दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है इस्लाम ,हिंदू, ईसाई और बौद्ध धर्म को लेकर खुलासा
We News 24 :डिजिटल डेस्क » लेखक वरिष्ठ पत्रकार ,दीपक कुमार
नई दिल्ली, 13 नवंबर, 2025 :- हाल के वर्षों में, सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्टों में इस्लाम के तेज़ी से प्रसार की चर्चाएँ ज़ोरों पर रही हैं। प्यू रिसर्च सेंटर (वाशिंगटन, डी.सी.) की एक नई शोध रिपोर्ट आँकड़ों के साथ इस दावे का समर्थन करती है। 2010 और 2020 के बीच, वैश्विक धार्मिक जनसंख्या में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए, जिसमें इस्लाम सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले धर्म के रूप में उभरा। रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान मुस्लिम जनसंख्या में 347 मिलियन की वृद्धि हुई, जो कुल वैश्विक वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा है। ईसाई धर्म सबसे बड़ा धर्म बना हुआ है, लेकिन इसकी हिस्सेदारी में गिरावट आई है। हिंदू धर्म चौथे स्थान पर स्थिर बना हुआ है, लेकिन खाड़ी और अफ्रीका में इसकी वृद्धि उल्लेखनीय रही है। आइए इस प्यू रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों पर एक नज़र डालते हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर अध्ययन: वैश्विक धार्मिक जनसंख्या परिवर्तन
प्यू रिसर्च सेंटर ने 2,700 से अधिक जनगणनाओं, सर्वेक्षणों और जनसंख्या रजिस्टरों के आधार पर 201 देशों और क्षेत्रों (दुनिया की 99.98% आबादी को कवर करते हुए) का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में प्रजनन दर, आयु वितरण, मृत्यु दर, प्रवास और धर्मांतरण जैसे कारक शामिल थे। वैश्विक जनसंख्या 2010 में 6.9 अरब से बढ़कर 2020 में 7.8 अरब हो गई। मुख्य निष्कर्ष:
इस्लाम का विकास: मुस्लिम जनसंख्या 1.7 अरब से बढ़कर 2 अरब हो गई (21% की वृद्धि), जो विश्व की जनसंख्या का 25.6% है (2010 में 23.9% से ऊपर)। इसके मुख्य कारण युवा जनसंख्या (औसत आयु कम) और उच्च जन्म दर हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि (16.2%) देखी गई।
ईसाई धर्म: 2.3 अरब अनुयायी (जनसंख्या का 29%), लेकिन 2010 के 30.6% से गिरावट। वृद्धि केवल 12.2 करोड़ रही, जिसका मुख्य कारण धार्मिक परिवर्तन (धर्म-विच्छेद) था।
हिंदू धर्म: 1.2 अरब (जनसंख्या का 14.9%), स्थिर हिस्सेदारी। कुल वृद्धि लगभग 12% रही, लेकिन खाड़ी और अफ्रीका में 62% की वृद्धि हुई। अधिकांश हिंदू भारत में केंद्रित हैं।
बौद्ध धर्म: 324 मिलियन (4.1%), 5% की गिरावट (19 मिलियन कम)। पूर्वी एशिया में बदलाव और कम जन्म दर इसके कारण हैं।
धार्मिक रूप से असंबद्ध (नास्तिक/अज्ञेयवादी): 1.2 बिलियन (16%), 0.9% की वृद्धि। उत्तरी अमेरिका में 13% की वृद्धि।
वैश्विक धार्मिक रैंकिंग (2020 के आंकड़े, हिंदू धर्म को छोड़कर प्रमुख धर्म)
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू धर्म (14.9%) चौथे स्थान पर है। अन्य प्रमुख धर्मों की रैंकिंग (विश्व जनसंख्या के प्रतिशत में) निम्नलिखित है:
| रैंक | धर्म | 2020 जनसंख्या (अरब में) | विश्व हिस्सेदारी (%) | 2010-2020 वृद्धि (%) |
|---|---|---|---|---|
| 1 | ईसाई धर्म | 2.3 | 28.8 | +5.6 (122 मिलियन) |
| 2 | इस्लाम | 2.0 | 25.6 | +21 (347 मिलियन) |
| 3 | धार्मिक असंबद्ध | 1.2 | 16.0 | +0.9 |
| 4 | हिंदू धर्म | 1.2 | 14.9 | +12 |
| 5 | बौद्ध धर्म | 0.32 | 4.1 | -5 |
| 6 | लोक धर्म/अन्य | 0.43 | 5.6 | +10 |
| 7 | यहूदी धर्म | 0.015 | 0.2 | +2 |
स्रोत: प्यू रिसर्च सेंटर, 2025 (नोट: लोक धर्म में सिख, जैन आदि शामिल; यहूदी सबसे कम लेकिन उच्च आयु व उर्वरता दर।)
वृद्धि को प्रेरित करने वाले प्रमुख कारक
जनसांख्यिकी: मुसलमान युवा हैं (औसत आयु 24 वर्ष) और उनकी प्रजनन दर (प्रति महिला 2.9 बच्चे) उच्च है, जबकि ईसाई (31 वर्ष) और हिंदू (29 वर्ष) अपेक्षाकृत कम हैं।
प्रवासन: यूरोप में मुसलमानों की हिस्सेदारी 6% है (2010 से +1%)। खाड़ी देशों में हिंदू/ईसाई प्रवासियों की संख्या में वृद्धि।
धार्मिक परिवर्तन: 7.2 करोड़ ईसाइयों की कमी; असंबद्ध ईसाइयों की संख्या में वृद्धि।
यह रिपोर्ट प्यू-टेम्पलटन ग्लोबल रिलीजियस फ्यूचर्स प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो धार्मिक परिवर्तन के सामाजिक प्रभाव का विश्लेषण करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 तक मुसलमान ईसाइयों से आगे निकल सकते हैं। यह बदलाव बहुलवाद को बढ़ावा देगा, लेकिन धार्मिक तनावों पर भी नज़र रखने की ज़रूरत है।
सनातन की जय!
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