केंद्र के मोदी सरकार ने अरावली पहाड़ी का डेथ वारंट,दिल्ली-NCR की हवा और पानी पर होगा बड़ा खतरा?
We News 24 : डिजिटल डेस्क » संवाददाता अमित मेहलावत
नई दिल्ली :- दिल्ली और NCR इन दिनों गंभीर एयर प्रदुषण से झुझ रहा है .यंहा लोगो की जान मुश्किल में है केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के सभी दावे भी खोखली साबित हो रही है दिन पर दिन स्तिथि और गम्भीर होता जा रहा है .दिल्ली और NCR में रहने वालो की जिन्दगी के पल घट रहे है .ऐसे में अरावली हिल्स की डेफिनिशन में केंद्र सरकार के हालिया बदलाव से एनवायरनमेंटल एक्सपर्ट्स और पॉलिटिकल पार्टियों में गुस्सा है। 20 नवंबर, 2025 को सुप्रीम कोर्ट से मंज़ूर इस नई डेफिनिशन के तहत, सिर्फ़ 100 मीटर से ज़्यादा ऊंचाई वाले लैंडफ़ॉर्म ही अरावली कैटेगरी में गिने जाएंगे। इसका मतलब है कि अरावली हिल्स की लगभग 90% निचली पहाड़ियां और ऊंचे इलाके अब माइनिंग और कंस्ट्रक्शन जैसी एक्टिविटीज़ के लिए खुल सकते हैं, जिससे दिल्ली-NCR की हवा और पानी की क्वालिटी के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और यूपीए की पूर्व चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर अरावली की पहाड़ियों को तबाह करने का गंभीर आरोप लगाया है। द हिंदू अखबार में बुधवार को प्रकाशित अपने विशेष लेख में सोनिया गांधी ने लिखा है कि सरकार ने अरावली के लिए “डेथ वारंट” जैसा कदम उठा दिया है।
सोनिया गांधी ने दावा किया कि हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर अरावली की उन पहाड़ियों में खनन की छूट दे दी है, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 100 मीटर से कम है। उनका कहना है कि इस फैसले से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली-एनसीआर को ऑक्सीजन देने वाली इस प्राकृतिक संपदा को हमेशा के लिए खत्म करने का रास्ता खुल जाएगा।
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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने लेख में लिखा,
“यह सिर्फ पहाड़ियां नहीं हैं, यह दिल्ली-एनसीआर की जल सुरक्षा और हवा की गुणवत्ता का आधार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार अरावली में खनन पर रोक लगाई थी, लेकिन अब केंद्र सरकार खुद ही उस सुरक्षा कवच को हटा रही है। यह पर्यावरण के साथ विश्वासघात है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला खनन माफिया और रियल एस्टेट लॉबी के दबाव में लिया गया लगता है, जिसके चलते आने वाली पीढ़ियां भयंकर जल संकट और प्रदूषण की मार झेलेंगी।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक जोर-शोर से उठाएगी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी जल्द ही अरावली बचाओ अभियान को फिर से तेज करने वाले हैं।
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