तालिबानी निजाम या कानून का राज? पटना AIIMS में फिर बवाल, विधायक चेतन आनंद बने शिकार
रिपोर्ट: अमिताभ मिश्रा | We News 24
पटना:- बिहार की राजधानी पटना में स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (AIIMS), एक बार फिर अपने चिकित्सा सेवाओं की जगह विवादों के कारण सुर्खियों में है। इस बार मामला सीधा एक निर्वाचित विधायक से जुड़ा है — शिवहर से RJD विधायक चेतन आनंद के साथ कथित रूप से AIIMS के गार्ड और जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की, और खबरें तो यह भी हैं कि उन्हें कुछ देर के लिए बंधक बना लिया गया।
💥 क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, विधायक चेतन आनंद पटना AIIMS किसी मरीज को देखने पहुंचे थे। इसी दौरान कथित रूप से प्रवेश को लेकर गार्ड्स से कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि हाथापाई शुरू हो गई। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जूनियर डॉक्टरों ने भी मौके पर आकर मामला गर्माया और स्थिति हाथ से निकल गई।
सवाल यह है — एक जनप्रतिनिधि, जो जनता के वोट से चुनकर विधानसभा पहुंचा है, अगर AIIMS में सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता के साथ वहां क्या होता होगा?
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🩺 AIIMS: अस्पताल या विवादों का अड्डा?
यह पहली बार नहीं है जब पटना AIIMS विवादों में है। इससे पहले मनीष कश्यप के साथ भी गार्ड और प्रशासन द्वारा दुर्व्यवहार की खबर सामने आई थी। सोशल मीडिया पर कई बार आम मरीजों ने आरोप लगाए हैं कि AIIMS का स्टाफ मरीजों से बदसलूकी करता है, रिश्वत मांगी जाती है, और सुरक्षा गार्ड खुद को पुलिस से कम नहीं समझते।
2018:
- कन्हैया कुमार के साथ विवाद: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ पटना AIIMS में डॉक्टरों से विवाद हुआ। यह घटना उनके एक परिचित के इलाज के दौरान हुई, जिसमें कथित तौर पर डॉक्टरों और कन्हैया के बीच कहासुनी के बाद मारपीट की स्थिति बनी। इस मामले को राजनीतिक रंग भी दिया गया।
2024:
- सुरक्षा गार्डों की दबंगई: अगस्त 2024 में पटना AIIMS में सुरक्षा गार्डों द्वारा मरीज के परिजनों के साथ मारपीट की घटना सामने आई। Zee News Hindi के अनुसार, सुरक्षा गार्डों ने एक मरीज के अटेंडेंट की पिटाई की, जिसका वीडियो वायरल हुआ। यह घटना अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों की दबंगई को उजागर करती है।
- चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पर हमला: 23 अगस्त 2024 को पटना AIIMS-दीघा एलिवेटेड रोड पर चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर प्रेमनाथ की कार पर बदमाशों ने फायरिंग की। इस घटना में विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव पर आरोप लगा, जिन्होंने कथित तौर पर सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती को लेकर धमकी दी थी। प्रेमनाथ बाल-बाल बचे, लेकिन उनकी कार क्षतिग्रस्त हुई। खगौल थाने में मामला दर्ज किया गया।
2025:
- चेतन आनंद के साथ मारपीट और बंधक प्रकरण: 31 जुलाई 2025 को शिवहर से विधायक चेतन आनंद (पूर्व सांसद आनंद मोहन और सांसद लवली आनंद के पुत्र) के साथ पटना AIIMS में मारपीट और बंधक बनाने की घटना हुई। यह घटना बुधवार रात करीब 12 बजे की है, जब चेतन आनंद अपने समर्थकों के साथ एक मरीज से मिलने अस्पताल पहुंचे।
- विवाद का कारण: सूत्रों के अनुसार, चेतन आनंद और उनके समर्थकों के हथियार लेकर अस्पताल में प्रवेश करने की कोशिश को गार्डों ने रोका, जिसके बाद बहस शुरू हुई। यह बहस मारपीट और धक्का-मुक्की में बदल गई। चेतन आनंद ने आरोप लगाया कि गार्डों और जूनियर डॉक्टरों ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें आधे घंटे तक कमरे में बंधक बनाकर रखा।
