राहुल गाँधी बोल रहे हैं पाकिस्तान की भाषा,राहुल क्यों नहीं पूछते कि हमने कितने पाकिस्तानी फाइटर जेट मार गिराए?
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🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क
📍नई दिल्ली | अपडेट:20 मई 2025
✍ रिपोर्ट : कुनाल शेरावत | 🔖 श्रेणी: राष्ट्रीय ,राजनीति,
नई दिल्ली, 20 मई 2025 — भारत में राजनीतिक गर्माहट अभी थमी नहीं है, खासकर तब जब बात हो रही है भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एयरस्ट्राइक ऑपरेशन 'ऑपरेशन सिंदूर' की। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं कि भारत ने पाकिस्तान को पहले सूचित क्यों किया, और इसके परिणामस्वरूप कितने पाकिस्तानी जेट गिराए गए? इस पर भाजपा ने तीखा पलटवार किया है, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
राहुल गांधी का आरोप और विदेश मंत्रालय का खंडन
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से पहले पाकिस्तान को सूचित किया, जिससे भारतीय सेना की रणनीति प्रभावित हो सकती है। उनका तर्क है कि इससे देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसके जवाब में, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ किए गए इस ऑपरेशन के बारे में किसी भी देश को पूर्व सूचना नहीं दी थी।
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भाजपा का तीखा जवाब: कितने जेट गिराए? क्यों नहीं पूछते
भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर कहा, "राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। क्यों नहीं पूछते कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट गिराए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ऑपरेशन की सफलता पर बधाई क्यों नहीं दी?"
भाजपा का तर्क है कि भारत ने इस ऑपरेशन में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है, और सवाल करना चाहिए कि कितने पाकिस्तानी विमान नष्ट हुए। भाजपा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने न तो भारतीय सेना की सफलता का जिक्र किया और न ही इस ऑपरेशन के दौरान कितने पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए, इसका जिक्र किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था, "हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए स्पष्ट संदेश भेजा कि भारत हमला कर रहा है, न कि सेना पर। हमने पाकिस्तान को पहले ही सूचित नहीं किया था, क्योंकि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपने लक्ष्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
राजनीतिक माहौल में बड़ी बहस
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब भारत पाकिस्तान के साथ सैन्य स्तर पर तनाव के दौर से गुजर रहा है। राहुल गांधी का यह सवाल विपक्ष में चर्चा का विषय बन गया है, जबकि भाजपा इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना की सफलता का समर्थन कर रही है।
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क्या है आगे का रास्ता?
यह सवाल अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार की रणनीति पर सवाल उठाना कितना उचित है। वहीं, सरकार और भाजपा का तर्क है कि भारत की सैन्य ताकत को न समझना और सिर्फ यह पूछना कि कितने जेट गिराए गए, सही नहीं है।
यह विवाद भारत की सुरक्षा और राजनीतिक जिम्मेदारी के बीच की जटिलता को उजागर करता है। जैसे-जैसे यह मामला गरमाता जाएगा, राजनीतिक दलों के बीच बहस और तीखी होगी, वहीं देश की सुरक्षा रणनीति पर भी सवाल उठेंगे। जनता को चाहिए कि वे सही जानकारी और विश्वसनीय रिपोर्ट के आधार पर ही अपनी राय बनाएं।
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