प्रेमी कुमार प्रेमी जी की जलती मुल्तान ज्योत: एक परंपरा, एक संघर्ष, एक समाज की आत्मा"
We News 24 »दीपक कुमार वरिष्ठ पत्रकार
विशेष लेख
नई दिल्ली :- हर समाज की आत्मा होती है—उसकी परंपराएं, उसका इतिहास और वे लोग जो उसे अपने खून-पसीने से सींचते हैं। मुल्तान समाज के लिए ऐसी ही एक आत्मा थे स्वर्गीय प्रेम कुमार 'प्रेमी' जी। उन्होंने न केवल एक परंपरा को जन्म दिया, बल्कि उस परंपरा को अपने जीवन की साधना बना लिया।
सन 2001 में, जब उन्होंने भगत रूपचंद जी से प्रेरणा लेकर दिल्ली के मेहरौली में मुल्तान ज्योत महोत्सव की शुरुआत की, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह आयोजन एक दिन राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाएगा। प्रेमी जी ने उस ज्योत को केवल जलाया नहीं, बल्कि अपने अथक परिश्रम और समर्पण से उसे पूरे मुल्तान समाज के गौरव का प्रतीक बना दिया।
हर साल यह उत्सव भव्यता से मनाया जाता रहा, लोगों को जोड़ता रहा, दिलों को रोशन करता रहा। और आज भी जब वह हमारे बीच नहीं हैं, उनकी ज्योत जल रही है, उनके विचार जीवित हैं।
इस वर्ष, 3 अगस्त 2025 को हरिद्वार की पवित्र भूमि पर 24वां मुल्तान ज्योत महोत्सव उसी भावना और श्रद्धा के साथ मनाया जायेगा । यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, यह प्रेमी जी के उस संघर्ष की गूंज थी , जो उन्होंने समाज को संगठित करने के लिए किया था।
पर अफ़सोस, जहां दीप जलते हैं, वहां परछाइयाँ भी बनती हैं। समय के साथ, कुछ राजनीतिक और सामाजिक स्वार्थों ने इस परंपरा में वाद-विवाद और विभाजन की चिंगारियाँ घोल दीं। आज मेहरौली में दो अलग-अलग गुटों द्वारा मुल्तान ज्योत महोत्सव मनाया जा रहा है। समाज बंट रहा है, भावना दरक रही है।
लेकिन क्या ज्योत कभी दो हो सकती है?
ज्योत एक होती है, बस हाथ बदलते हैं, मंशा बदलती है। आज जरूरत है उस भावना को जीवित रखने की, जो प्रेमी जी ने हमें सौंपी थी। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए।
मुल्तान समाज को चाहिए कि वह प्रेमी जी की दी हुई एकता, समर्पण और सेवा की ज्योत को संभाले, उसके इर्द-गिर्द फिर से एक हो। यह आयोजन किसी गुट का नहीं, पूरे समाज का है।
प्रेमी जी तो अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम समाज को जोड़ सकते हैं, संवार सकते हैं।
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जब तक यह ज्योत जलती रहेगी, तब तक प्रेमी जी का सपना जीवित रहेगा।
🌸 सादर श्रद्धांजलि 🌸
स्वर्गीय प्रेम कुमार 'प्रेमी' जी केवल एक व्यक्ति नहीं, एक विचारधारा थे — समर्पण, सेवा और समाज को जोड़ने की प्रेरणा। उन्होंने जो ज्योत जलाई, वह आज भी हज़ारों दिलों में रौशन है।
उनकी दूरदृष्टि, नेतृत्व और अथक मेहनत ने मुल्तान समाज को एकजुट करने का जो प्रयास किया, वह युगों तक याद रखा जाएगा। वे चले गए, लेकिन उनके कर्म, उनके संस्कार और उनका दिया हुआ रास्ता आज भी हम सबका मार्गदर्शन कर रहा है।
हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं उस महान आत्मा को, जिनकी तपस्या से मुल्तान ज्योत महोत्सव एक मिशन बन सका।
"जिन्होंने समाज को दिशा दी, उन्हें भूल जाना संभव नहीं।
ज्योत जलती रहेगी, और प्रेमी जी अमर रहेंगे..."
🌹 ओम् शांति 🙏 🌹
दीपक कुमार वरिष्ठ पत्रकार
(WeNews24 के लिए विशेष लेख)
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