दिल्ली में लगा धारा 163 ,किसानों आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में बढ़ा दी गई सुरक्षा
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली :- संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच किया है। सोमवार को सुबह से ही किसान दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से राजधानी की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें महामाया फ्लाईओवर पर रोक दिया। किसानों ने दिल्ली के संसद भवन तक विरोध मार्च निकालने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स के कारण वे फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर डटे हुए हैं।
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इस आंदोलन के चलते महामाया फ्लाईओवर और दलित प्रेरणा स्थल के आसपास जाम की स्थिति बनी रही, जिससे कई लोग और एम्बुलेंस भी प्रभावित हुए। नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर भी भारी जाम देखने को मिला।
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किसानों की प्रमुख मांगों में गौतम बुद्ध नगर के विस्थापित किसानों को 10% विकसित भूखंड, मुआवजा न मिलने वालों के लिए 64.7% पारिश्रमिक, और भूमि अधिग्रहण कानून के तहत चार गुना मुआवजा शामिल हैं। आंदोलनकारी किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है और पुलिस ने भी महामाया फ्लाईओवर और अन्य क्षेत्रों से बैरिकेड्स हटा दिए हैं, जिससे यातायात सामान्य हो गया है।
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किसानों का कहना है कि वे अपने 'अन्नदाता' के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें अधिकारियों से सचिव स्तर पर वार्ता का आश्वासन मिला है। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली में कई स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इस आंदोलन के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और चिल्ला बॉर्डर पर जाम की स्थिति बनी रही, जिससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संयुक्त सीपी संजय कुमार ने जानकारी दी है कि संसद सत्र को देखते हुए नई दिल्ली क्षेत्र में बीएनएस की धारा 163 लागू की गई है। महामाया फ्लाईओवर, डीएनडी, और कालिंदी कुंज पर भी अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। सीमाओं पर सीएपीएफ (Central Armed Police Forces) के साथ स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया है।
यह कदम किसानों के विरोध मार्च के कारण उठाया गया है, जिससे दिल्ली में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है। पुलिस ने कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की है और रूट डायवर्जन भी किए गए हैं ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे और प्रदर्शनकारी दिल्ली में प्रवेश न कर सकें।
यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है और आगे की घटनाओं पर नजर बनी हुई है कि कैसे यह आंदोलन और वार्ताएं आगे बढ़ेंगी।
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