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    पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की परमाणु धमकी, भारत के एक परमाणुअटैक से पाकिस्तान हो जायेगा तबाह!"विशेष रिपोर्ट

    पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की परमाणु धमकी, भारत के एक परमाणुअटैक से पाकिस्तान हो जायेगा  तबाह!"विशेष रिपोर्ट


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    लेखक: वरिष्ट पत्रकार दीपक कुमार / संपादकीय डेस्क| 03 मई 2025, 09:46 PM IST

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिसमें लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जैसे लोग शामिल थे, जो अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर थे। जांच से खुलासा हुआ कि हमले का कमांड सेंटर पाकिस्तान में था, और आतंकी फारुख अहमद ने ओवरग्राउंड वर्करों (OGW) का नेटवर्क तैयार किया था, जो अब PoK में छुपा है। भारत ने अभी जवाबी कार्रवाई शुरू भी नहीं की, लेकिन पाकिस्तान बिलबिला उठा है। लेकिन पाकिस्तान ने परमाणु बम और अपनी गजनवी मिसाइल की धमकियां देना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने गजनवी, गौरी, और 130 परमाणु हथियारों का हवाला देते हुए भारत को चेतावनी दी। लेकिन क्या ये धमकियां हकीकत में बदल सकती हैं? और अगर भारत को परमाणु जवाब देना पड़ा, तो पाकिस्तान का क्या होगा?व क्या उनकी मिसाइलें और धमकियां भारत की सैन्य ताकत के सामने टिक पाएंगी?  आइए, तथ्यों और विश्लेषण के साथ इसकी पड़ताल करते हैं। इस विशेष रिपोर्ट में जानते हैं।



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    पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख

    पहलगाम हमले के बाद भारत ने तत्काल कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए:

    • सिंधु जल संधि निलंबित: 1960 की संधि को रोककर भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया।

    • अटारी बॉर्डर बंद: सभी व्यापारिक और नागरिक आवाजाही पर रोक।

    • पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई: 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश, वीजा रद्द।

    • दूतावास बंद: दोनों देशों ने अपने उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या सीमित की।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को कहा था, "हम हर आतंकी और उनके समर्थकों को दुनिया के कोने-कोने तक ढूंढकर सजा देंगे।" 29 अप्रैल को पीएम ने सेना को "फ्री हैंड" दे दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में घबराहट साफ दिख रही है। पाकिस्तानी सूचना मंत्री तरार ने 30 अप्रैल को दावा किया कि भारत 24-36 घंटों में हमला कर सकता है, और "निर्णायक जवाब" की धमकी दी। लेकिन उनकी धमकियां कितनी हकीकत से भरी हैं?


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    गजनवी मिसाइल: धमकी बड़ी, हकीकत छोटी

    पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने गजनवी मिसाइल का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत को "कंटेन" करने के लिए बनाई गई है। लेकिन गजनवी की हकीकत क्या है?

    • रेंज: 290-320 किलोमीटर, शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल।

    • पेलोड: परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम, लेकिन 250-450 किलो तक सीमित।

    • तकनीक: यह मिसाइल चीनी तकनीक (M-11 मिसाइल) पर आधारित है, जिसे पाकिस्तान ने 1990 के दशक में हासिल किया था। स्वदेशी तकनीक का अभाव इसे अविश्वसनीय बनाता है।

    • सटीकता: इसकी सटीकता पर सवाल हैं, क्योंकि यह पुरानी तकनीक पर आधारित है और आधुनिक रडार सिस्टम इसे आसानी से पकड़ सकते हैं।

    गजनवी का नाम 11वीं सदी के आक्रांता महमूद गजनवी से लिया गया है, जो पाकिस्तान की मिसाइल नामकरण नीति को दर्शाता है—ज्यादातर मिसाइलें (गौरी, शाहीन) ऐतिहासिक आक्रांताओं के नाम पर हैं। यह प्रतीकात्मकता उनकी सैन्य रणनीति को भारत-केंद्रित और भड़काऊ दिखाती है, लेकिन तकनीकी रूप से ये मिसाइलें भारत की तुलना में कमजोर हैं।

    भारत की मिसाइलें: गजनवी से कहीं आगे

    भारत की मिसाइलें तकनीक, रेंज, और सटीकता में पाकिस्तान से कहीं आगे हैं। कुछ प्रमुख मिसाइलों का विश्लेषण:

    • पृथ्वी-II:

      • रेंज: 350 किलोमीटर, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम।

      • सटीकता: उच्च, रात में भी हमला करने की क्षमता (22 अगस्त 2024 को सफल नाइट ट्रायल)।

      • तकनीक: पूरी तरह स्वदेशी, DRDO द्वारा विकसित।

    • अग्नि-V:

      • रेंज: 5,000+ किलोमीटर, पूरे पाकिस्तान और चीन को कवर करती है।

      • तकनीक: MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल), एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला।

      • गति: 29,400 किमी/घंटा, दुश्मन रडार को चकमा देने में सक्षम।

    • ब्रह्मोस:

