Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    यमुना पर दिल्ली में बवाल,संदीप दीक्षित ने केजरीवाल पर कसा तंज, हरियाणा के सीएम केजरीवाल करेंगे मानहानि का केस

    यमुना पर दिल्ली में बवाल,संदीप दीक्षित ने केजरीवाल पर कसा तंज, हरियाणा के सीएम केजरीवाल करेंगे मानहानि का केस






    We News 24 Hindi / प्रियंका जैसवाल 


    नई दिल्ली :- दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना नदी को लेकर शुरू हुआ यह विवाद राजनीतिक मंच पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले चुका है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने के आरोप और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का तंज, दोनों ही इस मामले को और गर्माते दिख रहे हैं। इस विवाद से स्पष्ट होता है कि चुनावी माहौल में पर्यावरण और जल जैसे गंभीर मुद्दों का राजनीतिकरण हो रहा है।


    ये भी पढ़े-समाजवादी पार्टी दिल्ली में आप के लिए प्रचार करेगी


    मुख्य बिंदु:

    1. अरविंद केजरीवाल का आरोप:

      • केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप लगाया, जिससे दिल्ली को साफ पानी मिलने में दिक्कत हो रही है।
      • उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने पानी को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका क्योंकि उसमें जहर पाया गया।
    2. हरियाणा सरकार का जवाब:

      • हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने पानी को दिल्ली आने से रोक दिया, उन्हें पता लगा कि इसमें जहर है। इंजीनियरों ने किस तरह निष्कर्ष निकाला कि इसमें जहर है। केजरीवाल बताएं कि कौन सा जहर डाला गया, कितने टन जहर डाला गया। फिर बॉर्डर पर पानी को कैसे रोका, कोई दीवार बनाई, कहां बनाई। केजरीवाल हरियाणा और दिल्ली की जनता से तुरन्त माफी मांगे वरना हम उनके खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे।
    3. संदीप दीक्षित का तंज:

      •  संदीप दीक्षित ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई गतिविधि दिखाएं की आप जहर साफ कर रहे थे। कौन सा जहर था?... वे झूठ बोल देते हैं और फिर भी ये आदमी सड़कों पर घूम रहा है। अगर कोई आम आदमी सरकार पर नरसंहार का आरोप लगाता है, तो वह अगले ही दिन जेल में होगा। मुझे आश्चर्य है कि हरियाणा सरकार या दिल्ली पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? मुझे लगता है कि या तो दोनों पार्टियों (आप और भाजपा) के बीच कोई अंदरूनी गठबंधन है या फिर दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता, सिर्फ इनकी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहिए।
    4. विधानसभा चुनाव का असर:

      • यह विवाद विधानसभा चुनावों के बीच छेड़ा गया है, जो इसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील बनाता है।
      • यमुना का मुद्दा दिल्ली में जल संकट और प्रदूषण को लेकर जनता की चिंताओं को संबोधित करता है, लेकिन इसे चुनावी हथियार बनाया जा रहा है।



    क्या कहता है यमुना का मुद्दा?

    1. यमुना प्रदूषण का सवाल:

      • यमुना नदी दिल्ली और हरियाणा दोनों के लिए जल का महत्वपूर्ण स्रोत है।
      • नदी में बढ़ते प्रदूषण और झाग की समस्या को लेकर सरकारें पहले से ही आलोचना झेल रही हैं।
      • दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए बड़े दावे किए थे, लेकिन उनकी प्रगति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
    2. राजनीतिक बयानबाजी का दौर:

      • दोनों राज्य सरकारों के बीच यह विवाद जनता की समस्याओं के समाधान के बजाय एक-दूसरे पर दोषारोपण तक सीमित होता दिख रहा है।
      • कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का यह आरोप कि भाजपा और आप के बीच अंदरूनी गठजोड़ है, चुनावी रणनीतियों का हिस्सा हो सकता है।
    3. यमुना सफाई की हकीकत:

      • केजरीवाल सरकार ने "यमुना क्लीन प्रोजेक्ट" के तहत 2025 तक नदी को नहाने लायक बनाने का वादा किया था।
      • लेकिन अब तक नदी की स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है, जो विपक्ष को आरोप लगाने का अवसर देता है।

    ये भी पढ़े-बागपत जिले में बड़ा हादसा, निर्वाण लाडू महोत्सव का मंच गिरने से 7 लोगों की मौत और 75 से ज्यादा श्रद्धालु घायल


    आगे का रास्ता:

    1. जांच और जवाबदेही:

      • अगर यमुना में जहर मिलाने के आरोप लगाए गए हैं, तो इसे सिद्ध करने के लिए साक्ष्य पेश करना अनिवार्य है।
      • एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा यमुना के पानी की गुणवत्ता की जांच की जानी चाहिए।
    2. मुद्दे का समाधान:

      • राजनीतिक बयानबाजी के बजाय, दोनों राज्य सरकारों को यमुना प्रदूषण की समस्या पर मिलकर काम करना चाहिए।
      • यमुना की सफाई और जल संकट के समाधान के लिए एक विस्तृत और ठोस योजना बनाई जानी चाहिए।
    3. राजनीति से परे जाकर काम:

      • यमुना जैसे मुद्दों को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का शिकार बनने के बजाय एक व्यापक दृष्टिकोण से हल करने की आवश्यकता है।

    निष्कर्ष:

    यमुना का मुद्दा जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा गंभीर विषय है, लेकिन इसे राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित कर दिया गया है। अरविंद केजरीवाल, हरियाणा सरकार और कांग्रेस सभी को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने चाहिए, न कि इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहिए।

    आप इस विवाद पर क्या सोचते हैं? क्या यमुना की सफाई को लेकर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, या यह सिर्फ चुनावी राजनीति का एक और अध्याय है? 


    अपडेट के लिए जुड़े रहें: 

    वी न्यूज 24 इस घटना से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर को लगातार अपडेट कर रहा है। ताजा जानकारी और ब्रेकिंग न्यूज के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। हम अपने पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बने रहिए हमारे साथ

    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728