अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: शहरों, गांवों, कस्बों, पहाड़ों की ऊंचाइयों से लेकर टाइम्स स्क्वायर तक गूंजेगा योग का संदेश
लेखक: वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार, वी न्यूज 24 | We News 24
नई दिल्ली, 21 जून। 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आज पूरे देश और दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"। यह थीम सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि मानवता के सामूहिक स्वास्थ्य और वैश्विक जुड़ाव का प्रतीक बन गई है।
विशाखापत्तनम बना ऐतिहासिक योग स्थल
इस बार योग दिवस का राष्ट्रीय मुख्य कार्यक्रम विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर आयोजित हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब तीन लाख लोगों के साथ योगाभ्यास किया। उनके साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी उपस्थित रहे।
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पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,
"योग का सीधा अर्थ है जुड़ना। यह देखना सुखद है कि योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, यह आत्म-जागरूकता और मानसिक संतुलन की ओर यात्रा है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत योग को आधुनिक विज्ञान और रिसर्च से जोड़कर और सशक्त कर रहा है। उन्होंने AIIMS दिल्ली की रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि योग कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स, महिलाओं के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य में अत्यंत प्रभावी है।
देश भर में जनप्रतिनिधियों और विभागों की सक्रियता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग करते हुए कहा,
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“योग आपके शरीर को स्वस्थ और आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। यह हमारी ऋषि परंपरा की अमूल्य देन है।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में सामूहिक योग कार्यक्रम में भाग लिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और योग गुरु स्वामी रामदेव ने कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर योग किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से "दक्षिणायन" की शुरुआत हो रही है। उन्होंने योग को भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रकाशस्तंभ बताया।
सेना, सीमा और शिखरों तक पहुंचा योग
देश की सुरक्षा में तैनात ITBP जवानों ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील के किनारे 14,200 फीट की ऊंचाई पर योग कर यह संदेश दिया कि योग सीमाओं से परे है। जवानों ने बर्फीली हवाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच भी योगाभ्यास किया।
दुनिया भर में भारतीय संस्कृति की गूंज
अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स स्क्वायर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा,
“मेरे दादाजी योग शिक्षक थे। योग मेरे जीवन का हिस्सा रहा है और यह शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य का भी समाधान है।”
उड़ीसा के प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी की सूर्य नमस्कार करती हुई भव्य रेत कलाकृति बनाकर योग दिवस को श्रद्धांजलि दी।
राजनीति और कला जगत से भी योग का समर्थन
भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा,
“मैं हमेशा योग करती हूं और दूसरों को भी प्रेरित करने की कोशिश करती हूं। यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।”
निष्कर्ष: योग – भारत की विश्व को देन
आज जब पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग करता है, यह भारत के सांस्कृतिक नेतृत्व और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रमाण है। योग न केवल शरीर को स्वस्थ करता है, बल्कि आत्मा को भी जोड़ता है। यह दिवस याद दिलाता है कि भारतीय परंपरा कितनी वैज्ञानिक और सामूहिक भलाई पर केंद्रित रही है।
🧘♀️ योग सिर्फ आसनों का नाम नहीं, यह जीवन जीने की एक कला है।
🌍 "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" – यही है योग का मूल संदेश।
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