📚 मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में शामिल होगा भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास: मुख्यमंत्री मोहन यादव की ऐतिहासिक घोषणा
We News 24 | भोपाल | अपडेटेड: 16 जून 2025
कलवार समाज और करोड़ों श्रद्धालुजन के लिए आज एक गौरव का क्षण है। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन — जो कलवार समाज के आराध्य देव और पराक्रम के प्रतीक माने जाते हैं — उनके गौरवशाली इतिहास को अब मध्यप्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा।
यह ऐलान खुद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया है। उन्होंने साफ कहा कि युवाओं को अपने महान पूर्वजों के शौर्य और संस्कृति से जोड़ना बेहद आवश्यक है, और इस दिशा में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास एक प्रेरणास्रोत है।
ये भी पढ़े-🏥 सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी,दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती | प्रियंका गांधी वायनाड दौरा छोड़कर रवाना
🛕 भगवान सहस्त्रबाहु: शौर्य, धर्म और समाज रक्षा के प्रतीक
भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन को धर्म, शक्ति और न्याय का प्रतीक माना जाता है।
कलवार समाज और अन्य हिन्दू समुदायों में उन्हें संरक्षक योद्धा की तरह पूजा जाता है।
उनका नाम "सहस्त्रबाहु" (हज़ार भुजाओं वाले) उनके अद्वितीय सामर्थ्य और पराक्रम का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा – “हमारे देश में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिनकी गाथाएं पाठ्यक्रम में होनी चाहिए। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन भी उनमें से एक हैं।”
🗓️ कलचुरी महासभा में की गई घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह घोषणा भोपाल स्थित मोतीलाल नगर मैदान में आयोजित 89वें कलचुरी सहस्रबाहु जयंती समारोह के दौरान की।
उन्होंने कहा कि जल्द ही शिक्षा विभाग के माध्यम से उनके जीवन और योगदान को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा।
ये भी पढ़े-💸 भीख और कर्ज की आदत ने तबाह कर दी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: 2025 के आर्थिक सर्वे से हुआ खुलासा
📌 मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
- सहस्त्रबाहु अर्जुन का इतिहास हमारे संस्कारों और परंपरा की अमूल्य धरोहर है।
- नई पीढ़ी को इससे परिचित कराना हमारी जिम्मेदारी है।
- सरकार राज्य में शांति, शिक्षा और संस्कृति का संतुलन स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है।
🪔 सांस्कृतिक पहचान को मिल रही मान्यता
यह कदम कलवार समाज के लिए न केवल एक सांस्कृतिक पहचान की स्वीकृति है, बल्कि यह एक सम्मानजनक स्थान भी प्रदान करता है।
सहस्त्रबाहु जी का इतिहास सिर्फ एक जाति विशेष नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और धर्म परंपरा का गौरवशाली अध्याय है।
ये भी पढ़े-तुर्की की खतरनाक चाल: बांग्लादेश के जरिए भारत की 'गर्दन' पर वार की तैयारी?
🙏 समाज में हर्ष की लहर
इस घोषणा से कलवार समाज में गहरी प्रसन्नता और आत्मगौरव की भावना है।
समाज के वरिष्ठजनों, युवा वर्ग और महिलाओं ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
नई पीढ़ी को मिलेगा अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन जैसे योद्धा सिर्फ वीरता नहीं, बल्कि न्याय और संस्कृति के भी प्रतीक हैं।
अब स्कूलों में बच्चे सिर्फ विदेशी इतिहास नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों की असली वीर गाथाएं भी पढ़ेंगे।
📌 ऐसी ऐतिहासिक और संस्कृति-संवर्धन से जुड़ी खबरों के लिए जुड़े रहें WE News 24 के साथ।
📲 इस खबर पर आने वाले हर अपडेट के लिए जुड़े रहें WE News 24 के साथ।
📲 वी न्यूज 24 को फॉलो करें और हर खबर से रहें अपडेट!
👉 ताज़ा खबरें, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जुड़ें हमारे साथ।
🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद