बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में वोटर लिस्ट विवाद, महिलाओं को मतदान से रोका—ECI पर नाकामी के आरोप, श्रेया मेहता और अनुपमा शर्मा की पीड़ा ने बढ़ाई सियासी टेंशन
We News 24 :डिजिटल डेस्क »पटना | अपडेटेड: 6 नवंबर 2025, दोपहर 12:45 बजे (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान के बीच पोलिंग बूथों पर वोटरों की लंबी लाइनें लगी हैं, लेकिन एक कड़वी हकीकत भी सामने आ रही है—कई वोटरों को बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा मतदान से रोका जा रहा है। नाम वोटर लिस्ट में होने, डिजिटल पर्ची और वोटर आईडी दिखाने के बावजूद श्रेया मेहता और अनुपमा शर्मा जैसी महिलाओं को 'मतदाता पर्ची न होने' का हवाला देकर वोट डालने से रोक दिया गया। यह घटना चुनाव आयोग (ECI) की नाकामी का प्रतीक बन गई है, खासकर स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के बाद। विपक्ष ने इसे 'वोट चोरी' का हथियार बताया, जबकि ECI ने 'तकनीकी समस्या' करार दिया।
यह विवाद SIR की छाया में हो रहा है, जहां जून 2025 से शुरू हुई पुनरीक्षण प्रक्रिया में 56 लाख नाम कटे—जिनमें 31 लाख महिलाएं। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, "ECI की SIR ने लाखों महिलाओं को वोटर लिस्ट से गायब कर दिया। यह लोकतंत्र पर हमला है!" सुबह 9 बजे तक 12% वोटिंग होने के बावजूद, सोशल मीडिया पर #BiharVotingScam ट्रेंड कर रहा है। एक वोटर, नाम न छापने की शर्त पर, कहते हैं, "नाम लिस्ट में है, लेकिन BLO कहते हैं पर्ची लाओ। सुबह 6:30 से लाइन में खड़े, अब निराशा।"
श्रेया और अनुपमा की दर्दभरी कहानी: 'पर्ची का बहाना, वोट का हक छीना'
छत्तरपुर (पटना जिला) के एक बूथ पर पहुंचीं श्रेया मेहता ने अपनी व्यथा सुनाई: "मेरा नाम सूची में 17वें नंबर पर है, डिजिटल पर्ची भी डाउनलोड की। वोटर आईडी दिखाई, लेकिन BLO ने कहा 'पर्ची नहीं तो वोट नहीं'। ऑनलाइन डाउनलोड कर लो, लेकिन बूथ पर फोन चेक नहीं करते। सुबह 6:30 से लाइन में खड़ी रही, अब निराश होकर लौट रही हूं। पहली बार ऐसा अन्याय।" अनुपमा शर्मा ने जोड़ा, "मुझे भी रोका। नाम लिस्ट में, आईडी है, लेकिन 'पर्ची न होने' का बहाना। अब वोट नहीं डालूंगी। यह हमारा हक है, इसे छीनना अपराध है।"
ये घटनाएं पटना, वैशाली और नालंदा जैसे जिलों से रिपोर्ट हो रही हैं, जहां महिलाओं का वोटर प्रतिशत 47% है। ECI के नियमों के मुताबिक, वोटर आईडी या नाम लिस्ट में होना पर्याप्त है—पर्ची वैकल्पिक। लेकिन BLOs की सख्ती ने कई को निराश किया। एक BLO ने नाम न बताते हुए कहा, "SIR के बाद वेरिफिकेशन सख्त है। पर्ची न होने पर समस्या होती है।"
SIR का काला अध्याय: 56 लाख नाम कटे, महिलाओं पर ज्यादा असर
ECI की SIR (जून 2025) ने वोटर लिस्ट 'शुद्ध' करने का दावा किया, लेकिन 56 लाख नाम कटे—31 लाख महिलाओं के। हिंदू के विश्लेषण से पता चला कि मुस्लिम बहुल जिलों में डिलीशन ज्यादा। विपक्ष का आरोप: BJP की साजिश से वैध वोटर हटाए गए। ECI ने खारिज किया, लेकिन आज की घटनाएं सवाल खड़े करती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2025 में आधार/राशन कार्ड को दस्तावेज मानने से इनकार किया, जिससे समस्या बढ़ी।
महिलाओं पर असर ज्यादा: 35 मिलियन महिला वोटरों में से कई BLO विजिट मिस कर गईं। एक सर्वे (जनता दल) के अनुसार, 20% महिलाओं को पर्ची समस्या का सामना।
ECI की प्रतिक्रिया: 'तकनीकी समस्या, हेल्पलाइन पर संपर्क'
ECI ने कहा, "पर्ची वैकल्पिक है। BLOs को निर्देश दिए। समस्या पर हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करें।" लेकिन ग्राउंड पर देरी। पटना डीएम चंद्रकेश सिंह ने बताया, "50+ शिकायतें मिलीं, BLOs को सतर्क किया। वोटर लाइन में रहें तो वोट डालेंगे।"
विपक्ष ने EC पर 'नाकामी' का ठप्पा लगाया। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "SIR ने महिलाओं को वोट से वंचित किया। यह वोट चोरी है।" NDA का पलटवार: "विपक्ष अफवाह फैला रहा।"
क्या करें वोटर? तुरंत समाधान
हेल्पलाइन: 1950 या ceoelection.bihar.gov.in पर शिकायत।
दस्तावेज: वोटर आईडी, पासपोर्ट, पासबुक पर्याप्त।
BLO संपर्क: स्थानीय BLO से पर्ची लें।
लाइन में रहें: शाम 6 बजे तक कतार में रहने वाले वोट डाल सकेंगे।
यह विवाद चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। क्या ECI सुधरेगी, या महिलाओं का वोट दबेगा? बिहार की 1.8 करोड़ महिला वोटरों की आवाज दबेगी नहीं—यह लोकतंत्र का इम्तिहान है।
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