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    मां जिंदगी की भीख मांगती रहीं। बेटे ने मां को गले में घोंपा चाकू

    मां जिंदगी की भीख मांगती रहीं। बेटे ने मां को गले में घोंपा चाकू



    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » 

    चंडीगढ़, 22 अक्टूबर 2025 :- दीपावली की पवित्र सुबह एक परिवार का घर खून से सन गया। चंडीगढ़ के सेक्टर-40 में 44 वर्षीय रविंद्र उर्फ रवि ने अपनी 65 वर्षीय मां सुशीला नेगी की क्रूरता से हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस दिल दहला देने वाली घटना का खौफनाक चेहरा उजागर कर दिया है—मां के गले, हाथ, पीठ, पेट और अन्य हिस्सों पर 16 चाकू के घाव, गले में तो चाकू इतना गहरा घुसा कि बचने की कोई गुंजाइश ही न बची। बेटे पर दया न आई, जो जिंदगी की भीख मांगती रहीं। मानसिक तनाव से जूझ रहे आरोपी को क्राइम ब्रांच ने हरियाणा के मुरथल टोल से गिरफ्तार कर लिया। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी पर एक करारा तमाचा भी।


    घटना का खौफनाक विवरण: चीखें गूंजीं, पड़ोसी पहुंचे तो खून का सैलाब

    सोमवार सुबह करीब 7 बजे सेक्टर-40 डी के एक अपार्टमेंट में चीखें गूंजने लगीं। पड़ोसी आकाश बेन्स (40) चाय पी रहे थे, जब रोने की आवाज सुनाई दी। वे दूसरे फ्लोर पर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। कुछ ही मिनटों बाद आरोपी रवि खून से सने कपड़ों में बाहर निकला। अंदर का नजारा देखकर सब सिहर उठे—फर्श पर खून का सैलाब, सुशीला खून से लथपथ बेसुध पड़ी हुईं। मौके पर पहुंची पुलिस ने पुष्टि की कि महिला की मौत हो चुकी थी।


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    पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या के बाद रवि ने कार में कपड़े बदले, घर के पास जंगल में चाकू और खून से सने कपड़े छिपाए, फिर फरार हो गया। क्राइम ब्रांच ने मात्र पांच घंटों में उसे मुरथल टोल से पकड़ लिया। आरोपी को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। FIR सेक्शन 103 (हत्या) के तहत दर्ज की गई है।


    पोस्टमार्टम का खुलासा: 16 घाव, गले में गहरा चाकू, मां ने लड़ी जंग

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने अपराध की भयावहता बयान की। सुशीला के शरीर पर 16 चाकू के निशान—गर्दन में चाकू इतना अंदर घुसा कि धमनी कट गई। हाथ, पीठ, पेट पर भी घाव बताते हैं कि मां ने बचाव की कोशिश की, लेकिन बेटे की क्रूरता ने सब कुछ लील लिया। आरोपी के हाथ पर खरोंचें और चोटें मिलीं, जो मां के संघर्ष की गवाही दे रही हैं। पुलिस को शक है कि चाकू सब्जी काटने वाला नहीं था—संभवतः वारदात से पहले ही आरोपी ने इसे घर में रखा था। यह चाकू अब बरामद हो चुका है।


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    आरोपी का बैकग्राउंड: मानसिक तनाव, पारिवारिक विघटन और पुरानी दुश्मनी

    रवि पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में क्लर्क था, उसके पिता भी PU के पूर्व कर्मचारी थे। परिवार मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है। तीन साल पहले पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई। रवि की पत्नी करीब एक साल पहले सेक्टर-45 के मायके चली गई, बेटी उनके साथ रहती है। बड़ा भाई सेक्टर-40 में परिवार के साथ रहता है, लेकिन घटना के समय विदेश था।

    पड़ोसी पुलकित ने बताया, "रवि और मां के बीच अक्सर झगड़े होते थे। कई बार सुशीला मार से बचने हमारे घर आ जातीं। इलाज चल रहा था—सेक्टर-32 अस्पताल में भर्ती भी रह चुके थे।" मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अनुपचारित तनाव ने इस त्रासदी को जन्म दिया। रवि रात भर बाहर रहने के बाद सुबह लौटा और झगड़े में हत्या को अंजाम दे दिया।


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    पड़ोसियों की मानवीयता: चीखें सुनकर दौड़े, लेकिन देर हो चुकी

    घटना के समय पड़ोसियों की त्वरित प्रतिक्रिया ने स्थिति को संभाला। आकाश बेन्स ने पुलिस को सूचना दी, जबकि पुलकित ने दीवार फांदकर अंदर पहुंचने की कोशिश की। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सुशीला का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने बरामद कार और सबूतों से जांच तेज कर दी है।

    यह घटना मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की पुकार है। क्या एक परिवार का विघटन इतनी क्रूरता को जन्म दे सकता है? विशेषज्ञ कहते हैं—समय पर मदद मिली होती, तो शायद यह त्रासदी टल जाती। चंडीगढ़ पुलिस ने अपील की है कि परिवारों में तनाव के लक्षण दिखें तो तुरंत काउंसलिंग लें। दीपावली की रोशनी में डूबे शहर में यह 

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