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    पश्चिम बंगाल में 5 लाख लोग, एक साथ पढ़ा गीता … बागेश्वर बाबा ने ठोका छाती –“हमें भगवा-ए-हिंद चाहिए, गजवा-ए-हिंद नहीं!”


    पश्चिम बंगाल में 5 लाख लोग, एक साथ पढ़ा गीता … बागेश्वर बाबा ने ठोका छाती –“हमें भगवा-ए-हिंद चाहिए, गजवा-ए-हिंद नहीं!”


    We News 24 : डिजिटल डेस्क »वी न्यूज 24 संवाददाता,अभिषेक मुखर्जी, कोलकाता,07 दिसंबर 2025, शाम 7:20 बजे 


    कोलकाता। रविवार का दिन और ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर ऐसा नजारा जो सालों तक लोग भूल नहीं पाएँगे। सुबह से ही लाल-पीले झंडे, केसरिया पटके, माथे पर तिलक लगाए लाखों लोग जमा होने लगे। कोई ट्रेन से, कोई बस से, कोई तो पैदल ही बंगाल के कोने-कोने से चलकर आ गए। वजह? देश के सबसे बड़े सामूहिक भगवद गीता पाठ का आयोजन – “लोक्खो कंठे गीता पाठ”।


    आयोजकों का दावा है – पूरे 5 लाख लोग एक साथ बैठे और एक स्वर में गीता के श्लोक गूँजते रहे। माहौल देखकर तो सच में लगा जैसे कोलकाता में कोई मिनी कुंभ लग गया हो। मंच पर बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी पहुँचे। जैसे ही वो बोले, पूरा मैदान “जय श्री राम” से गूँज उठा।



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    धीरेंद्र शास्त्री ने सीधा संदेश दे डाला –

    “आज पश्चिम बंगाल की इस पावन धरती पर 5 लाख लोग एक साथ गीता पढ़ रहे हैं। जोश देखकर दिल भर आया। सनातन एकता ही दुनिया को शांति दे सकती है। भारत को सनातनी चाहिए भाई, तनातनी नहीं। हमें भगवा-ए-हिंद चाहिए, गजवा-ए-हिंद बिल्कुल नहीं!”

    उनका इशारा साफ था – मुर्शिदाबाद में चल रहे नई बाबरी मस्जिद विवाद के बीच ये कार्यक्रम एक बड़ा मैसेज दे गया।


    गीता प्रचार समिति के लोगों ने बताया, “हमारा मकसद सिर्फ बंगाल की पुरानी आध्यात्मिक विरासत को जिंदा करना था। गीता के जरिए समाज में भाईचारा बढ़े, बस यही सोचा था। इतने लोग आएँगे, सपने में भी नहीं सोचा था।”


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    मैदान पर बच्चे, बूढ़े, महिलाएँ, साधु-संत – सबके सब एक साथ गीता पढ़ते दिखे। कई लोग तो रोने लगे जब पूरा मैदान “कर्मण्येवाधिकारस्ते…” गूँज उठा।

    बंगाल में इससे पहले इतना बड़ा गीता पाठ कभी नहीं हुआ। लोग कह रहे हैं – ये सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, सनातनियों का एक खुला संदेश था।


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