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    सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार बोले केपी शर्मा ओली,सिंह दरबार को जलाया, प्रतीकों को मिटाने की कोशिश’

    सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार बोले केपी शर्मा ओली,सिंह दरबार को जलाया, प्रतीकों को मिटाने की कोशिश’



    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 19 सितंबर 2025,  

    लेखक   :-वरिष्ठ पत्रकार  दीपक कुमार 


     सार :- यह लेख नेपाल के पूर्व PM केपी शर्मा ओली के संविधान दिवस पर दिए बयान पर केंद्रित है। Gen Z विरोध प्रदर्शनों के बाद ओली ने इस्तीफा दिया, और अब सुशीला कार्की अंतरिम PM हैं। ओली ने फेसबुक पर सिंह दरबार को जलाए जाने, राष्ट्रीय प्रतीकों को नुकसान, और संप्रभुता पर खतरे की निंदा की। उन्होंने साजिश का इशारा किया और युवाओं से सच्चाई समझने की अपील की, साथ ही 2015 की भारतीय नाकाबंदी का संकेत दिया। संपादकीय दृष्टिकोण से, यह बयान नेपाल की अस्थिरता को दर्शाता है, जहां युवा असंतोष और संभावित विदेशी हस्तक्षेप चिंता का विषय हैं।



    काठमांडू / नई दिल्ली :-  नेपाल में हालिया Gen Z विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। 9 सितंबर 2025 को युवा प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार विरोधी मांगों के साथ कर्फ्यू तोड़कर सरकार को गिरा दिया, और अब सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इस्तीफे के बाद ओली ने पहली बार संविधान दिवस (19 सितंबर) पर फेसबुक के माध्यम से प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने संविधान की रक्षा, हालिया हिंसा पर दुख, और सिंह दरबार को जलाए जाने की घटनाओं की कड़ी निंदा की। ओली ने देश की संप्रभुता पर खतरे का जिक्र करते हुए युवाओं को सच्चाई समझने की अपील की, साथ ही 2015 की भारतीय नाकाबंदी का भी संकेत 



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    घटनाओं का क्रम और ओली का इस्तीफा


    नेपाल में पिछले हफ्तों में Gen Z युवाओं द्वारा शुरू किए गए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सरकार की नीतियों के खिलाफ थे। प्रदर्शन हिंसक हो गए, जब घुसपैठियों ने कथित रूप से हिंसा फैलाई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस फायरिंग में युवाओं की मौत हुई। ओली ने दावा किया कि सरकार ने गोली चलाने का आदेश नहीं दिया, और पुलिस के पास स्वचालित हथियार नहीं थे, फिर भी जांच की मांग की।9 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू तोड़कर सिंह दरबार (सरकारी परिसर) को आग लगाई, नेपाल का नक्शा जलाया, और राष्ट्रीय प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया। जन प्रतिनिधि संस्थाओं, अदालतों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, और राजनीतिक दलों के कार्यालयों को भी राख में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद ओली को इस्तीफा देना पड़ा, और सुशीला कार्की को अंतरिम PM बनाया गया। अब देश में हालात सामान्य होने की प्रक्रिया चल रही है।


    ओली का संपूर्ण बयान: संविधान दिवस पर फेसबुक पोस्ट


    ओली ने संविधान दिवस पर फेसबुक पर लिखा: "आज संविधान दिवस है। वह दिन जब नेपाली जनता ने 70 सालों के संघर्ष के बाद, संविधान सभा द्वारा निर्मित और स्वयं द्वारा निर्वाचित संविधान को लागू किया था। वह दिन जब लोकतांत्रिक गणराज्य, संघीय समावेशी व्यवस्था और जनता के अधिकारों की स्थापना हुई थी।" उन्होंने आगे कहा: "संविधान लागू होने के बाद हम उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाले परिवहन ढांचे का निर्माण कर रहे थे ताकि कोई भी नेपाल पर नाकाबंदी न कर सके। हमने अपने उत्तरी पड़ोसी देशों के साथ परिवहन पारगमन समझौते भी किए थे। इसलिए नेपाल का संविधान स्वयं नेपाली लोगों द्वारा लिखा गया भविष्य का रोडमैप है।"



