दिल्ली में EOL वाहनों की एंट्री बैन: न मिलेगा ईंधन, सीधे भेजे जाएंगे स्क्रैप में!
📰 वी न्यूज 24 | पर्यावरण विशेष रिपोर्ट
✍️ लेख: काजल कुमारी , पत्रकार
🔥 अब दिल्ली में नहीं चलेगा पुराना वाहन, एक जुलाई से बिना ईंधन के खड़ा होगा हर ‘EOL’ राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से सड़क पर चल रहे पुराने पंजीकृत वाहनों (End of Life – EOL) को लेकर कड़ा प्रतिबंध लागू होने जा रहा है।
डीजल वाहनों के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की अधिकतम उम्र तय कर दी गई है। इसके बाद ऐसे वाहन न तो ईंधन ले पाएंगे, न ही सड़कों पर दौड़ पाएंगे।
📜 क्या है नया नियम?
👉 वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने जारी किया सख्त आदेश:
1 जुलाई 2025 से दिल्ली में किसी भी राज्य में पंजीकृत EOL वाहन को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
ऐसे वाहनों को जब्त कर स्क्रैपिंग सेंटर भेजा जाएगा।
यह आदेश केवल दिल्ली पंजीकरण नहीं, बल्कि किसी भी राज्य में पंजीकृत वाहन पर लागू होगा।
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📸 कैसे होगी पहचान? — तकनीक से चलेगा कानून
✅ 520 पेट्रोल पंपों में से 500 पर ANPR (ऑटोमैटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लग चुके हैं।
✅ 30 जून तक बाकी पंपों पर भी कैमरे लगाए जाएंगे।
✅ ये कैमरे पहचान करेंगे:
10 साल से पुराने डीजल वाहनों की
15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की
🛑 एक बार कैमरे में नंबर आया, वाहन पकड़ा जाएगा, और कार्रवाई होगी।
🚫 EOL वाहन? तो पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा!
फ्यूल स्टेशन पर EOL वाहनों को ईंधन देने पर मनाही
अनुपालन न करने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई
100 प्रवर्तन टीमों का गठन, जो वाहन और पेट्रोल पंप दोनों पर नज़र रखेंगी।
🏙️ गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद जैसे इलाकों में कब लागू होगा?
1 नवंबर 2025 से लागू होगा यह नियम:
गाजियाबाद
गौतमबुद्ध नगर
सोनीपत
फरीदाबाद
गुरुग्राम
31 अक्टूबर तक सभी हाई-डेंसिटी जिलों में कैमरे लगाने का लक्ष्य
🗓️ बाकी एनसीआर जिलों में नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
📊 कितने वाहन हैं EOL श्रेणी में?
दिल्ली में 62 लाख EOL वाहन, जिनमें:
41 लाख दोपहिया
लाखों की संख्या में कारें, बसें, ऑटो शामिल हैं
पूरे एनसीआर में लगभग 44 लाख EOL वाहन
📣 CAQM का सख्त संदेश:
वीरेंद्र शर्मा, सदस्य (तकनीकी), CAQM ने कहा:
“केवल दिल्ली ही नहीं, देश के किसी भी कोने से आए पुराने वाहन भी इस प्रतिबंध के दायरे में आएंगे। यह निर्णय दिल्ली की हवा को बचाने के लिए है।”
🧠 वी न्यूज 24 की राय:
दिल्ली जैसे प्रदूषण से त्रस्त शहर के लिए यह कदम साहसिक और ज़रूरी है।
पुराने वाहनों पर रोक, टेक्नोलॉजी के ज़रिए पहचान, और स्क्रैपिंग की व्यवस्था— यह सब दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।
लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब:
जनता को पर्याप्त जागरूकता दी जाए
बिना भ्रष्टाचार के निष्पादन हो
और वैकल्पिक सार्वजनिक परिवहन और स्क्रैपिंग व्यवस्था मज़बूत की जाए
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