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    टोल की कतार, धुएँ का पहाड़!: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, एमसीडी को टोल पर ताला लगाने का आदेश

    टोल की कतार, धुएँ का पहाड़!: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, एमसीडी को टोल पर ताला लगाने का आदेश


    We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️ रिपोर्टर राजीव यादव ,वी न्यूज 24 के लिए,नई दिल्ली


    नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2025 (वी न्यूज 24): दिल्ली-एनसीआर की सांस घोंट रहे प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक और सख़्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली और गुरुग्राम की सीमा पर लगने वाले एमसीडी टोल प्लाजा को प्रदूषण का एक प्रमुख हत्यारा माना है। अदालत ने आदेश दिया है कि अगले साल 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक, यानी सर्दियों के सबसे प्रदूषित महीनों में, इस टोल प्लाजा से कोई टोल नहीं वसूला जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि एमसीडी अगले एक हफ़्ते में इस टोल प्लाजा को शिफ्ट करने का विकल्प विचार करे।


    "कनॉट प्लेस में भी लगा दोगे टोल!": जस्टिस सूर्यकांत ने लगाई तीखी फटकार

    मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान एमसीडी पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस में भी पैसा वसूलना शुरू कर देंगे।" यह टिप्पणी तब की गई जब अदालत को बताया गया कि टोल प्लाजा के आसपास लगने वाले कई किलोमीटर लंबे जाम से वाहनों का धुआं सीधे हवा में घुल रहा है।


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    सीजेआई ने कहा, "ये कोई आरोप नहीं, ये सच्चाई है। हर दिन लोग इस प्रदूषण से जूझ रहे हैं। लोग इतने डर गए हैं कि शादी-समारोह में भी शामिल होने से कतरा रहे हैं।"


    गुरुग्राम वालों के लिए भी राहत की उम्मीद

    कोर्ट में यह भी पेश हुआ कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, गुरुग्राम में भी एमसीडी टोल की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसलिए कोर्ट के इस आदेश से गुरुग्राम के लोगों को भी सर्दियों में राहत मिलने की उम्मीद है।


    "पहले लोग, फिर पैसा": कोर्ट का स्पष्ट संदेश

    अदालत ने एमसीडी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को यह साफ संदेश दिया है कि लोगों की सेहत पैसे से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने एनएचएआई से कहा कि वह टोल वसूलने और उसका हिस्सा एमसीडी को देने का वैकल्पिक रास्ता ढूंढे, ताकि एमसीडी के राजस्व पर भी ज़्यादा असर न पड़े।


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    विशेषज्ञ और आम लोग क्या कहते हैं?

    वी न्यूज 24 के रिपोर्टर राजीव यादव ने टोल प्लाजा के आसपास रहने वाले लोगों से बात की। गुरुग्राम के रहने वाले और रोज़ाना इस रास्ते से गुजरने वाले संदीप वर्मा ने कहा, "ये टोल हमारे लिए सजा बन गया है। सुबह-शाम दो-दो घंटे का जाम, और उसमें सांस लेते हुए धुएं का गुबार... कोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है।"


    पर्यावरणविद् डॉ. अनिल जैन ने इसे एक साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा, "टोल प्लाजा जैसे हॉटस्पॉट पहचानकर उन पर कार्रवाई करना ज़रूरी था। यह फैसला दिखाता है कि प्रदूषण से निपटने के लिए पारंपरिक उपायों के अलावा ठोस और साहसिक कदम उठाने होंगे।"


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    अब क्या होगा आगे?

    अब एमसीडी और एनएचएआई को कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अगले सप्ताह तक एक ठोस योजना पेश करनी होगी। टोल प्लाजा को शिफ्ट करना होगा या फिर अगले साल की सर्दियों में चार महीने के लिए टोल रोकने की व्यवस्था करनी होगी। वी न्यूज 24 इस मामले पर नज़र बनाए हुए है और हर नई डेवलपमेंट आप तक पहुँचाएगा।


    संक्षेप में:

    कारण: टोल के पास लगने वाले भीषण जाम से होने वाला प्रदूषण।

    अगला कदम: एमसीडी को एक हफ्ते में टोल प्लाजा शिफ्ट करने का प्लान बनाना होगा।

    कोर्ट की फटकार: "पैसों के लिए कनॉट प्लेस में भी टोल लगा दोगे!"


    (यह रिपोर्ट वी न्यूज 24 के रिपोर्टर राजीव यादव ने तैयार की है।)


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