उत्तराखंड संगम समाज संगठन ने किया वरिष्ठ पत्रकार दीप सिलोड़ी का भव्य सम्मान
📢 We News 24
एडिट :-काजल कुमारी ,लेख वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार
📍 दिल्ली, संगम विहार | 30 जून 2025
नई दिल्ली :- उत्तराखंड लोक साहित्य मंच एवं DPMI के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली-एनसीआर के 52 सेंटरों पर चल रही ग्रीष्मकालीन बोली भाषा कक्षाओं के अंतर्गत सत्यनाम पब्लिक स्कूल, संगम विहार सेंटर पर आज एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड एवं दिल्ली-एनसीआर के वरिष्ठ पत्रकार दीप सिलोड़ी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों को उत्तराखंडी बोली भाषा, संस्कृति और पत्रकारिता के मूल्यों से परिचित कराया।
ये भी पढ़े-दिल्ली के छतरपुर में खुलेआम हो रहे हैं अवैध जल कनेक्शन; जल बोर्ड और पुलिस प्रशासन मौन!
🌟 दीप सिलोड़ी का भव्य स्वागत और शॉल ओढ़ाकर सम्मान
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड संगम समाज संगठन द्वारा दीप सिलोड़ी जी का शॉल ओढ़ाकर भव्य स्वागत किया गया। संगठन के अध्यक्ष, कार्यकारिणी सदस्यगण, महिला प्रतिनिधि और वरिष्ठ समाजसेवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस सम्मान के दौरान माहौल भावनात्मक और प्रेरणादायक रहा।
📣 पत्रकार दीप सिलोड़ी ने क्या कहा?
"उत्तराखंडी बोली और संस्कृति हमारी पहचान है। आज यह देखकर गर्व होता है कि दिल्ली जैसे महानगर में भी हजारों बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में अपने मूल से जुड़ने के लिए बोली भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए मैं उत्तराखंड लोक साहित्य मंच, डॉ. विनोद बच्चेदी और सभी सहयोगी संगठनों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ।"
दीप सिलोड़ी ने यह भी कहा कि यह मुहिम दिल्ली-एनसीआर में सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बन चुकी है।
👧👦 बच्चों को मिली नई प्रेरणा
कार्यक्रम में बच्चों को बोली भाषा सीखने के साथ पत्रकारिता और उत्तराखंडी संस्कृति की उपयोगिता से भी परिचित कराया गया। बच्चों में खासा उत्साह देखा गया और कई छात्रों ने बोली में कविताएं और संवाद भी प्रस्तुत किए।
📌 52 सेंटरों में जारी है भाषा-संस्कृति की यह मुहिम
उत्तराखंड लोक साहित्य मंच और DPMI के सहयोग से इस वर्ष दिल्ली-एनसीआर के 52 स्थानों पर उत्तराखंडी बोली भाषा की कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, जिसमें हजारों बच्चे भाग ले रहे हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ना, भाषा को जीवित रखना और सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित करना है।
🗣️ पत्रकार दीप सिलोड़ी:
"बोली हमारी पहचान है। इसे जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।"
🗣️ मुरारीलाल ओड़ियाल, केंद्र प्रमुख (संगम विहार सेंटर):
"बच्चों का जोश और लगन यह साबित करता है कि यह प्रयास सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है।"
दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड की बोली भाषा और सांस्कृतिक चेतना को लेकर जो अलख जगाई गई है, उसमें पत्रकार, सामाजिक संगठन और माता-पिता मिलकर नई पीढ़ी को अपनी पहचान से जोड़ रहे हैं। ऐसे प्रयासों से ही भाषा और संस्कृति का पुनर्जागरण संभव हो पाता है।
📢 We News 24 / वी न्यूज 24
📲 वी न्यूज 24 को फॉलो करें और हर खबर से रहें अपडेट!
👉 ताज़ा खबरें, ग्राउंड रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जुड़ें हमारे साथ।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद