विदेश से आया “प्यार” और तोहफे का जाल: नवी मुंबई की शिक्षिका से ₹49.59 लाख की साइबर ठगी
✍️ रिपोर्ट: अमित सिंह | वी न्यूज 24
📱 इंस्टाग्राम की दोस्ती और ज़िंदगी की सबसे बड़ी ठगी
मुंबई :-46 वर्षीय नवी मुंबई की शिक्षिका को क्या पता था कि एक ऑनलाइन दोस्ती उसकी जिंदगी की सबसे महंगी भूल बन जाएगी। इंस्टाग्राम पर एक “विदेशी दोस्त” से हुई बातचीत ने कुछ ही हफ्तों में प्यार, तोहफों और विश्वास का रूप ले लिया — लेकिन पीछे छिपा था एक संगठित अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह, जो भावनाओं का शोषण कर करोड़ों की ठगी कर रहा है।
ये भी पढ़े-वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों की गुंडागर्दी: कनाडाई पत्रकार पर हमला, भारत-विरोधी नारे और हिंसा की खुली वकालत
🎯 कैसे रचा गया जाल?
1. फेक प्रोफाइल से शुरुआत
इंस्टाग्राम पर लंदन निवासी "व्यवसायी" का आकर्षक प्रोफाइल
2. भावनाओं को भुनाया गया
बातचीत दोस्ती में बदली, फिर “प्यार” में
3. कस्टम अफसर बन कर आए असली ठग
एक महिला ने फोन कर खुद को “दिल्ली एयरपोर्ट की कस्टम अधिकारी” बताया
ये भी पढ़े-🏗️ दिल्ली के लाल डोरा क्षेत्र में उगते अवैध फ्लैट्स, और पानी की चोरी: विकास या कानून की चुपके से हत्या ?
💸 एक-एक करके उड़ते गए लाखों
₹3 लाख कस्टम ड्यूटी
💔 भावनात्मक धोखा, मानसिक आघात
शिक्षिका ने बताया:
"हर बार लगता था कि बस एक आखिरी पेमेंट के बाद मेरा गिफ्ट आ जाएगा... लेकिन अब समझ आ गया कि सब फरेब था।"
एक शिक्षित महिला, जो दूसरों को सही रास्ता दिखाती है, जब खुद इस जाल में फंसी, तो सवाल सिर्फ पैसों का नहीं, विश्वास और आत्मसम्मान का बन जाता है।
ये भी पढ़े-दिल्ली में 9 साल की मासूम से दरिंदगी: सूटकेस में मिला शव, आरोपी नौशाद फरार, पुलिस की 7 टीमें तलाश में जुटीं
👮♀️ पुलिस जांच और केस दर्ज
रबाले पुलिस स्टेशन में अपराध क्रमांक 126/2025 दर्ज
जांच में शामिल बिंदु:
- संदिग्ध बैंक खातों की जांच
- कॉल रिकॉर्डिंग, ट्रांजैक्शन ट्रेस
- सोशल मीडिया प्रोफाइल ब्लॉक
- साइबर सेल द्वारा IP ट्रैकिंग
पुलिस को शक है कि ये एक अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह है, जो खासकर अकेली और भावनात्मक रूप से संवेदनशील महिलाओं को टारगेट करता है।
🧠 मनोवैज्ञानिक पहलू: जब अकेलापन बन जाए कमजोरी
साइबर अपराध विशेषज्ञों के अनुसार:
“ये ठग सिर्फ पैसे नहीं चुराते, वे मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी छीन लेते हैं।”
अकेलेपन, भावनात्मक ज़रूरत और डिजिटल दुनिया में रिश्तों की तलाश — यही सबसे बड़ा हथियार बनते हैं इन अपराधियों का।
🛡️ सीख: सोशल मीडिया नहीं, सोचिए – सेफ्टी मीडिया
✅ ऐसे जाल से कैसे बचें:
-
अनजान प्रोफाइल से चैटिंग शुरू न करें
-
तोहफों या पैसों की बात आते ही सतर्क हो जाएं
-
कोई भी पैसा ट्रांसफर करने से पहले साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें
-
ऑनलाइन कस्टम या जीएसटी जैसी बातों पर पहले डॉक्यूमेंट मांगें
-
भावनाओं पर नियंत्रण रखें, प्यार सबसे आसान जाल है
📌 निष्कर्ष:
यह घटना एक अकेली महिला की नहीं, बल्कि उस डिजिटल समाज की कहानी है जहां भावनाओं को हथियार बनाकर अपराधी अपने शिकार ढूंढते हैं।
हर बार ठग जीतते हैं, जब हम सबक नहीं लेते।
अगर आप इस कहानी को पढ़कर सतर्क हुए, तो यही इस शिक्षिका की सबसे बड़ी जीत होगी।
📲 वी न्यूज 24 को फॉलो करें और हर खबर से रहें अपडेट!
👉 ताज़ा खबरें, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जुड़ें हमारे साथ।
🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद