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    कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस: CCTV फुटेज में कैद हुआ दरिंदगी का सच, मनोजित मिश्रा और साथियों ने बनाई ब्लैकमेलिंग की साजिश

    कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस: CCTV फुटेज में कैद हुआ दरिंदगी का सच, मनोजित मिश्रा और साथियों ने बनाई ब्लैकमेलिंग की साजिश


    ✍️ लेखक: सुजीत कुमार विश्वास , पत्रकार | We News 24


    🗓️ स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल

    📍घटना का स्थान: साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज


    🔴 "मैं बस एक लाश की तरह पड़ी रही..."

    24 वर्षीय छात्रा की इस एक पंक्ति ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। कोलकाता के प्रतिष्ठित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम 7:30 बजे जो हुआ, वह न केवल अमानवीय था, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे सत्ता, डर और तंत्र का गठजोड़ छात्राओं की सुरक्षा को निगल रहा है।


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    📹 CCTV फुटेज से खुली सच्चाई

    एनडीटीवी और पुलिस सूत्रों के अनुसार, CCTV फुटेज में दिखता है कि मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा ने अपने साथियों को छात्रा को कॉलेज गेट से खींचकर गार्ड रूम तक ले जाने के लिए कहा। वहीं, छात्रा भागने की कोशिश करती है, लेकिन उसे जबरन वापस अंदर खींच लिया जाता है।


    🚨 आरोपियों की पहचान और गिरफ़्तारी:

    1. मनोजित मिश्रा – मुख्य आरोपी, TMC युवा विंग से जुड़ा

    2. प्रोमित मुखर्जी – सहआरोपी, वीडियो रिकॉर्डिंग में शामिल

    3. जैद अहमद – सहआरोपी, वीडियो बनाने में संलिप्त

    4. कॉलेज गार्ड – जिसने घटनास्थल पर मौन सहमति दी

    TMC ने बयान जारी कर कहा है कि "दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले", लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक संरक्षण का मामला बता रहा है।


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    🧬 सबूतों की फेहरिस्त:

    1. हॉकी स्टिक (जिससे पीड़िता के सिर पर वार हुआ)
    2. लाल कुर्ता, भूरे रंग की पैंट, काले शॉर्ट्स (मनोजित के)
    3. बालों के गुच्छे (गार्ड रूम से बरामद)
    4. मोबाइल में वारदात का वीडियो – जो साइबर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है


    🧾 जांच और SIT की कार्रवाई

    कोलकाता पुलिस की 9 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने रविवार को प्रोमित मुखर्जी के हावड़ा स्थित घर की तलाशी ली। कंप्यूटर, हार्ड डिस्क समेत डिजिटल डाटा खंगाला गया। पुलिस ने यह भी कहा है कि पीड़िता का परिवार जांच से संतुष्ट है और न्याय की जल्द उम्मीद कर रहा है।


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    ⚖️ **सवाल प्रशासन से:

    क्या कॉलेज परिसर सुरक्षित हैं?
    क्या राजनीति अपराधियों को संरक्षण दे रही है?
    कब तक छात्राओं को डर और ब्लैकमेलिंग का शिकार होना पड़ेगा?


    🧠 सामाजिक टिप्पणी:

    यह केस बताता है कि पॉवर, पॉलिटिक्स और पितृसत्ता का मिलाजुला ज़हर कैसे शिक्षा संस्थानों में छात्राओं की गरिमा लील रहा है। CCTV, मेडिकल और डिजिटल सबूतों के बावजूद अगर न्याय में देरी होती है, तो यह जनता का भरोसा तोड़ेगा।


    🟠 हमारी मांग:

    1. फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई
    2. कॉलेज प्रशासन की भूमिका की भी जांच
    3. TMC को स्पष्ट राजनीतिक कार्रवाई करनी चाहिए
    4. राज्य महिला आयोग को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए



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