ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट: सऊदी के साथ न्यूक्लियर डील और 'इस्लामिक नाटो' की साजिश?
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ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली, 20 सितंबर 2025 – मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या हुई थी। पाकिस्तान ने तत्काल जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन बुनयान-उम-मरसूस' की, लेकिन दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम हो गया। अब, चार महीने बाद, पाकिस्तान की बौखलाहट साफ नजर आ रही है। पहले अमेरिका से सहानुभूति बटोरने की कोशिश, अब सऊदी अरब के साथ डिफेंस डील – जिसमें न्यूक्लियर हथियारों की 'छतरी' का वादा। क्या यह भारत को धमकी है, या मिडिल ईस्ट की उथल-पुथल में पाकिस्तान का नया दांव? हमने तथ्यों के साथ विश्लेषण किया है।
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ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सटीक कार्रवाई, पाकिस्तान की हार
ऑपरेशन सिंदूर (7 मई 2025) भारत की सैन्य रणनीति का नया अध्याय था। भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पंजाब प्रांत में आतंकी कैंपों – जैसे बहावलपुर (जैश मुख्यालय) और मुरिदके (लश्कर मुख्यालय) – को ध्वस्त कर दिया। भारत का दावा: कोई सैन्य या नागरिक लक्ष्य नहीं निशाना बनाया। पाकिस्तान ने 31 नागरिक मौतों का दावा किया, लेकिन हालिया वीडियो में जैश कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी और लश्कर कमांडर कासिम ने स्वीकार किया कि उनके कैंप तबाह हो गए। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, "हमने उद्देश्य हासिल कर लिया, इसलिए चार दिनों में ऑपरेशन रोका। संघर्ष की कीमत चुकानी पड़ती है, लेकिन दुनिया को भारत से सीखना चाहिए कि कैसे जल्दी शुरू-समाप्त करें।"
पाकिस्तान ने जवाबी हमले में 11 भारतीय एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने सैटेलाइट इमेजरी से चेनाब नदी पर बगलिहार बांध बंद करने का दावा किया। युद्धविराम ट्रंप प्रशासन की मध्यस्थता से हुआ। X पर बहस गर्म है: कुछ पाकिस्तानी यूजर्स इसे 'जीत' बता रहे, लेकिन तथ्य बताते हैं कि पाकिस्तान अब गठबंधनों की तलाश में है।
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सऊदी-पाक डिफेंस डील: न्यूक्लियर 'अम्ब्रेला' का दावा, लेकिन विरोधाभासी बयान
17 सितंबर 2025 को रियाद में पाक पीएम शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर किए। यह डील कहती है: एक पर हमला, दोनों पर। पाकिस्तान के पास ~170 न्यूक्लियर हथियार हैं (भारत के 172 के बराबर), और सऊदी ने ऐतिहासिक रूप से इसके विकास में आर्थिक मदद दी।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी को कहा, "हमारी न्यूक्लियर क्षमता सऊदी को उपलब्ध होगी। यह रक्षा के लिए है, आक्रमण के लिए नहीं। कोई खास देश का नाम नहीं लिया – न सऊदी ने, न हमने। यह 'अम्ब्रेला' है: एक पर हमला तो दोनों जवाब देंगे।" पत्रकार के सवाल पर: "भारत-पाक युद्ध में सऊदी साथ देगा? बिल्कुल, कोई शक नहीं।" लेकिन रॉयटर्स को उन्होंने यू-टर्न लिया: "न्यूक्लियर हथियार डील के रडार पर नहीं।" X पर यूजर्स इसे 'बौखलाहट' बता रहे।
यह डील इजरायल के 9 सितंबर दोहा हमले (6 मौतें, हमास लीडर्स निशाना) के बाद आई, जहां अमेरिका की चुप्पी ने अरब देशों को झकझोरा। सऊदी अब यूएस पर भरोसा कम कर रहा। लेकिन भारत के लिए? आसिफ का भारत को 'गीदड़ भभकी' देना साफ है, लेकिन सऊदी-भारत संबंध मजबूत हैं – मोदी की कई यात्राएं, आर्थिक साझेदारी। क्या सऊदी पाकिस्तान के साथ भारत के खिलाफ खड़ा होगा? संदिग्ध।
'समृद्धि प्रदर्शनी' का कनेक्शन? और 'इस्लामिक नाटो' की तैयारी
उपयोगकर्ता का उल्लेख 'समृद्धि प्रदर्शनी' का अस्पष्ट है – शायद विकास योजनाओं का संदर्भ, लेकिन तथ्यों में कोई सीधा लिंक नहीं। न्यूक्लियर पर आसिफ ने जोर दिया: "यह रक्षा है, हमला नहीं। सऊदी ने हमारे प्रोग्राम को फंड किया, अब हम साथ हैं।"
दोहा हमले के बाद 15 सितंबर को 40+ मुस्लिम देशों का समिट। पाकिस्तान ने 'नाटो जैसी जॉइंट फोर्स' का सुझाव दिया। डिप्टी पीएम इशाक डार ने कहा, "न्यूक्लियर पावर पाकिस्तान इस्लामिक कम्युनिटी की जिम्मेदारी निभाएगा।" आसिफ ने जोड़ा: "मुस्लिम देश 'फ्रेंडली एनीमीज' पहचानें, इस्लामिक नाटो बनाएं।" मिस्र 'अरब नाटो' का पुश कर रहा, तुर्की समर्थन में। लेकिन चुनौतियां: आंतरिक प्रतिद्वंद्विता, ईरान का विरोध। भारत के लिए खतरा? पाकिस्तान इसे कश्मीर मुद्दे पर इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन फिलहाल इजरायल-फोकस्ड लगता।
भारत का स्टैंड: सतर्क लेकिन मजबूत
भारत ने डील पर नजर रखी, विदेश मंत्रालय ने कहा: "हम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।" ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया: भारत अब सीमाओं के पार जाकर आतंक को कुचलेगा। सऊदी से आर्थिक संबंध ($100 बिलियन+ निवेश) मजबूत, पाकिस्तान की बौखलाहट सिर्फ दिखावा। X पर एक यूजर ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर अभी रुका है, ट्रिगर पर फिर शुरू।"
क्या यह 'इस्लामिक नाटो' बनेगा? समय बताएगा। लेकिन भारत की रणनीति साफ: शांति चाहते हैं, लेकिन आक्रमण का जवाब देंगे। आपका क्या ख्याल? कमेंट करें!
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