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    गरीब रथ कोचों पर चला रेलवे का बुलडोजर: ICF डिज़ाइन कोच होंगे रिटायर, अब दिखेगा नया LHB लुक

    गरीब रथ कोचों पर चला रेलवे का बुलडोजर: ICF डिज़ाइन कोच होंगे रिटायर, अब दिखेगा नया LHB लुक


    ✍️ लेखक: गौतम कुमार  | प्रकाशन: वी न्यूज 24 | We News 24

    🚆 नई दिल्ली, जून 2025।

    रेलवे से सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। भारतीय रेलवे ने गरीब रथ ट्रेनों में इस्तेमाल हो रहे ICF डिज़ाइन के कोच को सेवा से हटाने का फैसला लिया है। अब इनकी जगह LHB (Linke Hofmann Busch) एसी इकोनॉमी रैक का इस्तेमाल किया जाएगा।


    इस फैसले से न केवल ट्रेन का लुक और सुरक्षा बेहतर होगा, बल्कि यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।



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    ✅ रेलवे का बड़ा फैसला: ICF कोच होंगे कंडम, अब सफर करेंगे LHB रैक में

    'द हिंदू' की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने करीब 900 ICF कोच को सेवा से हटाने के आदेश दिए हैं। इन कोचों को कंडम घोषित किया जाएगा। ये कोच 62 गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों में प्रमुख रूप से उपयोग हो रहे थे।


    रेलवे सूत्रों के अनुसार:


    “अब ICF के पुराने डिज़ाइन कोच को पैसेंजर सर्विस से पूरी तरह हटाया जाएगा। इनकी जगह LHB एसी इकोनॉमी रैक लाए जाएंगे जो तेज़, सुरक्षित और आधुनिक हैं।”


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    ⚠️ शिकायतों के बाद बदला पूरा सिस्टम

    रेलवे को कई जोनल अधिकारियों और यात्रियों से इन कोचों को लेकर गंभीर शिकायतें मिलीं, जैसे:

    बिजली और इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी

    मैकेनिकल फेल्योर

    स्पेयर पार्ट्स की भारी कमी

    समय पर मरम्मत नहीं होना

    रेलवे बोर्ड को लगातार मिल रही इन शिकायतों के बाद ICF डिज़ाइन कोच को हटाने का त्वरित निर्णय लिया गया।


    🔧 मेंटेनेंस बना सबसे बड़ी चुनौती

    रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:

    “ICF कोच के पार्ट्स मिलना मुश्किल हो गया है और मरम्मत समय पर नहीं हो पाती। इससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर असर पड़ रहा है।”


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    📊 2028 तक सभी ICF कोच होंगे रिटायर

    फिलहाल देशभर में करीब 154 ट्रेन रैक ऐसे हैं, जिनमें अभी भी ICF डिज़ाइन के कोच लगे हुए हैं – इनमें सबसे ज्यादा Southern Railway ज़ोन में हैं। रेलवे ने 2028 तक इन्हें पूरी तरह LHB कोच में बदलने का रोडमैप तैयार कर लिया है।


    🤝 जन प्रतिनिधियों और विभागों की भूमिका

    रेलवे मंत्रालय के इस निर्णय में सभी जोनल रेलवे, तकनीकी विभाग, यात्री सुरक्षा शाखा और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर सहयोग किया है। इस फैसले से भारतीय रेल की छवि और सेवाओं को आधुनिक स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।


    🚄 आखिर क्यों बेहतर हैं LHB कोच?

    पैरामीटर                                                 ICF कोच                                       LHB कोच

    स्पीड सीमा                                      110 किमी/घंटा                          160-200 किमी/घंटा

    सेफ्टी                                                   कम                                  ज्यादा (एंटी क्लाइम्बिंग)

    शोर                                                          अधिक                                              कम

    सवारी आराम                                           औसत                                              बेहतर

    मेंटेनेंस                                                   कठिन                                     अपेक्षाकृत आसान


    📌 निष्कर्ष: रेलवे का भविष्य और यात्रियों की सुविधा दोनों होंगे बेहतर

    रेलवे का यह निर्णय न केवल यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि सुरक्षा और स्थायित्व के लिहाज से भी जरूरी कदम है। जहां एक ओर गरीब रथ जैसी ट्रेनों का नाम बना रहा, वहीं उनका स्वरूप अब और उन्नत और सुरक्षित हो जाएगा।


    📢 वी न्यूज 24 | We News 24 देश की जनता के लिए समय-समय पर ऐसी महत्वपूर्ण खबरें लाता रहेगा।




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