हरिद्वार में 3 अगस्त को मेहरौली मुल्तान समाज कल्याण महासंस्था के तत्वावधान में धूमधाम से मनेगा 115वां मुल्तान ज्योत महोत्सव
We News 24 »रिपोर्टिंग सूत्र / वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार
नई दिल्ली/हरिद्वार, 02 अगस्त 2025: मुल्तान समाज कल्याण महासंस्था, महरौली, दिल्ली की ओर से सावन माह में 115 वां मुल्तान ज्योत महोत्सव हरिद्वार में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पावन अवसर की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। यह महोत्सव मुल्तान समाज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है, जो वर्षों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी संरक्षित है।
2022 में लिया गया इंटरव्यू |
मुल्तान ज्योत महोत्सव की प्राचीन कथा और महत्व
मुल्तान ज्योत महोत्सव की शुरुआत लगभग 112 वर्ष पूर्व हुई थी। महरौली मुल्तान सभा के स्वर्गीय प्रधान प्रेम कुमार प्रेमी ने 2022 में बताया था कि इस उत्सव की नींव तत्कालीन भारत (वर्तमान पाकिस्तान) के मुल्तान क्षेत्र से भगत रूप लाल जी ने रखी थी। वे अपने अम्लो काफिले के साथ हरिद्वार आया करते थे, जहां मां गंगा के तट पर ज्योत प्रज्वलित कर इस परंपरा की शुरुआत की। तब से यह महोत्सव मुल्तान समाज के लिए एकता, भक्ति और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बना हुआ है।
यह उत्सव भाईचारे, आध्यात्मिकता और मां गंगा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। मान्यता है कि गंगा में ज्योत प्रवाहित करने से न केवल आत्मा का शुद्धिकरण होता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और गंगा की स्वच्छता का संदेश भी देता है।
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115 वें मुल्तान ज्योत महोत्सव की तैयारियां
महरौली मुल्तान सभा के आयोजकों ने बताया कि इस वर्ष 7 अगस्त 2025 को हरिद्वार में यह महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। तैयारियों के तहत:
- 2 अगस्त 2025, शनिवार: रात्रि 10 बजे मेहरौली से सैकड़ों श्रद्धालु एसी बसों से हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।
- 3 अगस्त 2025, रविवार: सुबह 7 बजे श्रद्धालु मंडी गोविंद धर्मशाला, पुराना ऋषिकेश रोड, हरिद्वार पहुंचेंगे। इसके बाद मां गंगा में डुबकी लगाई जाएगी और सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था होगी।
- स्वामी रामगिरी महाराज के आशीर्वाद से ज्योत प्रज्वलन होगा, जिसके बाद शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
- दोपहर 2 बजे: प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा भजन-कीर्तन, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
- शाम 5:30 बजे: बैंड-बाजों और झांकियों के साथ शोभा यात्रा हर की पैड़ी पर पहुंचेगी, जहां गंगा में ज्योत विसर्जित की जाएगी।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
मुल्तान ज्योत महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। हर की पैड़ी पर मां गंगा के साथ दूध की होली खेलना और ज्योत प्रवाहित करना श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव है। यह उत्सव पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है, जिसमें गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने की अपील की जाती है।
मुल्तान समाज के लोग देश के विभिन्न हिस्सों जैसे हरिद्वार, ज्वालापुर, देहरादून, सहारनपुर और दिल्ली से इस आयोजन में शामिल होते हैं। यह उत्सव भाईचारे को मजबूत करने और समाज की एकजुटता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
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स्वर्गीय प्रेम कुमार प्रेमी का योगदान
महरौली मुल्तान सभा के स्वर्गीय प्रधान प्रेम कुमार प्रेमी इस महोत्सव के लिए अपनी जान लगा देते थे। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस वर्ष उनके निधन के बाद भी उनकी स्मृति में मुल्तान समाज इस परंपरा को और भव्यता के साथ आगे बढ़ा रहा है।
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हरिद्वार: आध्यात्मिकता का केंद्र
हरिद्वार, मां गंगा के तट पर बसा यह पवित्र शहर, मुल्तान ज्योत महोत्सव जैसे आयोजनों के लिए आदर्श स्थल है। गंगा के किनारे आयोजित होने वाले इस उत्सव में देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि हरिद्वार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी उजागर करता है।
अंतिम बात
112वां मुल्तान ज्योत महोत्सव मुल्तान समाज की एकता, आस्था और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है। हरिद्वार के पावन तट पर मां गंगा की गोद में यह उत्सव श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव होगा।
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