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    🚱 बूँद-बूँद को तरसता सीतामढ़ी! जब चापाकल भी जवाब दे दे तो समझिए पानी नहीं, सिस्टम सूख गया है

     

    🚱 बूँद-बूँद को तरसता सीतामढ़ी! जब चापाकल भी जवाब दे दे तो समझिए पानी नहीं, सिस्टम सूख गया है
    तस्वीर कोट बाजार, शैलेश स्थान, वार्ड नंबर 17



    ✍️ We News 24 | दीपक कुमार वरिष्ठ पत्रकार  विशेष रिपोर्ट | 

    सीतामढ़ी, बिहार:- एक समय था जब बिहार की पहचान नदियों और उपजाऊ भूमि से होती थी। लेकिन आज हालात यह हैं कि नदियों की बाढ़ हो या ज़मीन के नीचे सूखा — बिहार का ज़्यादातर हिस्सा जल संकट के भंवर में फँस चुका है

    सीतामढ़ी, उत्तर बिहार का एक प्रमुख जिला, इन दिनों गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि घरों में लगे नल हों या चापाकल — कहीं से भी पानी नहीं आ रहा। यह नजारा अब सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं रहा, सीतामढ़ी जैसे छोटे शहरों में भी पानी के टैंकरों से आपूर्ति हो रही है।


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    💧 नल जल योजना: वादे में पानी था, ज़मीन पर नहीं

    बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी "नल जल योजना" का आज वही हाल हो चुका है जो खाली टंकी का होता है — ऊपर से चमकदार, अंदर से सूखा।

    सीतामढ़ी जिले में नल जल योजना के तहत बनाई गई टंकियाँ हों या बिछाई गई पाइपलाइन — सब शोपीस बनकर रह गई हैं। टंकी तो दूर, मोटर भी पानी नहीं खींच पा रही और जो कभी गांवों की जान माने जाने वाले चापाकल, आज खुद बेबस खड़े हैं




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    🚨 प्रशासनिक विफलता का जीता-जागता उदाहरण

    इस जल संकट ने साफ कर दिया है कि:

    "नल जल योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह असफल रहा है।"

    अगर योजना को सही से लागू किया गया होता, तो आज घरों में पानी पहुँचता, न कि पानी के टैंकरों की लाइन लगती।


    🧍‍♂️ जनता कह रही है — अब तो सरकार भी सूखी लगने लगी है

    पानी की टंकी भरवाने के लिए लोग घंटों इंतज़ार कर रहे हैं। बच्चे बाल्टी लेकर दौड़ रहे हैं, महिलाएं लाइन में खड़ी हैं, और बुजुर्गों की आँखें आसमान की ओर।

    "अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में सीतामढ़ी के लोग हर बूँद के लिए संघर्ष करेंगे।"




    🔍 जिम्मेदारी तय होनी चाहिए

    • क्या सिर्फ मौसम ज़िम्मेदार है?
    • क्या प्रशासन ने जलस्तर गिरने के संकेतों को नज़रअंदाज़ किया?
    • क्या करोड़ों की योजना सिर्फ फाइलों में पूरी हुई?


    📣 We News 24 की जनहित में माँग:

    1. जल आपूर्ति व्यवस्था की स्वतंत्र ऑडिट कराई जाए।

    2. नल जल योजना के ठेकेदारों और इंजीनियरों की जवाबदेही तय की जाए।

    3. जल संरक्षण अभियान चलाकर गिरते भूजल स्तर को रोका जाए।


    🧭 हमारी बात आपके साथ

    We News 24 लगातार आम जनता के मुद्दों को ज़मीन से उठाकर मंच तक पहुंचाता रहा है।
    सीतामढ़ी के जल संकट पर हम आने वाले दिनों में रिपोर्ट, जनता की प्रतिक्रिया और प्रशासनिक जवाबदेही पर विशेष श्रृंखला प्रस्तुत करेंगे।



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