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    हर साल की वही कहानी: बारिश में डूबी दिल्ली, जाम-जलभराव से बेहाल – बीजेपी के वादों की सरकार फेल!

     


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    वी न्यूज 24 डिजिटल डेस्क

    📝 रिपोर्ट:सीनियर पत्रकार दीपक कुमार 


    नई दिल्ली :- जब से दिल्ली में बीजेपी की रेखा सरकार आई है, वादों का अंबार लग गया—यमुना सफाई, जल संकट का समाधान, बारिश के जलभराव से निजात, नालों की सफाई, प्रदूषण पर लगाम, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इन दावों से कोसों दूर है। न तो दिल्ली की पानी की किल्लत कम हुईन प्रदूषण में कोई ठोस बदलाव आया, और न ही सीवर-नाली की सफाई समय पर हो सकी। यमुना की सफाई को लेकर भी कोई ठोस और पारदर्शी आंकड़ा सामने नहीं आया। सोशल मीडिया पर दिखावा बहुत है—सरकारी पोस्टर, प्रचार वीडियो, योजनाओं की घोषणाएं, लेकिन हकीकत मंगलवार को हुई तेज बारिश में सामने आ गई। चंद घंटों की बारिश ने राजधानी को घुटनों पर ला दिया।



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    तेज बारिश और उधड़ती तैयारियाँ

    मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई बारिश ने राजधानी की सड़कों को नहर में बदल दिया। नेशनल हाईवे-48महिपालपुरवसंत कुंजधौला कुआं, और आईजीआई एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण मार्ग जलमग्न हो गए।

    उत्तम नगरमुंडकाशालीमार बागनजफगढ़ रोड, और मोती बाग जैसे व्यस्त क्षेत्रों में गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहीं। रिहायशी इलाकों में भी पानी भर गया, जिससे लोग अपने ही घरों तक नहीं पहुंच पाए।


    बारिश ने इन इलाकों को सबसे ज़्यादा किया प्रभावित

    नेशनल हाईवे-48 (धौला कुआं से एयरपोर्ट व गुरुग्राम): गाड़ियों की लंबी कतारें, घंटों तक रेंगते वाहन।


    महिपालपुर, वसंत कुंज, आईजीआई एयरपोर्ट मार्ग: भारी ट्रैफिक जाम।


    पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली: उत्तम नगर, मुंडका, शालीमार बाग आदि में जलभराव।


    अंडरपास और व्यस्त सड़कें: इंद्रलोक, नजफगढ़ रोड, मोती बाग समेत कई जगहों पर पानी भरने से यातायात ठप।



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    रिहायशी इलाकों में भी नहीं मिली राहत

    कीर्ति नगर, जनकपुरी, रोहिणी सेक्टर-25, मुखर्जी नगर, धीरपुर समेत कई कॉलोनियों के निवासियों ने जलभराव की शिकायतें दर्ज कराईं। घरों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। कई जगहों पर नालों की सफाई न होने की वजह से पानी तेजी से भर गया।


    सोशल मीडिया पर वायरल हुआ गुस्सा

    लोगों ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर जलजमाव और जाम की तस्वीरें साझा कीं। गंदगी, टूटी सड़कें और फंसे वाहन – यह सब दिल्ली की मानसूनी सच्चाई को उजागर कर रहे थे। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर हर साल बारिश के पहले क्यों नहीं की जाती तैयारी?


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    हवाई उड़ानों पर भी असर, पेड़ गिरे

    मौसम की खराबी की वजह से 14 उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा और 400 से ज़्यादा उड़ानें देरी से चलीं। आंधी-तूफान की वजह से कई पेड़ भी गिर गए। पालम इलाके में 37.2 मिमी और आयानगर में 22.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को यलो अलर्ट जारी किया है।


    क्या फिर तैयार नहीं थी दिल्ली?

    हर साल मानसून से पहले बड़े-बड़े दावे होते हैं, लेकिन हर साल वही बदइंतज़ामी सामने आती है। सवाल ये नहीं है कि बारिश क्यों हुई—सवाल ये है कि प्रशासन ने इससे निपटने की तैयारी क्यों नहीं की?


    क्या होगा अगला कदम?

    अब जब मानसून दस्तक देने वाला है और आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना है, दिल्लीवासियों की उम्मीद सिर्फ एक ही है—शब्दों की नहीं, काम की राजनीति।


    दिल्ली की जनता जानना चाहती है: कब खत्म होगा ये जलजमाव-जाम का सिलसिला? क्या हर मानसून में राजधानी यूं ही बेहाल होती रहेगी?

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