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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025:- महागठबंधन को झटका NDA को फायदा,बिना लड़े गवाई एक सिट

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025:- महागठबंधन को झटका NDA को फायदा,बिना लड़े गवाई एक सिट



    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »


    मोतिहारी, 22 अक्टूबर 2025 ;- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की नामांकन जांच में महागठबंधन को एक और करारा झटका  है। पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली विधानसभा सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह का नामांकन पत्र कागजातों में तकनीकी खामियों के कारण रद्द कर दिया गया। यह सीट महागठबंधन का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन बिना लड़े ही गंवाने से गठबंधन के समर्थकों में निराशा का माहौल है। अब यहां मुकाबला एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता और जन सुराज पार्टी के अजय झा के बीच सीमित हो गया है। यह घटना चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदल सकती है, जहां NDA को फायदा होता दिख रहा है।



    नामांकन रद्द का कारण: प्रस्तावकों की कमी और तकनीकी त्रुटियां

    नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान निर्वाची पदाधिकारी ने पाया कि शशि भूषण सिंह ने केवल एक प्रस्तावक के साथ नामांकन दाखिल किया था, जबकि अनरजिस्टर्ड क्षेत्रीय दल VIP के उम्मीदवार को कम से कम 10 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, ऐसी पार्टियों के प्रत्याशी को अतिरिक्त औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। शशि सिंह ने खुद को RJD प्रत्याशी समझकर केवल एक प्रस्तावक लिया, जो गलती साबित हुई।



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    इसके अलावा, RJD के बागी उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी का नामांकन भी कई कॉलम खाली छोड़ने के कारण रद्द हो गया। कुल 10 नामांकनों में से 5 रद्द हुए, जिनमें AAP, अपनी जनता पार्टी और दो निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं। निर्वाचन कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह फैसला पूरी तरह नियमों के अनुरूप है और इसमें कोई पक्षपात नहीं किया गया।


    शशि भूषण सिंह ने 2020 में VIP टिकट पर यहां जीत हासिल की थी, जहां उन्होंने 65,267 वोटों से BJP के रामचंद्र साहनी को 3,447 वोटों से हराया था। RJD के समर्थन से वे महागठबंधन का मजबूत चेहरा थे, लेकिन यह लापरवाही ने उनकी राजनीतिक पारी पर ब्रेक लगा दिया।


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    चुनावी समीकरण में बदलाव: NDA को मिला फायदा, जन सुराज को मौका

    सुगौली विधानसभा, जो पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, हमेशा से प्रतिस्पर्धी रही है। 2020 से पहले तीन बार BJP के रामचंद्र साहनी यहां जीते थे। अब नामांकन रद्द होने से LJP (रामविलास) के बबलू गुप्ता को सीधी बढ़त मिल गई है, जो चिराग पासवान की पार्टी का मजबूत दांव माना जा रहा है। वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के अजय झा युवा वोट बैंक को लक्षित कर रहे हैं, जो त्रिकोणीय मुकाबले को रोचक बना सकता है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है, "महागठबंधन की यह गलती NDA के लिए वरदान साबित हो सकती है। सुगौली में OBC और EBC वोटर निर्णायक हैं, जहां LJP का प्रभाव मजबूत है।" महागठबंधन अब बैकअप उम्मीदवार तलाश सकता है, लेकिन नाम वापसी की अंतिम तिथि निकल चुकी है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है, और गिनती 14 नवंबर को।


    X (पूर्व ट्विटर) पर इस खबर ने हलचल मचा दी है, हालांकि कुछ पोस्ट्स में पुरानी घटनाओं का जिक्र है। विपक्षी कार्यकर्ता इसे "चुनाव आयोग की साजिश" बता रहे हैं, जबकि NDA समर्थक जश्न मना रहे हैं।


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    VIP और महागठबंधन पर असर: मुकेश साहनी को बड़ा नुकसान

    VIP प्रमुख मुकेश साहनी को यह झटका भारी पड़ा है, क्योंकि शशि सिंह पार्टी के प्रमुख चेहरे थे। महागठबंधन में VIP की भूमिका सीमित है, लेकिन यह घटना गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रही है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में शशि को पार्टी सिंबल सौंपा था, जो अब व्यर्थ साबित हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे महागठबंधन का वोट ट्रांसफर प्रभावित हो सकता है।

    यह घटना बिहार चुनाव की अनिश्चितता को बढ़ा रही है, जहां नामांकन प्रक्रिया में तकनीकी गलतियां पार्टियों को महंगी पड़ रही हैं। क्या यह NDA की रणनीति का हिस्सा है या महागठबंधन की लापरवाही? समय ही बताएगा।



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