      • रेंज: 300-800 किलोमीटर (एयर-लॉन्च वर्जन में वृद्धि)।

      • गति: ध्वनि की गति से 3 गुना तेज, हाइपरसोनिक वर्जन विकास में।

      • बहुमुखी: जमीन, हवा, समुद्र, और पनडुब्बी से लॉन्च।

    पाकिस्तान की गजनवी मिसाइल की तुलना में भारत की पृथ्वी-II और अग्नि-V न केवल रेंज और सटीकता में बेहतर हैं, बल्कि स्वदेशी तकनीक पर आधारित होने के कारण अधिक विश्वसनीय भी हैं। भारत का मिसाइल डिफेंस सिस्टम (जैसे आकाश, बराक-8) गजनवी जैसे शॉर्ट-रेंज हथियारों को आसानी से इंटरसेप्ट कर सकता है।


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    परमाणु हमले की स्थिति: पाकिस्तान की तबाही का अनुमान

    पाकिस्तान के पास अनुमानित 130 परमाणु हथियार हैं, लेकिन उसकी डिलीवरी क्षमता सीमित है। दूसरी ओर, भारत के पास न्यूक्लियर ट्रायड (हवा, जमीन, पानी से हमला) है, जो उसे जवाबी कार्रवाई में बढ़त देता है। अगर हालात इतने बिगड़ते हैं कि भारत को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करना पड़े, तो इसका प्रभाव भयावह होगा।

    एक परमाणु विस्फोट का प्रभाव

    • शक्ति: मान लें कि भारत 20 किलोटन का हथियार (हिरोशिमा बम के बराबर) इस्तेमाल करता है।

    • प्रभाव क्षेत्र:

      • विस्फोट केंद्र: 1-2 किमी त्रिज्या में सब कुछ नष्ट।

      • थर्मल प्रभाव: 5-7 किमी तक गंभीर जलन और आग।

      • रेडिएशन: 10-15 किमी तक दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव।

    • कराची पर प्रभाव:

      • कराची की आबादी: लगभग 2 करोड़।

      • अनुमानित हताहत: 5-10 लाख तत्काल मौतें, लाखों घायल।

      • बुनियादी ढांचा: बंदरगाह, औद्योगिक क्षेत्र, और आवासीय इलाके तबाह।

    • लाहौर और इस्लामाबाद: दोनों शहरों में 3-5 लाख तत्काल हताहत, और रेडिएशन से दीर्घकालिक प्रभाव।

    पाकिस्तान का 40% से अधिक क्षेत्र (लगभग 3.5 लाख वर्ग किमी) प्रभावित हो सकता है, खासकर क्योंकि कराची, लाहौर, और इस्लामाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहर पास-पास हैं। भारत की अग्नि-V जैसी मिसाइलें एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती हैं, जिससे तबाही का दायरा और बढ़ेगा।


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    पाकिस्तान की धमकियों का विश्लेषण

    पाकिस्तान की धमकियां "गीदड़भभकी" से ज्यादा कुछ नहीं हैं। कारण:

    1. तकनीकी अंतर: गजनवी जैसी मिसाइलें भारत के मिसाइल डिफेंस सिस्टम के सामने कमजोर हैं।
    2. आर्थिक स्थिति: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही है; युद्ध उसके लिए आत्मघाती होगा।
    3. अंतरराष्ट्रीय दबाव: पहलगाम हमले की निंदा अमेरिका, रूस, और अन्य देशों ने की है, जिससे पाकिस्तान बैकफुट पर है।

    • सैन्य असंतुलन: भारत की नौसेना, वायुसेना, और थलसेना हर पहलू में पाकिस्तान से श्रेष्ठ हैं। भारतीय नौसेना ने हाल ही में INS सूरत से मिसाइल टेस्ट कर अपनी ताकत दिखाई।

    पाकिस्तान के पूर्व सैनिक आदिल ने भी दावा किया कि पहलगाम हमला पाकिस्तानी सेना की शह पर हुआ। PoK के कठपुतली पीएम चौधरी अनवरुल हक ने आतंकियों को "मजाहिदीन" बताकर समर्थन दिया, जिससे पाकिस्तान की मंशा साफ हो गई।

    निष्कर्ष: भारत की रणनीति और भविष्य

    पहलगाम हमले के बाद भारत का रुख सख्त है। सेना को "फ्री हैंड" मिलने और कूटनीतिक कदमों (सिंधु जल संधि, बॉर्डर बंद) से साफ है कि भारत जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। पाकिस्तान की धमकियां तकनीकी और रणनीतिक रूप से खोखली हैं। गजनवी मिसाइल और परमाणु बम की बातें भले ही जोर-शोर से की जा रही हों, लेकिन भारत की सैन्य ताकत और मिसाइल डिफेंस सिस्टम इन खतरों को बेअसर कर सकते हैं।

    हालांकि, परमाणु युद्ध दोनों देशों के लिए विनाशकारी होगा। भारत और पाकिस्तान को तनाव कम करने और आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई की दिशा में बढ़ना चाहिए। पहलगाम हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इसका रास्ता कूटनीति और लक्षित कार्रवाई से हो, न कि परमाणु तबाही से।


    (यह रिपोर्ट We News 24 द्वारा प्रकाशित की गई लेख में प्रयुक्त तथ्य NIA जांच, DRDO डेटा, और अंतरराष्ट्रीय समाचार स्रोतों पर आधारित हैं।)

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