प्रयागराज महाकुंभ 2025: भगदड़ के बाद स्थिति सामान्य, अमृत स्नान जारी, उत्तराखंड की महिला की मौत
नई दिल्ली :- प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है। प्रशासन और पुलिस ने भीड़ प्रबंधन को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को संगम में डुबकी लगाने में किसी तरह की असुविधा न हो।गृह मंत्री अमित शाह ने भी अमृत स्नान किया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
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मुख्य अपडेट्स:
हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, नागा संन्यासियों का शाही स्नान जारी
हेलीकॉप्टर से साधु-संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई, जिससे भक्तों में उत्साह देखने को मिला। नागा संन्यासियों और अन्य अखाड़ों के साधु अपनी पारंपरिक शाही डुबकी के लिए संगम की ओर बढ़ रहे हैं।
भगदड़ के बाद भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
हालांकि भगदड़ के बाद कुछ समय के लिए स्नान रोक दिया गया था, लेकिन अब स्नान पुनः शुरू हो गया है। अब तक 20 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
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जातिवाद से ऊपर उठने की अपील
जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि भारत को जातिवाद से ऊपर उठकर एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी अखाड़ों ने मिलकर स्नान किया और आम श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर देने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक सभा के दौरान प्रयागराज महाकुंभ हादसे पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस दुर्घटना को दुखद बताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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महिला की मौत, परिजनों को शव मिलने का इंतजार
इस हादसे में उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के किच्छा निवासी गुड्डी देवी (57 वर्ष) की मौत हो गई। वह अपने बेटे-बहू के साथ आई थीं, लेकिन भगदड़ के दौरान उनसे बिछड़ गईं। उनके शव की शिनाख्त हो गई है और कागजी प्रक्रिया चल रही है।
मोबाइल चार्जिंग की समस्या, 50 रुपये में मिल रही सुविधा
कई श्रद्धालु अपनों से बिछड़ गए क्योंकि उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई थी। मेला क्षेत्र में एक युवक 50 रुपये प्रति घंटे में मोबाइल चार्जिंग सेवा दे रहा है, जिससे लोग अपने परिवार से संपर्क कर राहत की सांस ले रहे हैं।
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पवित्र गंगा स्नान का महत्व
त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान के दौरान एक साधु ने कहा, "गंगा में डुबकी लगाना जीवन का सबसे पवित्र कार्य है। हर श्रद्धालु को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।"
1. भगदड़ के बाद अब स्थिति सामान्य
- मेला क्षेत्र में अब हालात नियंत्रण में हैं और श्रद्धालु एक बार फिर से संगम की ओर बढ़ रहे हैं।
- पुलिस भीड़ को व्यवस्थित करने की पूरी कोशिश कर रही है।
- प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी सुविधा अनुसार विभिन्न घाटों पर ही स्नान करें और संगम नोज की ओर न जाएं ताकि अव्यवस्था न हो।
2. हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
- मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगा रहे साधु-संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
- यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए भक्तिमय और उत्साहजनक रहा।
3. अखाड़ों का अमृत स्नान जारी
- जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि उन्होंने पहले स्नान स्थगित कर दिया था ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में होने के कारण अखाड़े संगम स्नान कर रहे हैं।
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भी कहा कि अखाड़े अपने पारंपरिक क्रम में अमृत स्नान कर रहे हैं और जल्दी ही घाट को खाली कर देंगे ताकि श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिले।
4. श्रद्धालुओं की भारी संख्या
- आज दोपहर 12 बजे तक लगभग 4.24 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई।
- अब तक महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 20 करोड़ को पार कर गई है।
- 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के और पहुंचने की उम्मीद है।
5. सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन के कदम
- पुलिस और प्रशासन की विशेष टीमों को घाटों और भीड़ वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
- ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है ताकि भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके।
- सुबह से एंबुलेंस लगातार मेला क्षेत्र में घूम रही हैं, जिससे जरूरतमंदों को समय पर मेडिकल सहायता मिल सके।
- महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि अमृत स्नान का परंपरागत क्रम बनाए रखा जाएगा और सुबह की घटना की जांच जारी है।
महाकुंभ में भगदड़: एक दुखद घटना
- केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
- प्रशासन इस भगदड़ के कारणों की जांच कर रहा है और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
- यह घटना मुख्य रूप से भीड़ के अत्यधिक दबाव और बैरिकेड्स टूटने के कारण हुई थी।
निष्कर्ष
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर रहे हैं। हालांकि सुबह भगदड़ जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवी संगठन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं।
महाकुंभ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम है, जिसमें श्रद्धालु पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ शामिल हो रहे हैं। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर भविष्य में भीड़ प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाना चाहिए ताकि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो।
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