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    भारत ने पाकिस्तान से पहलगाम का बदला लिया — अब शब्द नहीं, सिर्फ़ कार्रवाई की भाषा समझे पाकिस्तान

    भारत ने पाकिस्तान से पहलगाम का बदला लिया — अब शब्द नहीं, सिर्फ़ कार्रवाई की भाषा समझे पाकिस्तान


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    🗓️ प्रकाशन तिथि: 7 मई 2025

    ✍️ दीपक कुमार 
    वरिष्ठ संपादक, We News 24 


    नई दिल्ली:- 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने दुनिया को दिखा दिया था कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा। और अब, 2025 में एक बार फिर भारत ने वही संदेश दोहराया है — लेकिन और भी सशक्त, और निर्णायक ढंग से। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंक के अड्डों पर फिर से एयर स्ट्राइक की है। इस बार ऑपरेशन का नाम था — ‘ऑपरेशन सिंदूर’।


    यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उस पीड़ा का बदला है जिसे हर भारतीय ने महसूस किया, और उस क्रोध की अभिव्यक्ति है जो देश के सैनिकों, नागरिकों और शहीदों के परिजनों में था। लेकिन अब भारत ने उस हमले का बदला ले लिया है — और वह भी उसी भाषा में, जिसे पाकिस्तान दशकों से समझता और बोलता आया है — गोला-बारूद और कार्रवाई की भाषा।

    विडियो देखे =-




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    पहले एयर स्ट्राइक की पृष्ठभूमि और नया ऑपरेशन सिंदूर

    2016 में सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब 2025 में ऑपरेशन सिंदूर — यह भारत की तीसरी बड़ी जवाबी कार्रवाई है, जो पाकिस्तान के ज़मीर को नहीं, ज़मीन को हिला देने के लिए काफी है।

    इस बार भारतीय वायुसेना ने भवालपुर, मरीदके और मुजफ्फराबाद जैसे आतंकी गढ़ों को निशाना बनाकर यह साफ कर दिया कि भारत अब सिर्फ़ शब्दों में नहीं, मिसाइलों में जवाब देता है।


    ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ़ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं है, यह एक स्पष्ट संदेश है कि अब भारत आतंक के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा, अब भारत की प्रतिक्रिया शब्दों में नहीं, सर्जिकल सटीकता और वायुशक्ति के ज़रिये दी जाएगी।



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    पहलगाम से बहावलपुर तक — भारत की आक्रामक रणनीति

    इस बार भारत ने सिर्फ़ LoC के उस पार गोलियाँ नहीं चलाईं, बल्कि पाकिस्तान के भीतर तक घुसकर उस ज़हर की जड़ को निशाना बनाया, जो दशकों से हमारे युवाओं, सैनिकों और नागरिकों को निगलता आया है।

    भवालपुर में जैश-ए-मोहम्मद, मरीदके में हाफिज सईद, और मुजफ्फराबाद में आतंकी नियंत्रण केंद्र — सब कुछ इस कार्रवाई में ध्वस्त कर दिए गए। यह वही ठिकाने थे जहां बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रची जाती थीं, और अब वहीं से धुआँ उठता हुआ दिख रहा है।


    पाकिस्तान की बौखलाहट — मगरमच्छ के आँसू और संघर्ष विराम का उल्लंघन

    जैसी उम्मीद थी, पाकिस्तान अब दुनिया के सामने शांति और पीड़ित होने का नाटक कर रहा है। ISPR चीख-चीखकर "कायराना हमला" कह रहा है, लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा गया कि पहलगाम में मासूमों को मारने वाले आतंकी कौन थे, और कहां से संचालित हो रहे थे?


    संघर्ष विराम का उल्लंघन, गोलीबारी और झूठा प्रचार — पाकिस्तान की यह पुरानी नीति रही है। लेकिन अब भारत भी बदल चुका है। अब हम बातों में उलझने के बजाय ठीक वहीं चोट कर रहे हैं जहां दर्द हो।


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    मोदी सरकार और सैन्य नेतृत्व — दृढ़ता की मिसाल

    प्रधानमंत्री ने स्वयं इस ऑपरेशन की निगरानी की, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुखों से लगातार संवाद बनाए रखा, और NSA अजीत डोभाल ने अमेरिका समेत वैश्विक शक्तियों को कार्रवाई की पूरी जानकारी दी। यह दिखाता है कि भारत की कूटनीति और सैन्य नीति अब एक पेज पर हैं — स्पष्ट, संगठित और निर्णायक।



    अब समय है — नई पाकिस्तान नीति की घोषणा का

    अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान से कोई बातचीत, कोई समझौता और कोई विश्वास बहाल नहीं किया जा सकता जब तक वह आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करता रहेगा।

    भारत को अब दो-टूक शब्दों में यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि:

    1. कोई भी आतंकी हमला अब सीधे सैन्य जवाब को जन्म देगा।
    2. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को अब स्थायी खतरे के रूप में देखा जाएगा।
    3. और दुनिया को अब फैसला करना होगा — शांति के साथ या आतंक के साथ?


    निष्कर्ष

    पहलगाम का बदला लेना केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं था, यह देश की आत्मा को न्याय दिलाने जैसा था। यह उन परिवारों को जवाब था जिन्होंने अपने सपूत खोए, यह देश की जनता को आश्वासन था कि अब भारत चुप नहीं रहेगा।

    अब अगर पाकिस्तान फिर कोई दुस्साहस करता है, तो उसे पता होना चाहिए — यह 2016 का भारत नहीं है, यह 2025 का भारत है, और अब भारत घर में घुसकर मारता है।

    पहलगाम का बदला केवल सैन्य प्रतिशोध नहीं था, यह उस घाव का मरहम था जो हर भारतीय के हृदय में था। भारत ने यह साबित कर दिया है कि हम न तो आतंक को भूलते हैं और न ही माफ करते हैं।

    अब पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए —

    “यह नया भारत है, जो पहले चेतावनी नहीं देता — सीधा कार्रवाई करता है।”

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