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    बागपत जिले में बड़ा हादसा, निर्वाण लाडू महोत्सव का मंच गिरने से 7 लोगों की मौत और 75 से ज्यादा श्रद्धालु घायल

    बागपत जिले में बड़ा हादसा, निर्वाण लाडू महोत्सव का मंच गिरने से 7 लोगों की मौत और 75 से ज्यादा श्रद्धालु घायल






    We News 24 Hindi / राजकुमार चौहान 


    बागपत :- यह घटना बेहद दुखद और दर्दनाक है। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुए इस हादसे ने धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा और योजना के महत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व के इस कार्यक्रम में 65 फीट ऊंचा अस्थायी मंच बनाया गया था, जो श्रद्धालुओं की अधिक संख्या और खराब संरचनात्मक मजबूती के कारण ढह गया।


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    मुख्य बिंदु:

    1. घटना का विवरण:

      • मंच टूटने से 7 लोगों की मौत हो गई और 75 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।
      • घायलों में 15 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
      • हादसा उस वक्त हुआ जब श्रद्धालु मंच पर चढ़कर धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे।
    2. हादसे का कारण:

      • अस्थायी मंच की सीढ़ियां श्रद्धालुओं का भार सहन नहीं कर पाईं, जिससे मंच टूट गया।
      • मंच बनाने में इस्तेमाल की गई लकड़ी की बल्लियों और रस्सियों का संतुलन बिगड़ गया।
      • मिट्टी की नमी और भराव वाले क्षेत्र में मंच बनाया गया था, जिससे इसकी स्थिरता पर असर पड़ा।
    3. मृतकों और घायलों का विवरण:

      • हादसे में तरसपाल (66), अमित (35), अरुण (48), ऊषा (24), शिल्पी (24), विनीत जैन (40), और कमलेश जैन (65) की मौत हुई।
      • घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, लेकिन कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
    4. सुरक्षा इंतजामों की कमी:

      • एम्बुलेंस की तुरंत उपलब्धता न होने के कारण घायलों को ई-रिक्शा के जरिए अस्पताल ले जाना पड़ा, जो आयोजन स्थल पर आपातकालीन सेवाओं की कमी को उजागर करता है।
      • मंच और सीढ़ियों की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं, क्योंकि यह 25 वर्षों से हो रहे आयोजन का हिस्सा था।
    5. घटना के बाद माहौल:

      • मृतकों के पोस्टमार्टम को लेकर लोगों ने हंगामा किया।
      • मौके पर अधिकारी मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।

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    संबंधित चिंताएं और सुझाव:

    1. सुरक्षा उपायों का अभाव:

      • धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। मंच की संरचना और आयोजन स्थल की जमीन की स्थिरता की सही जांच होनी चाहिए।
    2. आपातकालीन सेवाओं की कमी:

      • आयोजनों में एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, और मेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जानी चाहिए।
    3. अधिकतम भार क्षमता का ध्यान रखना:

      • मंच और सीढ़ियों की भार क्षमता का आकलन किया जाना चाहिए और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करनी चाहिए।
    4. स्थानीय प्रशासन और आयोजन समितियों की जिम्मेदारी:

      • स्थानीय प्रशासन को आयोजन की अनुमति देने से पहले सुरक्षा जांच करनी चाहिए।
      • आयोजन समितियों को पेशेवर इंजीनियरों से संरचना का निर्माण और निरीक्षण करवाना चाहिए।
    5. भविष्य के लिए दिशा-निर्देश:

      • इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सरकार को धार्मिक आयोजनों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और नियमावली तैयार करनी चाहिए।
      • आयोजनों के लिए स्थायी और मजबूत संरचनाओं का उपयोग करना चाहिए।


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    निष्कर्ष:

    यह हादसा एक बड़ी त्रासदी है, जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। यह घटना न केवल सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और संरचनात्मक स्थिरता पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। 


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