सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सख्त आदेश: तुरंत पकड़कर आश्रयस्थलों में भेजें, हेल्पलाइन शुरू करें
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खबर का सार : सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक और रेबीज के बढ़ते खतरे को देखते हुए एक स्वागतयोग्य कदम है। यह जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, साथ ही आवारा कुत्तों के लिए आश्रयस्थल और नसबंदी जैसे मानवीय उपायों पर जोर देता है। मेरी राय में, यह आदेश न केवल तात्कालिक राहत प्रदान करेगा, बल्कि दीर्घकालिक रूप से इस समस्या का समाधान करने में भी मददगार होगा। हालांकि, दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि आश्रयस्थलों में पर्याप्त सुविधाएं हों और पशु कल्याण संगठनों के साथ समन्वय बनाकर काम किया जाए। हेल्पलाइन शुरू करना एक व्यावहारिक कदम है, जो शिकायतों के त्वरित समाधान में मदद करेगा।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 11 अगस्त 2025, 15:25 IST
रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के आतंक और रेबीज के बढ़ते खतरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त आदेश जारी किया। कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) को तत्काल प्रभाव से सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर आश्रयस्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि कोई संगठन या व्यक्ति इस प्रक्रिया में बाधा डालता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
जस्टिस जेबी परदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने आवारा कुत्तों की समस्या को "अत्यंत गंभीर" करार देते हुए कहा, "फिलहाल सभी नियमों को भूल जाइए। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।" कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्तों के काटने से रेबीज की घटनाओं की मीडिया रिपोर्ट्स का स्वत: संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि लगभग 5,000 आवारा कुत्तों के लिए तुरंत आश्रयस्थल बनाए जाएं, जहां उनकी नसबंदी और टीकाकरण की व्यवस्था हो। कोर्ट ने कहा, "आवारा कुत्तों को सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाए। यह आदेश व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है।"
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हेल्पलाइन शुरू करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और संबंधित निकायों को एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का आदेश दिया, ताकि कुत्तों के काटने की घटनाओं की तुरंत सूचना दी जा सके। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि रेबीज के खतरे को कम करने के लिए त्वरित कार्रवाई जरूरी है।
दिल्ली सरकार का स्वागत
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्र ने कहा, "यह आदेश दिल्ली को रेबीज और आवारा पशुओं के खतरे से मुक्ति दिलाने का रास्ता दिखाता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हम इस आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू करेंगे और आवारा पशुओं के कल्याण का भी ध्यान रखेंगे।"
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क्यों जरूरी था यह कदम?
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे रेबीज का खतरा बढ़ गया है। खासकर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस खतरे का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ-साथ आवारा कुत्तों के लिए मानवीय समाधान तलाशने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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