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    ओली ने विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी की: 

    "पिछले हफ्ते Gen-Z के एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ की गई। घुसपैठियों ने हिंसा फैलाई, हमारे युवाओं को मार डाला। सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया। पुलिस के पास स्वचालित हथियार न होने के बावजूद, उनसे गोली चलाने की घटना की जांच होनी चाहिए। मैं एक बार फिर उस घटना पर दुःख व्यक्त करता हूं, मृतक युवक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"


    ओली ने संविधान पर हमले का जिक्र किया:

     "हम इस समय ऐसी स्थिति में हैं जहां हमारे संविधान पर बड़ा हमला हो रहा है। प्रधानमंत्री पद से मेरे इस्तीफे के बाद सिंह दरबार को जला दिया गया है – नेपाल का नक्शा जला दिया गया है, देश के प्रतीकों को मिटाने की कोशिश की गई है। जन प्रतिनिधि संस्थाएं, अदालतें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और राजनीतिक दलों के कार्यालय, साथ ही उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर और निजी संपत्तियां राख में तब्दील हो गई हैं।"


    अंत में, उन्होंने साजिश का इशारा किया: 

    "मैं आज इसके पीछे की साजिश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, ये तो वक्त ही बताएगा। क्या हमारा देश बन रहा था या बिगड़ रहा था, या फिर सिर्फ एक काल्पनिक कहानी गढ़कर गुस्सा फैलाया जा रहा था कि देश बिगड़ रहा है? हमारी नई पीढ़ी को ये सारी बातें खुद ही समझ आ जाएंगी। हालांकि, समय रहते इस बात को समझ लेना चाहिए, अन्यथा हमारे देश की संप्रभुता केवल इतिहास में ही रह जाएगी। हमारे युवाओं ने काजी भीम मल्ल की मृत्युदंड का इतिहास अवश्य पढ़ा होगा।"ओली ने सभी पीढ़ियों से संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की।


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    संपादकीय दृष्टिकोण


    ओली का यह बयान नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता का आईना है। Gen Z प्रदर्शन, जो भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट के खिलाफ शुरू हुए, एक साजिश का रूप ले सकते हैं या नहीं, लेकिन वे युवा असंतोष की गहराई को दर्शाते हैं। ओली की बातें, जिसमें 2015 की भारतीय नाकाबंदी का संकेत है, पड़ोसी देशों के साथ तनाव को फिर से उभारती हैं। संपादकीय नजरिए से, यह चिंताजनक है कि हिंसा ने राष्ट्रीय प्रतीकों को निशाना बनाया, जो नेपाल की एकता को चुनौती देता है। अंतरिम सरकार को जांच करानी चाहिए, लेकिन ओली की अपील युवाओं को सच्चाई समझने की बजाय, संवाद पर केंद्रित होनी चाहिए थी। नेपाल की संप्रभुता को बचाने के लिए राजनीतिक दलों को एकजुट होना पड़ेगा, वरना युवा क्रांति और विदेशी हस्तक्षेप की अफवाहें देश को और अस्थिर करेंगी।


    ओली का बयान नेपाल की मौजूदा संकट की गंभीरता को रेखांकित करता है। सिंह दरबार की घटना और संविधान पर हमले ने देश को हिला दिया है, लेकिन अंतरिम PM सुशीला कार्की के नेतृत्व में स्थिरता की उम्मीद है।युवा प्रदर्शनकारियों और पूर्व नेतृत्व के बीच संवाद जरूरी है, ताकि नेपाल की संप्रभुता और लोकतंत्र बचा रहे। क्या यह साजिश है या वास्तविक असंतोष? समय बताएगा।


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