बिहार मतदाता सूची विवाद पर CEC ज्ञानेश कुमार ने राजनीती पार्टी से सीधा सवाल किया
(एक विश्लेषण: राजनीतिक हंगामे के बीच चुनाव आयोग की पारदर्शिता का सवाल)
📌(मुख्य बिंदु):
- **CEC ज्ञानेश कुमार** ने विपक्ष के आरोपों को **"संविधान विरोधी"** बताया, पूछा— *"क्या मृत, दोहरे पंजीकृत या विदेशी मतदाताओं को सूची में रखना चाहिए?"*
- **बिहार में सघन पुनरीक्षण**: 21 लाख मृत, 31 लाख पलायन कर चुके, 7 लाख दोहरे पंजीकृत मतदाताओं की पहचान।
- **विपक्ष का हंगामा**: संसद में प्रदर्शन, आरोप— *"करोड़ों पात्र मतदाताओं को हटाया जा रहा है!"*
- **CEC का दावा**: *"शुद्ध मतदाता सूची निष्पक्ष चुनाव की पहली शर्त।"*
रिपोर्ट: [वी न्यूज 24 टीम] |स्रोत: चुनाव आयोग/संसदीय प्रोटोकॉल |
खबर की पूरी कहानी:
नई दिल्ली। बिहार में चल रहे **मतदाता सूची के सघन पुनरीक्षण** को लेकर विपक्षी दलों के तीखे विरोध के बीच **मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार** ने गुरुवार को स्पष्ट किया— *"चुनाव आयोग किसी के दबाव में असंवैधानिक काम नहीं कर सकता।"*
**⚡ CEC के सीधे सवाल:**
1. *"क्या मृत, पलायन कर चुके या दो जगह पंजीकृत मतदाताओं को सूची में रखना संविधान सम्मत है?"*
2. *"क्या एक शुद्ध मतदाता सूची निष्पक्ष चुनाव की बुनियाद नहीं?"*
3. *"क्या अयोग्य लोगों को वोट देने देना लोकतंत्र के साथ धोखा नहीं?"*
**📊 चुनाव आयोग के आंकड़े:**
- **21 लाख+** मृत मतदाता
- **31 लाख+** स्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाता
- **7 लाख+** दोहरे पंजीकृत मतदाता
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**🎤 विपक्ष vs चुनाव आयोग: क्या है विवाद?**
- **विपक्ष का आरोप**: *"आयोग सरकार के इशारे पर पात्र मतदाताओं को हटा रहा है।"*
- **CEC का जवाब**: *"हम सिर्फ़ अयोग्य नाम हटा रहे हैं। यह पारदर्शी प्रक्रिया है।"*
- **राजनीतिक आग**: RJD, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा किया, मांग की— *"पुनरीक्षण रोका जाए!"*
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**🤔 क्यों ज़रूरी है यह पुनरीक्षण?**
1. **चुनावी धांधली रोकना**: दोहरे वोटिंग या मृत मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोटिंग पर अंकुश।
2. **पारदर्शिता**: डेटा डिजिटलाइजेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से सूची को अप-टू-डेट रखना।
3. **संवैधानिक जिम्मेदारी**: चुनाव आयोग का संविधान अनुच्छेद 324 के तहत कर्तव्य।
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**⚠️ चिंताएँ और सवाल:**
- **ग़लत हटाए गए नाम?** विपक्ष का दावा— *"कई पात्र मतदाताओं के नाम ग़ायब हुए।"*
- **राजनीतिक एजेंडा?** आयोग पर *"सरकारी दबाव"* के आरोप।
- **नागरिकों की ज़िम्मेदारी**: CEC ने जनता से अपील की— *"राजनीति से ऊपर उठकर इस पर विचार करें।"*
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**📢 जनहित में अपील:**
CEC ने **"राष्ट्रहित में शुद्ध मतदाता सूची"** का आग्रह करते हुए कहा— *"यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए ज़रूरी कदम है।"*
**✍️ निष्कर्ष:**
यह विवाद **लोकतंत्र की मूल भावना** पर सवाल खड़ा करता है— क्या मतदाता सूची की शुद्धता ज़रूरी है या फिर राजनीतिक दबाव में ढील दी जाए? CEC के सवालों ने देश के सामने एक **विचारणीय मुद्दा** रख दिया है। अब जनता और न्यायपालिका को तय करना है कि **"चुनावी निष्पक्षता"** या **"राजनीतिक हित"** प्राथमिकता क्या होगी।
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