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    वोटर लिस्ट से नाम गायब! क्या चुनाव आयोग बिहार में कर रहा पक्षपात? जाने दिल्ली के प्रवासी मतदाताओं ने क्या कहा

    वोटर लिस्ट से नाम गायब! क्या चुनाव आयोग बिहार में कर रहा पक्षपात? जाने दिल्ली के प्रवासी मतदाताओं ने क्या कहा


    🗣️ We News 24 विशेष रिपोर्ट | प्रियंका जयसवाल , नई दिल्ली


    बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इसी क्रम में चुनाव आयोग ने राज्यभर में मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) अभियान तेज कर दिया है। लेकिन अब यह अभियान राजनीतिक विवाद और जनता की नाराजगी का कारण बनता जा रहा है।

    🔥 विपक्ष के आरोप: नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं

    राज्य की विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि:

    1. मतदाता सूची से नाम हटाने का कार्य स्थल निरीक्षण किए बिना किया जा रहा है।
    2. खास समुदायों को टारगेट कर उनके नाम हटाए जा रहे हैं
    3. इससे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है।



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    📍 दिल्ली में रह रहे प्रवासी बिहारियों की प्रतिक्रिया:

    दिल्ली जैसे महानगर में लाखों बिहारी प्रवासी रहते हैं — उनमें से कइयों के वोट आज भी बिहार में ही दर्ज हैं। जब We News 24 ने इन प्रवासियों से बातचीत की, तो उनकी पीड़ा और नाराजगी साफ झलकती थी।

    🧑‍🏭 “बिना जांच के नाम काट रहे हैं”

    सुनील कुमार, पटना निवासी (शकरपुर, दिल्ली):

    “मैं आज भी बिहार का स्थायी निवासी हूं। लेकिन मेरा नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। बीएलओ कभी घर आए ही नहीं। ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा तो है, पर गांवों में स्मार्टफोन नहीं है — मजदूर वर्ग क्या करेगा?”

    💬 “2 महीने का समय भी नहीं दिया गया”

    “बहुत लोग अपने गांव जाकर नाम जुड़वाना चाहते हैं, लेकिन इतनी जल्दी में कैसे संभव होगा? चुनाव आयोग को कम से कम 2-3 महीने का समय देना चाहिए।”


    🧑‍💼 “बीएलओ घर आए बिना ही नाम काट देते हैं”

    नितेश चौरसिया, सिवान निवासी (लक्ष्मीनगर, दिल्ली):

    “हम दिल्ली में काम करते हैं लेकिन वोट बिहार में है। बीएलओ जब घर पर नहीं पाता, तो नाम काट देता है। क्या हम प्रवासी होना ही अपराध हो गया?”


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    कुछ लोगों ने कहा – यह सही कदम है

    जहां कई लोगों ने पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाए, वहीं कुछ ने इसका समर्थन भी किया।

    🙌 “अवैध मतदाताओं की सफाई हो रही है”

    रणबीर कुमार, पटना निवासी (गणेश नगर, दिल्ली):

    “बिहार में नेपाल और बांग्लादेश से आए लोग फर्जी तरीके से वोटर कार्ड बनवा चुके हैं। अब ऐसे नाम हटाना जरूरी है। यह प्रक्रिया बिहार के असली नागरिकों के लिए बेहतर है।”

    सुभाष चंद्र, बख्तियारपुर निवासी (पांडव नगर, दिल्ली):

    “37 लाख फर्जी नामों को हटाया गया है। इससे असली मतदाताओं को लाभ मिलेगा और सरकारी योजनाएं सही लोगों तक पहुंचेंगी।”


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    🧾 वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या सुधारने का आसान तरीका

    🔹 ऑनलाइन (https://voters.eci.gov.in/)

    1. "Fill Enumeration Form Online" पर क्लिक करें

    2. मोबाइल OTP से लॉगिन करें

    3. जानकारी भरें + अंगूठा या हस्ताक्षर फोटो अपलोड करें

    4. दस्तावेज़ अपलोड करें

    5. Submit करके SMS द्वारा सूचना प्राप्त करें

    🔹 ऑफलाइन

    • BLO या निर्वाचन कार्यालय जाकर फॉर्म 6 भरें

    • पहचान पत्र और पता प्रमाण साथ दें

    • रसीद प्राप्त करें


    📌 निष्कर्ष: लोकतंत्र की जड़ें मतदाता से ही मजबूत होती हैं

    • मतदाता सूची पुनरीक्षण जिम्मेदारी भरा कार्य है।

    • लेकिन पारदर्शिता, समय, और जमीनी सत्यापन के बिना यह लोकतांत्रिक संकट बन सकता है।

    • प्रवासी बिहारी मतदाताओं की यह तकलीफ अनसुनी नहीं रहनी चाहिए

    👉 चुनाव आयोग को चाहिए कि वह पुनरीक्षण प्रक्रिया में ईमानदारी और मानवीय दृष्टिकोण लाए।
    👉 सरकारों को चाहिए कि वे प्रवासी भारतीयों की वोटिंग सुविधा को डिजिटल, सरल और हर वर्ग के लिए सुलभ बनाएं।



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