की गई।

    1. वित्तीय अनियमितताएं:

      • पुजारियों पर धार्मिक दान और कोष का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया।
      • धर्म के नाम पर अर्जित धन का उपयोग व्यक्तिगत लाभ और गैरकानूनी कार्यों में किया गया।

    1. सामाजिक और कानूनी प्रभाव:

      • इन पुजारियों की गतिविधियों ने अर्जेंटीना में न केवल धार्मिक संस्थानों की साख को नुकसान पहुंचाया, बल्कि समाज में आक्रोश भी पैदा किया।

      • स्थानीय अधिकारियों की कार्रवाई ने इन अवैध गतिविधियों को उजागर किया और निचिरेन शोशू संप्रदाय की निगरानी को लेकर चर्चाओं को बढ़ावा दिया।


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    निचिरेन शोशू संप्रदाय के भीतर अन्य विवाद

    निचिरेन शोशू ने न केवल अर्जेंटीना में, बल्कि जापान और अन्य देशों में भी विवादों का सामना किया है।


    1. पुजारियों द्वारा कदाचार:

    • इससे पहले जापान में कई पुजारियों पर नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे।

    • 1998 और 2004 की घटनाओं में नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शारीरिक हिंसा के आरोप सार्वजनिक हो चुके हैं।

    2. फर्जी धर्मार्थ कार्य:

    • दक्षिण कोरिया में निचिरेन शोशू ने कल्याणकारी संस्थानों की आड़ में फर्जी मंदिर बनाए और आर्थिक लाभ अर्जित किया।

    3. आंतरिक संघर्ष और पारदर्शिता की कमी:

    • संप्रदाय के भीतर नेतृत्व के स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है, जिससे कदाचार और वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा मिलता है।

    धार्मिक संस्थानों पर प्रभाव

    इन घटनाओं ने निचिरेन शोशू की साख को गहरा आघात पहुंचाया है। जब धार्मिक नेता या पुजारी इस तरह के कदाचार में लिप्त पाए जाते हैं, तो इसका असर केवल संस्था पर ही नहीं, बल्कि समाज में धर्म और नैतिकता की धारणा पर भी पड़ता है।



    व्यापक प्रभाव:

    1. धार्मिक संस्थाओं की साख पर चोट:

      • अनुयायियों के बीच विश्वास कमजोर होता है, और धार्मिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।

    1. कानूनी और सामाजिक सवाल:

      • इन घटनाओं से धार्मिक संस्थानों की कानूनी जवाबदेही और उनकी वित्तीय गतिविधियों पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता उजागर होती है।

    1. अनुयायियों का मोहभंग:

      • ऐसी घटनाओं से उन अनुयायियों का विश्वास टूटता है, जो धार्मिक मार्गदर्शन और आध्यात्मिक शांति की तलाश में होते हैं।


    समाधान और सुझाव

    1. पारदर्शिता और निगरानी:

      • धार्मिक संगठनों के वित्तीय लेन-देन और गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जानी चाहिए।

    1. कानूनी कार्रवाई और सजा:

      • इन अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे किसी भी पद पर हों।

    1. आत्मनिरीक्षण और सुधार:

      • निचिरेन शोशू जैसे संस्थानों को अपने भीतर नैतिक और प्रशासनिक सुधार लागू करने चाहिए।

    1. अनुयायियों की सुरक्षा:

      • अनुयायियों, विशेष रूप से बच्चों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।



    निष्कर्ष

    अर्जेंटीना और अन्य स्थानों पर निचिरेन शोशू पुजारियों की आपराधिक गतिविधियां न केवल धार्मिक संस्थाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि समाज में धर्म की भूमिका पर भी पुनर्विचार की आवश्यकता को दर्शाती हैं। धार्मिक संगठनों को अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और समाज की सेवा में अपनी भूमिका को सही तरीके से निभाना चाहिए।

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