- प्रतिक्रिया: चेतन आनंद ने फुलवारीशरीफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज की। AIIMS प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की। इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनाव देखा गया। X पर इस घटना को लेकर कई पोस्ट्स वायरल हुए, जिसमें इसे बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था से जोड़ा गया।
- रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल: इस घटना के विरोध में AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टरों ने elective और emergency सेवाएँ बंद कर दीं, जिससे अस्पताल की सेवाएँ प्रभावित हुईं।
- सुरक्षा गार्ड के बच्चों की हत्या: अगस्त 2025 में पटना AIIMS में तैनात एक महिला सुरक्षा गार्ड के दो किशोर बच्चों की हत्या की घटना ने बड़ा विवाद खड़ा किया। इस घटना ने बिहार में अपराध और जंगलराज की चर्चा को फिर से हवा दी। CNN News18 की एक पोस्ट के अनुसार, इस घटना ने राज्य की राजधानी में बढ़ते अपराध को लेकर जनाक्रोश को बढ़ाया।
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🔍 बड़ा सवाल: क्या AIIMS में सरकार का कानून नहीं चलता?
क्या AIIMS की दीवारों के अंदर कोई समानांतर सत्ता चल रही है? क्या वहां गार्ड और डॉक्टर खुद को किसी ‘तालिबानी प्रशासन’ से कम नहीं मानते?
AIIMS जैसे संस्थान, जहाँ संवेदनशील मरीजों का इलाज होता है, वहाँ अगर एक MLA तक को बंधक बना लिया जाए — तो यह न केवल लोकतंत्र का अपमान है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और गरिमा पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
⚖️ क्या हो सकता है कानूनी रास्ता?
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विधायक की ओर से FIR दर्ज कराई जा सकती है।
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IPC की धाराएं जैसे 342 (बंधक बनाना), 323 (मारपीट), और 504 (उकसाने की भाषा) लग सकती हैं।
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हॉस्पिटल प्रशासन की जवाबदेही तय करने के लिए बिहार सरकार उच्च स्तरीय जांच बैठा सकती है।
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NHRC और महिला आयोग (यदि महिला डॉक्टर या स्टाफ के खिलाफ मामला हो) स्वतः संज्ञान ले सकते हैं।
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🗣️ जनता का गुस्सा और सोशल मीडिया की आग
अंतिम बात:
AIIMS पटना जैसे संस्थान को अगर कानून के दायरे में नहीं लाया गया, तो वह धीरे-धीरे एक “सिस्टम के बाहर की सत्ता” बनता जाएगा। जनता, मीडिया और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि AIIMS अस्पताल रहे, कोई 'राजनैतिक अखाड़ा' या 'तानाशाही कैंपस' न बने।पटना AIIMS में मारपीट और बंधक बनाने की घटनाएँ ज्यादातर सुरक्षा गार्डों, मरीजों के परिजनों, या बाहरी व्यक्तियों (जैसे विधायक या राजनीतिक हस्तियों) के बीच तनाव के कारण हुई हैं। चेतन आनंद की घटना ने विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि इसमें एक सत्ताधारी विधायक शामिल थे, और इसे बिहार की कानून-व्यवस्था से जोड़कर देखा गया। X पर कई यूजर्स ने इसे AIIMS के खराब प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी के रूप में चित्रित किया।
सुरक्षा गार्डों की दबंगई और मरीजों या उनके परिजनों के साथ बदसलूकी की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। 2024 में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 150 अतिरिक्त CCTV कैमरे और महिला सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए थे, लेकिन 2025 की घटनाएँ दर्शाती हैं कि ये उपाय पूरी तरह प्रभावी नहीं हुए।
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