🩸 "प्यार, धोखा और खून: नेपाल के जनकपुर में एक नाबालिग की खौफनाक हत्या की कहानी"
✍️ रिपोर्ट: We News 24 | जनकपुरधाम, नेपाल
दिनांक: साउन १५ गते (1 अगस्त 2025)
“जिस मां ने अपनी नई ज़िंदगी शुरू करने की कोशिश की, उसी रास्ते ने उसकी बेटी की ज़िंदगी छीन ली।”
– पड़ोस में रोती एक बुज़ुर्ग महिला की आवाज़
💔 15 साल की अंजली की हत्या, आरोपी मां का प्रेमी निकला
जनकपुर :- धनुषा जिले के जनकपुरधाम उपमहानगरपालिका–४ स्थित कटैयाचौरी में सोमवार रात जो हुआ, उसने पूरे इलाके को झकझोर दिया।
महज 15 वर्षीय अंजली कुमारी यादव की हत्या, किसी बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि उसकी मां के कथित प्रेमी रामबाबु साह ने की।
पुलिस ने बुधवार देर रात करीब 10:30 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया, और गुरुवार को पत्रकार वार्ता में खुलासा किया गया कि यह हत्या पूरी तरह से 'ईर्ष्या, स्वार्थ और गुस्से' का नतीजा थी।
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🔪 घटना की रात: खुकुरी से हमला, एक बेटी की मौत, मां और रिश्तेदार घायल
सोमवार की रात लगभग 11:30 बजे रामबाबु खुकुरी लेकर आशा देवी यादव के डेरामें पहुंचा।
फोन कॉल का जवाब न मिलने पर पहले गालियाँ दीं और फिर दरवाजा खोलते ही अंजली पर जानलेवा हमला कर दिया।
- अंजली की मौके पर ही मौत हो गई।
- आशा देवी और उनकी 14 साल की भांजी राधा यादव गंभीर रूप से घायल हो गईं।
- आशा की हालत अब भी धरान स्थित बीपी कोईराला स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान में नाजुक बनी हुई है।
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🧩 कहानी के पीछे की परतें: प्रेम, लालच और धोखा
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रामबाबु साह और आशा देवी यादव के बीच अवैध प्रेम संबंध थे।
रामबाबु इससे पहले अपनी पहली पत्नी की हत्या के आरोप में 5 साल जेल काट चुका है और 2077 में छूटने के बाद उसने दूसरी शादी की।
जब वह आशा देवी के करीब आया, तो दोनों साथ रहने लगे।
आशा शराब की दुकान चलाती थी और धीरे-धीरे आर्थिक रूप से मजबूत होती गई।
रामबाबु ने आशा को एक ऑटो रिक्शा भी खरीदकर दिया, लेकिन कुछ महीनों बाद जब आशा ने वह ऑटो अपने भाई के नाम करवा दिया और अपने पूर्व पति को फिर से साथ रखने लगी — तो रामबाबु का गुस्सा सिर चढ़कर बोलने लगा।
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📞 हत्या से पहले की चेतावनी – कॉल, गाली और प्रतिशोध
हत्या से कुछ घंटे पहले रामबाबु ने आशा को कई बार कॉल किया।
आशा ने कॉल रिसीव नहीं किया और फोन अपनी बेटी अंजली को दे दिया।
फोन उठाने पर भी रामबाबु ने अंजली को गाली दी — और फिर उसी रात खुकुरी लेकर हमला करने पहुंच गया।
⚖️ कानूनी सवाल: एक हत्या, दो घायल और कई अनसुलझे जज़्बात
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क्या एक संवेदनशील घरेलू मामला समय रहते प्रशासन की नज़र में नहीं आ सकता था?
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क्या रामबाबु जैसा पूर्व अपराधी समाज में बिना निगरानी के घूम सकता है?
प्रश्न यह भी है:
क्या एक महिला के आर्थिक सशक्तिकरण से पुरुष अहंकार इतना आहत हो सकता है कि वह उसकी बेटी तक को निशाना बना दे?
🕯️ समाज के लिए संदेश: हत्यारे सिर्फ अजनबी नहीं होते
जनकपुरधाम की यह घटना हमें बार-बार याद दिलाती है —
कि घर के भीतर पनपते रिश्ते अगर असुरक्षित हों, तो उनकी कीमत सबसे मासूम को चुकानी पड़ती है।
📢 We News 24 की अपील:
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नेपाल सरकार इस मामले की तेज़ और निष्पक्ष जांच करे।
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रामबाबु साह पर कड़ी से कड़ी धाराओं में मुकदमा चले।
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आशा देवी और उनकी घायल भांजी को तत्काल सरकारी सहायता और सुरक्षा मिले।
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बाल संरक्षण आयोग इस मामले को अग्रिम दर्जा दे।
✊ "बेटियों की सुरक्षा अब सिर्फ कानून नहीं, समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए।"
– We News 24
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