कौन हैं सुशीला कार्की, जो बन सकती हैं नेपाल की अंतरिम PM...क्यों है जेन-जेड की पसंद ?
फटाफट पढ़े- सुशीला कार्की, नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश, जेन-जेड प्रदर्शनकारियों के समर्थन से अंतरिम पीएम बनने की दौड़ में हैं। ओली के इस्तीफे के बाद उनके नाम पर वर्चुअल बैठक में सहमति बनी। BHU से पढ़ाई और भारत से विवाह का कनेक्शन उनके पक्ष में है, लेकिन स्थिति अभी अनिश्चित है।
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रिपोर्ट : काजल कुमारी
नई दिल्ली | 10 सितंबर 2025, 07:50 PM IST नेपाल में Gen-Z के प्रदर्शनों के बीच एक नया नाम चर्चा में है - सुशीला कार्की। केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में उथल-पुथल जारी है, और अब पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में संभावित नेता के तौर पर देखा जा रहा है। जेन-जेड प्रदर्शनकारियों ने एक वर्चुअल बैठक बुलाई, जिसमें 5000 से अधिक युवाओं ने भाग लिया और सुशीला कार्की को सबसे ज्यादा समर्थन दिया। आइए जानते हैं कि वे कौन हैं और भारत से उनका क्या कनेक्शन है।
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सुशीला कार्की का सफर
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं, जो 11 जुलाई 2016 से 30 अप्रैल 2017 तक इस पद पर आसीन थीं। उनका जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में हुआ था। उन्होंने अपनी कानूनी शिक्षा नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से हासिल की और वकालत के साथ-साथ शिक्षिका के रूप में भी काम किया। 2017 में माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके फैसलों को लेकर उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया था, लेकिन जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह वापस ले लिया गया।
जेन-जेड का समर्थन
नेपाल में भ्रष्टाचार और सत्ता के खिलाफ जेन-जेड प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना। एक युवा प्रदर्शनकारी ने कहा, "यह एक अंतरिम सरकार है। हमने अपने देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह नाम दिया है।" उनके नाम पर हुई वर्चुअल बैठक में 5000 से ज्यादा युवाओं ने समर्थन जताया, जो नेपाल की राजनीति में एक नया मोड़ माना जा रहा है।
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भारत से कनेक्शन
सुशीला कार्की का भारत से गहरा नाता है। उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से राजनीति विज्ञान में हासिल की। इसी दौरान उनकी मुलाकात नेपाली कांग्रेसी नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई, जिनसे उनका विवाह हुआ। उनका यह कनेक्शन भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करने में अहम माना जा रहा है, खासकर अगर वे अंतरिम प्रधानमंत्री बनती हैं।
मानवीय पहलू
नेपाल की जनता के लिए सुशीला कार्की न केवल एक न्यायविद हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली एक प्रतीक बन गई हैं। उनके समर्थक मानते हैं कि उनका अनुभव और ईमानदारी देश को इस संकट से उबार सकती है। वहीं, विरोधी इसे जेन-जेड की जल्दबाजी बता रहे हैं।
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