बांग्लादेश में हिंदू युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की, शव को पेड़ से लटकाकर लगाई आग
We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️रिपोर्ट: वी न्यूज 24, ढाका ब्यूरो
ढाका/मैमनसिंह। बांग्लादेश इन दिनों भयंकर राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा की चपेट में है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में भड़की आगजनी और प्रदर्शनों के बीच एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में कथित ईशनिंदा के शक में एक हिंदू युवक को उग्र भीड़ ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने शव को पेड़ से लटकाकर आग के हवाले कर दिया। ये सब कुछ ढाका-मैमनसिंह हाईवे पर हुआ, जहां ट्रैफिक जाम हो गया और अफरा-तफरी मच गई।
मृतक की पहचान 30 साल के दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है। दीपू मूल रूप से ताराकांडा उपजिला के रहने वाले थे और भालुका के स्क्वायर मास्टरबारी इलाके में पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। किराए के मकान में रहते थे। स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के मुताबिक, विश्व अरबी भाषा दिवस पर फैक्ट्री में हुए एक कार्यक्रम में दीपू पर पैगंबर मुहम्मद साहब के बारे में अपमानजनक बात कहने का इल्जाम लगा। बस ये अफवाह फैली और देखते-देखते गुस्साई भीड़ फैक्ट्री के बाहर जमा हो गई।
भालुका थाने के ड्यूटी अफसर रिपन मिया ने बताया कि रात करीब 9 बजे भीड़ ने फैक्ट्री का गेट तोड़ दिया और दीपू को बाहर घसीट लिया। "लोग चिल्ला रहे थे, हाथ-पैर से मार रहे थे। हम पहुंचे तो स्थिति कंट्रोल में लाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।" शव को बाद में मैमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम होगा। अभी तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है, क्योंकि दीपू के परिवार वालों का पता लगाया जा रहा है।
ये घटना उस वक्त हुई जब पूरा देश शरीफ उस्मान हादी की मौत पर उबाल पर है। हादी, जो इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और ढाका-8 से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे, सिंगापुर में इलाज के दौरान गुजर गए। उनकी मौत के बाद ढाका समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने अखबारों के दफ्तरों में आग लगा दी, अवामी लीग के ऑफिसों पर हमले किए। लेकिन भालुका जैसे छोटे कस्बे में ये सांप्रदायिक रंग ले लिया, जो अल्पसंख्यकों की सेफ्टी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
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मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने इस हत्याकांड की सख्त निंदा की है। सरकार के बयान में कहा गया, "नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है। मैमनसिंह में हिंदू भाई की पीट-पीटकर हत्या करने वालों को किसी सूरत बख्शा नहीं जाएगा। सभी हिंसक घटनाओं की जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।" सरकार ने हादी की मौत पर भड़की हिंसा पर भी अफसोस जताया और लोगों से अपील की कि शहीद हादी को सच्ची श्रद्धांजलि शांति और संयम से ही दी जा सकती है। नफरत, आगजनी और तोड़फोड़ लोकतंत्र के खिलाफ है।
भालुका के लोकल लोग बताते हैं कि इलाका पहले शांत था, लेकिन अफवाहें फैलते ही माहौल बिगड़ गया। एक चश्मदीद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "भाई, ये सब इतनी जल्दी हुआ कि कोई समझ ही नहीं पाया। पुलिस आई, लेकिन भीड़ ज्यादा थी। अब डर का माहौल है।"
वी न्यूज 24 इस घटना की कड़ी निंदा करता है और उम्मीद करता है कि सरकार जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ेगी। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा देश की एकता के लिए जरूरी है।
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