कुतुब मीनार परिसर को बना दिया जाएगा पार्टी हॉल? एएसआई की निकम्मी सोच और भ्रष्टाचार की नई मिसाल!
✍️ दीपक कुमार | वरिष्ठ पत्रकार | We News 24
नई दिल्ली :- "इतिहास बिक रहा है, और हम सब चुप हैं!" दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार परिसर को अब शादी, रिसेप्शन और निजी पार्टियों के लिए खोलने की योजना सामने आई है। यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के कुछ भ्रष्ट और अक्षम अधिकारियों की सोच है, जिनका मकसद सिर्फ 'कमाई' और 'कमीशन' बन गया है — देश की धरोहरें जाएं भाड़ में!
🤝 मिलीभगत से विरासत पर हमला!
ASI का कार्य ऐतिहासिक इमारतों की देखभाल करना है, लेकिन आज वही संस्था खुद धरोहरों की बर्बादी का कारण बन रही है।
टैक्सपेयर्स का पैसा इनकी तनख्वाह और कुर्सियों पर खर्च होता है
लेकिन काम के नाम पर सिर्फ मौन स्वीकृति और मिलीभगत दिखाई देती है
क्या महरौली जैसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में, जहां पहले से ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या है, वहां इस तरह के आयोजनों को अनुमति देना किसी आपराधिक सोच से कम है?
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🧑⚖️ समाजसेवी विवेक जोशी ने उठाई आवाज
"यह ऐतिहासिक स्थल हमारी सांस्कृतिक आत्मा हैं, इन्हें निजी लाभ के लिए बेचने की साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुतुब मीनार कोई फार्म हाउस नहीं है कि इसे इवेंट के लिए किराए पर चढ़ा दिया जाए।"
विवेक जोशी ने क्षेत्रीय निवासियों और युवाओं से अपील की है कि इस फैसले के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराएं और इस तरह के प्रयासों को राष्ट्रीय मुद्दा बनाएं।
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💥 सवाल उठते हैं:
क्या फार्म हाउसेस की कमी पड़ गई थी?
क्या दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत अब ASI की बपौती बन गई है, जिसे जब चाहें बेच दें?
क्या देश की धरोहरें अब इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के हवाले कर दी जाएंगी?
🔥 जनविरोध की चिंगारी जल चुकी है
महरौलीवासियों में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय लोगों का साफ कहना है कि अगर कुतुब मीनार परिसर का व्यवसायीकरण किया गया, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। इतिहास को बेचा नहीं जाने दिया जाएगा।
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✊ हमारी मांगें:
कुतुब मीनार परिसर को किसी भी प्रकार के निजी या व्यवसायिक आयोजन के लिए खोलने की योजना तत्काल रद्द की जाए
ASI में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की तत्काल जांच कर निलंबन किया जाए
सभी Protected Monuments में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि पर राष्ट्रीय स्तर पर रोक लगे
पब्लिक की शिकायतों को प्राथमिकता पर लिया जाए, न कि नजरअंदाज किया जाए
🚨 देश के कोने-कोने में यही हाल है
केवल कुतुब मीनार ही नहीं — पूरे भारत में ASI की लापरवाही और भ्रष्टाचार के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। फिर चाहे वह वाराणसी के घाट हों, आगरा का किला हो या राजस्थान के किले।
हर जगह आम जनता की आंखों के सामने संस्कृति को गटर में फेंका जा रहा है।
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🧱 क्या ASI को भंग कर देना चाहिए?
यह एक गंभीर सवाल है। अगर एक राष्ट्रीय संस्था, जो देश की धरोहरों की जिम्मेदार है, सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो क्या उसका अस्तित्व देश के लिए जरूरी रह जाता है?
📌 We News 24 का संकल्प
हम We News 24 के माध्यम से यह संकल्प लेते हैं कि
हम देश की विरासतों को बिकने नहीं देंगे
भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश जारी रहेगा
और जनता की आवाज, सड़कों से संसद तक पहुंचेगी
🗣️ आप क्या सोचते हैं?
क्या आप अपने इतिहास को बिकने देंगे?
क्या आप ऐसी संस्थाओं के खिलाफ खड़े होंगे?
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