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    "ट्रंप के यू-टर्न से हिल गई दुनिया: क्या अब भरोसे के लायक नहीं रहे अमेरिका के राष्ट्रपति?"

     

    "ट्रंप के यू-टर्न से हिल गई दुनिया: क्या अब भरोसे के लायक नहीं रहे अमेरिका के राष्ट्रपति?"




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    🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 रिपोर्ट बाय ,गौतम कुमार  


    नई दिल्ली, — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम (सीजफायर) का बड़ा श्रेय अपने नाम किया था। लेकिन अब, 15 मई को अचानक से उन्होंने इस बात से पलटवार कर दिया है, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय राजनीति और क्षेत्रीय तनावों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


     ट्रंप का दावा और फिर पलटी


    डोनाल्ड ट्रंप ने कई सार्वजनिक मंचों पर दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को संभव बनाने में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने इसे अपनी "मूलभूत सफलता" करार दिया और अपने समर्थकों को यह भरोसा दिलाया कि उनके प्रयासों से ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हुई है।  



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    लेकिन, 15 मई को अचानक से ट्रंप ने अपने इस दावे से पीछे हटते हुए कहा कि यह प्रयास दोनों देशों की अपनी स्वाभाविक मंशा का परिणाम है। उनका यह बयान सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है।  



     विश्वसनीयता पर पड़ रहे सवाल


    इस बदलाव के बाद से ही भारत सहित दुनियाभर के विशेषज्ञ और राजनेता ट्रंप की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह का बदलाव ट्रंप की राजनीतिक रणनीति या फिर उनकी बयानबाजी की स्थिरता पर प्रश्न चिह्न लगाता है।  


     क्यों बदली ट्रंप की प्रतिक्रिया?


    विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की स्थिति का कारण राजनीतिक दबाव, आंतरिक चुनावी रणनीति या फिर अपने समर्थकों को संतुष्ट करने की कोशिश हो सकती है। वहीं, कुछ का कहना है कि ट्रंप का यह कदम उनके व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ या फिर क्षेत्रीय तनाव को लेकर उनकी समझदारी को दर्शाता है।  



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     भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की दिशा में प्रभाव


    यह बदलाव दोनों देशों के बीच शांति प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। भारत ने पहले ही कहा था कि वह संघर्ष विराम का सम्मान करता है, लेकिन ट्रंप की इस पलटी ने विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है। इससे क्षेत्र में स्थिरता और शांति की प्रक्रिया पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।  


    निष्कर्ष


    डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम दिखाता है कि राजनीतिक बयानबाजी और रणनीति में अक्सर बदलाव होते रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह ऐसी बातों को सावधानी से देखे और किसी भी स्थिति का आकलन अपने स्थिरता और दीर्घकालिक हितों के आधार पर करे। ट्रंप की इस स्थिति से सबक लेते हुए, भारत और पाकिस्तान को भी संवाद और समझौते के रास्ते पर बने रहना जरूरी है।  



    क्या आप जानते हैं? 

    राष्ट्रपति ट्रंप का यह पलटवार केवल एक उदाहरण है कि राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ और परिस्थितियों के अनुसार बयान बदल सकते हैं। यदि आप राजनीति, क्षेत्रीय तनाव और विश्व राजनीति की ताजा खबरें चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें।

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