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    मणिपुर हिंसा: इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू – कब थमेगा आग में जलता पूर्वोत्तर?

    मणिपुर हिंसा इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू


    ✍️ स्थानीय  संवाददाता  ,वी न्यूज 24 


    मणिपुर :- एक बार फिर अशांति और हिंसा की चपेट में है। इंफाल घाटी की सड़कों पर गूंजते नारों, धुएं और गोलियों की आवाज़ ने एक बार फिर लोगों के दिलों में डर बैठा दिया है। शनिवार शाम को शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद राज्य प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े – इंटरनेट सेवाएं 5 दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं और बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।


    क्या हुआ मणिपुर में? एक नजर…

    शनिवार की शाम इंफाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए। लोगों ने क्वाकेथेल पुलिस चौकी पर हमला कर दिया, क्योंकि इससे पहले सुरक्षा बलों ने अरम्बाई टेंगोल समूह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक कमांडर भी शामिल था। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही भीड़ आक्रोशित हो उठी।



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    प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दो पत्रकारों सहित कम से कम तीन लोग घायल हो गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं।


    5 दिन का इंटरनेट ब्लैकआउट

    राज्य के गृह सचिव द्वारा जारी आधिकारिक आदेश में 7 जून से 5 दिनों तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने की घोषणा की गई। आदेश में यह स्पष्ट किया गया कि इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति बनी हुई है।



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    सरकार को आशंका है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट, हेट स्पीच और अफवाहों से माहौल और ज्यादा खराब हो सकता है। इसलिए यह फैसला लिया गया कि इंटरनेट ब्लैकआउट ही फिलहाल एकमात्र उपाय है।


    कर्फ्यू और धारा 144 लागू

    बिष्णुपुर जिले में पूरी तरह कर्फ्यू लगा दिया गया है, जबकि अन्य घाटी जिलों में पांच या अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश शनिवार रात करीब 2 बजे मणिपुर पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पर साझा किया गया।


    क्या कहता है स्थानीय समाज?

    यह हिंसा मणिपुर की पहले से ही संवेदनशील स्थिति को और भड़काने का काम कर रही है। सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव अब आम जनजीवन को गहरे रूप से प्रभावित करने लगा है।

    एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हम रोज़ डर में जी रहे हैं। घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। ये कब खत्म होगा, कोई नहीं जानता।”



    मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है। एक तरफ कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, तो दूसरी ओर आम नागरिकों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्रता भी दांव पर है। इंटरनेट बंदी और कर्फ्यू जैसे कदम जरूरी तो हो सकते हैं, लेकिन इससे जमीनी हालात कब और कैसे सुधरेंगे – यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। 


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