धीरेंद्र शास्त्री की हिन्दू एकता यात्रा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने लगाए गंभीर आरोप
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / गौतम कुमार
नई दिल्ली :- आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा का उद्देश्य हिंदुओं को जातिवाद से मुक्त कर संगठित करना और सनातन धर्म की रक्षा करना है। उनका मानना है कि हिंदुओं को जातियों में बांटकर उनके वोटों को विभाजित किया जाता है, जिससे राजनीतिक लाभ उठाया जाता है। इस यात्रा को कई भाजपा नेताओं और संत समाज का समर्थन मिला है, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी शामिल हैं। यात्रा में शामिल लाखों लोगों ने जातिवाद छोड़कर हिंदुत्व की रक्षा के लिए एकजुट रहने की शपथ ली है।
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वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इस यात्रा का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह यात्रा केवल भाजपा के राजनीतिक फायदे के लिए है और इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को राजनीति का मोहरा कहा और दावा किया कि सनातन धर्म की पहचान जाति और वर्णाश्रम से है। अविमुक्तेश्वरानंद का मानना है कि अगर यह पहचान खत्म हुई तो सनातन धर्म का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है
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तो वही दूसरी तरफ खुद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर कोंग्रेस समर्थक के आरोप लग रहे है स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने भी अविमुक्तेश्वरानंद पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्हें "फर्जी बाबा" कहा और आरोप लगाया कि कांग्रेस उनके पीछे है। गोविंदानंद ने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य का दर्जा देने में कांग्रेस का हाथ है और प्रियंका गांधी से समर्थन पत्र प्राप्त किया था .शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद कोलेज में चुनाव भी लड़ चके है इतना ही नहीं पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ उम्मीदवार भी उतरा था .
इन घटनाओं के चलते अविमुक्तेश्वरानंद विवादों में घिर गए हैं और उनके कांग्रेस समर्थक होने के आरोपों के कारण वे और भी चर्चा में हैं।
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