गणपति विसर्जन के दौरान मस्जिद से फेंके गए पत्थर , धारा 144 लागू
फटाफट पढ़े-: कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान शोभा यात्रा पर मस्जिद से कथित पथराव के बाद दो समुदायों में झड़प और हिंसा भड़क गई। शोभा यात्रा के युवकों ने मस्जिद पर पलटवार किया, जिससे तनाव बढ़ गया। कई लोग घायल हुए, और पुलिस ने धारा 144 लागू कर अतिरिक्त बल तैनात किया। BJP और हिंदू संगठनों ने घटना की निंदा की और पुलिस पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगाया। पिछले साल भी मांड्या के नागमंगला में ऐसी ही हिंसा हुई थी, जहां 52 लोग गिरफ्तार हुए थे। शिवमोग्गा में भी गणेश प्रतिमा पर कथित थूकने की घटना से तनाव फैला, जिसे स्थानीय नेताओं ने शांत करने की कोशिश की।
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रिपोर्टर :अमरजीत सिंह
मांड्या, 8 सितंबर 2025: कर्नाटक के मांड्या जिले में गणपति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव और झड़प की घटना ने तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। यह बवाल तब शुरू हुआ जब शोभा यात्रा पर कथित तौर पर एक मस्जिद से पत्थर फेंके गए। जवाब में, शोभा यात्रा में शामिल युवकों ने मस्जिद पर हमला कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 लागू कर दी और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अन्य हिंदू संगठनों ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है और पुलिस पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगाया है। मांड्या में यह कोई पहली घटना नहीं है; पिछले साल भी नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान ऐसी ही हिंसा हुई थी।
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मांड्या में क्या हुआ?
मांड्या के नागमंगला कस्बे में शनिवार रात गणपति विसर्जन की शोभा यात्रा के दौरान मस्जिद के पास से कथित तौर पर पत्थर फेंके गए। इससे गुस्साए युवकों ने मस्जिद पर पलटवार किया, जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया। इलाके में धारा 144 लागू कर चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
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BJP और हिंदू संगठनों ने इस घटना को सांप्रदायिक हिंसा का प्रयास बताते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने पुलिस पर शोभा यात्रा की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रही हैं।
पिछले साल भी हुआ था बवाल
यह पहली बार नहीं है जब मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान हिंसा हुई। 2024 में नागमंगला में भी दो समुदायों के बीच पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं। तब उपद्रवियों ने दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने धारा 144 लागू की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बार भी पुलिस ने 52 लोगों को हिरासत में लिया है, और जांच जारी है।
शिवमोग्गा में भी तनाव
मांड्या के अलावा, शिवमोग्गा के जन्नत नगर, सागर में भी गणेश विसर्जन के दौरान तनाव फैल गया। एक वायरल वीडियो में दो बच्चों को गणेश प्रतिमा के पास कथित तौर पर थूकते देखा गया। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। बच्चों की मां ने माफी मांगकर इसे अनजाने में हुई गलती बताया। स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने गणेश प्रतिमा पर माला चढ़ाकर और पूजा में शामिल होकर तनाव कम करने की कोशिश की।ndtv.in
पुलिस और प्रशासन का रुख
मांड्या पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। धारा 144 लागू होने के साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मांड्या के SP ने कहा, "हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" पुलिस ने शोभा यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जांच शुरू कर दी है।
मुख्य बिंदु:
मांड्या में गणपति विसर्जन शोभा यात्रा पर मस्जिद से कथित पथराव, जवाबी हमला।
धारा 144 लागू, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात, कई घायल।
BJP और हिंदू संगठनों ने निंदा की, पुलिस पर सुरक्षा चूक का आरोप।
2024 में भी नागमंगला में हुई थी हिंसा, 52 गिरफ्तार।
शिवमोग्गा में गणेश प्रतिमा पर थूकने का वीडियो वायरल, तनाव के बाद माफी।
शांति की अपील
मांड्या की इस घटना ने एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। BJP और हिंदू संगठनों ने मांग की है कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। स्थानीय प्रशासन ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
आपकी राय: मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या यह सुरक्षा में चूक का नतीजा है या सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की साजिश? अपनी राय कमेंट में साझा करें।
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